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क़तर में गिरफ़्तार नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की रिहाई की कोशिश चल रही है : नौसेना प्रमुख

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को कहा कि कतर के अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिये गये नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई के लिए कोशिश चल रही है।.

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘ मुद्दे का समाधान करने की कोशिश चल रही है… हमें उम्मीद है कि समाधान निकल जाएगा।’’.


क़तर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की ‘रहस्यमय’ गिरफ़्तारी

शकील अख़्तर
बीबीसी संवाददाता

क़तर ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को गिरफ़्तार कर लिया है.

हालांकि अभी तक इस बारे में क़तर की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि उन्हें कब और क्यों गिरफ़्तार किया गया है.

भारतीय नौसेना के ये पूर्व अधिकारी क़तर की एक कंपनी ‘अल-ज़ाहिरा अल-आलमी कन्सलटेन्सी एंड सर्विसेज़’ के लिए काम करते हैं.

यह कंपनी क़तर की नौसेना को प्रशिक्षण और सामान मुहैया कराती है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुरू में तो इस पर कुछ नहीं बोला, लेकिन अब उनका बयान आया है कि क़तर स्थित भारतीय दूतावास गिरफ़्तार भारतीयों को कॉन्सुल सेवा देने की कोशिश कर रहा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि उन्हें क्यों गिरफ़्तार किया गया है.

इन भारतीयों की गिरफ़्तारी की ख़बर भी बहुत ही रहस्यमय तरीक़े से बाहर आई थी.

25 अक्टूबर को डॉक्टर मैथ्यू भार्गव नाम की एक महिला ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी जिन्होंने देश की सेवा की है, वो पिछले 57 दिनों से क़तर की राजधानी दोहा में ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से हिरासत में हैं.

उन्होंने आगे लिखा, “मैं भारत सरकार और उससे संबंधित अधिकारियों से अपील करती हूं कि वो जल्द आवश्यक क़दम उठाएं और इन अधिकारियों को रिहा करवाकर उन्हें क़तर से भारत लाएं.”

उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया था.

दिलचस्प बात यह है कि अपने ट्विटर अकाउंट में उन्होंने ख़ुद को एक शिक्षाविद और सूफ़ी क़रार दिया है.

उन्होंने कहीं भी यह नहीं बताया कि क़तर में गिरफ़्तार इन भारतीयों से उनका क्या संबंध है.

उन्होंने बाद में भी इस मामले में कई ट्वीट किए.

Meetu Bhargava
@DrMeetuBhargava

The Indian Government need to act immediately, swiftly & walk the talk if they really care about their defence personnel as today is 69th day of the illegal solitary confinement of our senior citizen Navy Veterans (officers) in Doha (Qatar)

Meetu Bhargava
@DrMeetuBhargava
Please help our Eight Navy Veterans(officers),their family members & our countrymen as these officers had served our motherland
Need immediate help of our Indian Government 🙏
@narendramodi
@DrSJaishankar
@MEAIndia
@DefenceMinIndia
@IndEmbDoha
@indiannavy

कंपनी क्या करती है
भारतीय नौसेना के यह पूर्व अधिकारी जिस कंपनी के लिए काम करते हैं उस कंपनी के प्रमुख ख़मीस अल-अजमी एयरफ़ोर्स के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं.

कंपनी की वेबसाइट पर उसे क़तर के रक्षा मंत्रालय, सुरक्षा और दूसरी सरकारी एजेंसियों का स्थानीय व्यापारिक पार्टनर बताया गया है.

कंपनी ने ख़ुद को रक्षा उपकरणों को चलाने और उनकी मरम्मत और देखभाल करने का विशेषज्ञ बताया है.

इस वेबसाइट पर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों और उनके पद की पूरी जानकारी दी गई है.

उनमें कई भारतीय भी शामिल हैं.

लेकिन जब वेबसाइट को शुक्रवार को खोलने की कोशिश की गई तो वो नहीं खुली और उस पर लिखा हुआ है कि वेबसाइट पर फ़िलहाल काम चल रहा है.

कंपनी के लिंक्डइन पेज पर लिखा है, “यह रक्षा उपकरणों को चलाने और लोगों को प्रशिक्षण देने के मामले में क़तर में सबसे आगे है.”

आगे लिखा है, “अल-ज़ाहिरा कंपनी सुरक्षा और ऐरोस्पेस के मामले में क़तर में विशेष हैसियत रखती है.”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

भारतीय विदेश मंत्रालय क़तर में भारतीयों की गिरफ़्तारी पर अभी तक ख़ामोश था, लेकिन तीन नवंबर को मंत्रालय के साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पहली बार क़तर में उन भारतीयों की गिरफ़्तारी की पुष्टि की.

उन्होंने कहा, “हमें आठ भारतीय नागरिकों की गिरफ़्तारी के बारे में जानकारी है जो क़तर में किसी कंपनी के साथ काम करते थे. क़तर में भारतीय दूतावास के अधिकारी वहां की सरकार से संपर्क में हैं. दूतावास के अधिकारियों को गिरफ़्तार लोगों से मिलने की अनुमति दी गई थी.”

बागची ने आगे कहा कि गिरफ़्तार भारतीय लोगों को उनके परिजनों से भी फ़ोन पर बातचीत करने की इजाज़त दी गई थी.

अरिंदम बागची ने कहा, “हमने उन लोगों से मिलने के लिए एक और कॉन्सुलर एक्सेस की दरख़ास्त की है. हमारा दूतावास और विदेश मंत्रालय उन लोगों के परिवार वालों से लगातार संपर्क में है. हम उनकी जल्द रिहाई और भारत वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.”

लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि उन भारतीयों को क़तर में किस कारण गिरफ़्तार किया गया है.

भारतीय नौसेना के जिन आठ पूर्व अधिकारियों को क़तर में गिरफ़्तार किया गया है, उनमें कमांडर पुर्णेंदु तिवारी (रिटायर्ड) भी शामिल हैं.

कमांडर पुर्णेंदु तिवारी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.

साल 2019 में एक कार्यक्रम के दौरान उस समय क़तर के राष्ट्रपति ने कमांडर पुर्णेंदु तिवारी को ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ भी दिया था.

अल-ज़ाहिरा कंपनी के लिंक्डइन पेज के अनुसार कमांडर पुर्णेंदु तिवारी (रिटायर्ड), कमांडर अजय तिवारी (रिटायर्ड), कमांडर अनीश ठाकुर (रिटायर्ड) और साजन बाबू भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को दोहा स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

रहस्य बनी हुई है गिरफ़्तारी
क़तर में भारतीय नौसेना के इन पूर्व अधिकारियों की गिरफ़्तारी एक रहस्य बनी हुई है.

उनके बारे में क़तर या संयुक्त अरब अमीरात के अख़बारों या दूसरी मीडिया में कहीं कोई ख़बर नहीं है.

गिरफ़्तार लोगों में भी सिर्फ़ एक का ही नाम सामने आया है.

गिरफ़्तार किए गए लोगों के रिश्तेदार भी ख़ामोश हैं.

लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय जिस तरह से उनकी रिहाई और उन्हें भारत वापस लाने की कोशिश कर रही है उससे लगता है कि या मामला ज़रूर कुछ ख़ास है.