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क़ुरान जलाने के मामले पर तालिबान सरकार ने स्वीडन के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाया!

स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान क़ुरान जलाने के मामले पर अब तालिबान सरकार ने स्वीडन के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाया है.

तालिबान सरकार ने कहा है कि इस मामले के सामने आने के बाद अफ़ग़ानिस्तान में स्वीडन की गतिविधियां निलंबित कर दी गई हैं.

तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है.

इसके अनुसार, “स्वीडन में पवित्र कु़रान और मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का अपमान करने के बाद, अफ़ग़ानिस्तान में स्वीडन की गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है. जब तक इस जघन्य कृत्य के लिए मुसलमानों से माफ़ी नहीं मांगी जाती तब तक ये रोक जारी रहेगी.”

इस बयान में बाकी मुस्लिम बहुल देशों से भी स्वीडन के साथ संबंधों पर दोबारा विचार करने को कहा गया है.

हाल ही में ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के मौक़े पर स्वीडन में एक मस्जिद के बाहर इराक़ में पैदा हुए शरणार्थी ने मुसलमानों के पवित्र क़ुरान को जला दिया था.

बीते कुछ महीनों में स्वीडन में क़ुरान की प्रतियां जलाने की योजना को लेकर कई बार दंगे भड़के हैं.

इसके बाद से ही सऊदी अरब, ईरान और पाकिस्तान सहित कई इस्लामिक देश स्वीडन के ख़िलाफ़ सख्ती का एलान कर चुके हैं.

ईरान सरकार ने तो अपना नया राजदूत ही स्वीडन भेजने से मना कर दिया था. वहीं, सऊदी अरब ने स्वीडन के राजदूत को इस मामले में तलब किया था.