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#छुटेली, इस तरह की औरतों के लिए सिर्फ़ पैसा ही भगवान होता है!
महाराज हरिश्चंद्र ================== #छुटेली एक समय था जब समाज में महिलाओं की सिर्फ तीन ही केटेगरी हुआ करती थीं…. #अविवाहित, #विवाहित और #विधवा । लेकिन आधुनिक समय में स्त्रियों की एक केटेगरी और बढ़ गयी, वह है #छुटेली । शायद कुछ लोग कन्फ्यूज होंगे कि यह कौन सी केटेगरी है ? तो मैं व्याख्या करती […]
मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में…. शक़ील सिकंद्राबादी की दो ग़ज़लें
Shakeel Sikandrabadi =============== ग़ज़ल मेरी गुफ्तार सदाक़त का बयाँ ठहरी है मेरी हर बात यूँ ज़ालिम को गिराँ ठहरी है हाए ये कैसा रहे इश्क़ में आया है मक़ाम बात करने लगीं आँखें तो ज़बाँ ठहरी है मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में ऐ ख़ुशी ये तो बता दे तू कहाँ ठहरी है […]
धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे!
Kavita Krishnapallavi ============== धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे! ये इक्कीसवीं सदी के शुरुआती सौभाग्यशाली दशक थे जब विकटतम तिमिराच्छन्न दिनों के बावजूद हिन्दी भाषा के सभी अच्छे कवि इतने अच्छे थे, इतने अच्छे थे कि फ़ासिस्ट और हत्यारे तक उनकी कविताई के क़ायल थे I उनके दिल इतने अच्छे थे, इतने […]