दुनिया

कहीं ”ये” विश्व युद्ध की आहट तो नहीं : रिपोर्ट

बेलारूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 9 हज़ार रूसी सैनिक, देश की रक्षा के लिए तैनात किए जा रहे हैं।

बेलारूस के रक्षामंत्रालय ने कहा कि ‘क्षेत्रीय समूह’ के हिस्से के रूप में 9 हज़ार से कम रूसी सैनिकों को देश में अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा।

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार बेलारूस ने अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए रूस के अतिरिक्त बलों की तैनाती का इशारा कर दिया है।

बेलारूस के रक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग विभाग के प्रमुख वैलेरी रेवेंको ने ट्विटर पर लिखा कि रूसी सैनिकों की पहली टुकड़ी के साथ ट्रेनें बेलारूस में पहुंचना शुरू हो गयी हैं और स्थानांतरण की इस प्रक्रिया में कई दिन का समय लगेगा।

रूस के सैनिकों की कुल संख्या फिलहाल 9 हजार से कम रहने की संभावना है. वैलेरी रेवेंको के अनुसार सैन्य अटैचियों के लिए एक ब्रीफिंग में अधिक जानकारी प्रदान की जाएगी। इन सैनिकों का कार्य रूस के सहयोगी देशों की सीमाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराना है।

पिछले सप्ताह बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने एक मीटिंग के दौरान संकेत दिया था कि रूस और उनके सैनिक एक फ्रंट पर संयुक्त रूप से हमलों को अंजाम दे सकते हैं। देश के बड़े सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल हुए अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि बेलारूस के क्षेत्रों पर हमलों पर आज न केवल यूक्रेन में चर्चा की जा रही है, बल्कि योजना भी बनायी जा रही है।

यूक्रेन युद्ध के आर्थिक प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहे हैं : कनाडा

कनाडा के उप प्रधानमंत्री ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध, विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती में बदलता जा रहा है।

क्रिस्टिया फ़्रीलेंड ने, जो कनाडा के वित्तमंत्रालय को भी देख रहे हैं, कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण वर्ल्ड आर्डर के लिए ख़तरा पैदा हो गया है।

उन्होंने कहा कि एक युद्ध पूरे विश्व की अर्थवयवस्था को ख़तरे में डाले हुए है जबकि एक छोटे से काम, अर्थात रुस के पीछे हटने से यह समाप्त हो सकता है। कनाडा के उप प्रधानमंत्री से पहले अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने घोषणा की थी कि यूक्रेन युद्ध, सन 2023 के आर्थिक विकास के घटने का एक कारण बन सकता है।

आईएमएफ के अनुसार इसके अतिरिक्त मंहगाई और ऊर्जा के मूल्यों में लगातार वृद्धि भी विश्व के आर्थिक विकास को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकती है। उधर यूरोप में ऊर्जा के मूल्यों में वृद्धि ने अमरीकी आर्थिक विकास की दर को प्रभावित किया है।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन युद्ध के आरंभ में अमरीका का साथ देते हुए कनाडा और पश्चिमी देशों ने रूस को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उसके विरुद्ध कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। इन देशों का मानना था कि इस प्रकार के प्रतिबंध रूस की कमर तोड़ देंगे और वह यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने पर विवश होगा। हालांकि रूस के विरुद्ध पश्चिमी के प्रतिबंधों का उल्टा असर दिखाई दिया। इसके कारण यूरोप में ऊर्जा के मूल्य आसमान छूने लगे जिसके कारण वहां पर आर्थिक समस्याएं पैदा होने लगीं।

अब स्थति यह है कि यूरोपीय देश आने वाले जाड़े के लिए तेल और गैस का भण्डारण करने में लगे हुए हैं जो उनके लिए एक कठिन काम में बदल गया है।