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कर्नाटक की जनता ने ED, इनकम टेक्स, EVM, चुनाव आयोग के दबाव, बजरंगदल, आरएसएस/बीजेपी की नफ़रत को नकार दिया

कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर मतगणना के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनना लगभग तय हो गया है।

भारतीय निर्वाचन आयोग के मुताबिक, शनिवार साढ़े आठ बजे तक 219 सीटों के नतीजे आए, जिनमें से कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है जबकि भाजपा को 66 सीटों पर जीत मिली है।

त्रिशंकु विधानसभा की आस लगाए बैठे जनता दल (सेकुलर) के लिए भी चुनावी नतीजे निराशाजनक रहे, उसे केवल 19 सीटों पर जीत मिली. पिछले विधानसभा चुनाव में जेडी (एस) के खाते में 37 सीटें आई थीं और कांग्रेस के सहयोग से एचडी कुमारास्वामी मुख्यमंत्री बने थे।

बहरहाल, पिछले विधानसभा चुनावों से तुलना करें तो कांग्रेस 56 सीटों के फ़ायदे में रही है, वहीं भाजपा को 39 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। 2018 के विधानसभा चुनावों में दोनों दलों को क्रमश: 80 और 104 सीटें मिली थीं।

मत प्रतिशत के लिहाज से देखें, तो कांग्रेस को 42.93 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं, भाजपा को 35.95 और जेडी (एस) को 13.32 फीसदी मत मिले हैं। बता दें कि चुनाव में 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।

उधर कुछ प्रमुख नामों की बात करें तो लिंगायत समुदाय के बड़े नेता और भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से हार गए हैं, वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर को भी हार का सामना करना पड़ा है, एक और मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता वी. सोमन्ना दो सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों पर ही हार गए हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और तमिलनाडु के प्रभारी सीटी रवि भी कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए हैं। भाजपा के एक तिहाई से अधिक मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है, हारने वाले मंत्रियों शिक्षा मंत्री बीसी नागेश भी शामिल हैं जो राज्य में शिक्षा के भगवाकरण को बढ़ावा देने और मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के मुखर विरोधी रहे थे।

हालांकि, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अपनी शिग्गांव सीट पर 35 हज़ार से अधिक मतों से जीतने में सफल रहे। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते जेडी (एस) उम्मीदवार निखिल कुमारास्वामी को भी हार का सामना करना पड़ा है।

वहीं, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कनकपुरा विधानसभा से बहुत ही बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे भी जीतने में सफल रहे।

बोम्मई सरकार में उप-मुख्यमंत्री रहे लक्ष्मण सावदी, जो भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने से इनकार करने पर कांग्रेस में चले गए थे, ने भी जीत दर्ज की है। उन्होंने अठानी सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को हरा दिया।

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया भी वरुणा सीट पर जीत गए हैं. सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री बनने के प्रबल दावेदार हैं। इस बीच, कांग्रेस ने कर्नाटक में जीत का श्रेय राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को दिया है।

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जीत की बधाई दी है। वहीं, राहुल गांधी ने कर्नाटक में जीत को नफरत पर मोहब्बत की जीत करार दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री बोम्मई ने हार स्वीकारते हुए कहा है कि पार्टी आवश्यक सुधार करेगी और 2024 के लोकसभा चुनावों में विजेता बनकर उभरेगी।