दुनिया

कितना गंभीर है पाकिस्तान का आर्थिक संकट : रिपोर्ट

सऊदी अरब ने पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक में दो अरब डॉलर जमा करवाए हैं वहीँ संयुक्त अरब अमीरात ने भी एक अरब डॉलर जमा करवा दिए हैं

आईएमएफ ने पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर का कर्ज दे दिया है. इस बेलआउट पैकेज की मदद से पाकिस्तान अपने कई कर्जों का भुगतान कर सकेगा.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान की आर्थिक मदद के लिए फंड रिलीज कर दिया है. तीन अरब डॉलर का यह कर्ज अगले नौ महीने तक किश्तों में दिया जाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, वित्त मंत्री इशाक डार और अन्य अधिकारियों के साथ आईएमएम बोर्ड की बैठक के दो हफ्ते बाद बैलआउट पैकेज जारी किया गया है.

आईएमएफ ने अपने बयान में कहा है, “चुनौती भरे आर्थिक लम्हे में पाकिस्तान के लिए यह उपाय किया गया है. मुश्किल भरी बाहरी परिस्थितियां, विनाशकारी बाढ़ और नीतिगत गलतियों की वजह से बड़े राजकोषीय और बाहरी घाटे हुए हैं, जिससे मंहगाई बढ़ी है और मुद्रा भंडार भी सिकुड़ा है.”

पाकिस्तान के लिए उम्मीद
आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जियोर्जियेवा के मुताबिक अगर पाकिस्तान भरोसेमंद तरीके से बेलआउट पैकेज का इस्तेमाल करे तो देश माक्रोइकोनॉमिक स्थिरता को फिर से हासिल कर सकता है. लेकिन इसके लिए लगातार आर्थिक सुधार करने होंगे.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने आईएमएफ के फैसले का स्वागत किया है. शरीफ ने ट्वीट में लिखा, यह फौरी और मध्यावधि की आर्थिक चुनौतियों से उबरने में पाकिस्तान की मदद करेगा.

आईएमएफ के फंड रिलीज करने से ठीक पहले ही सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में दो अरब डॉलर जमा किए हैं.

कितना गंभीर है पाकिस्तान का आर्थिक संकट
यूक्रेन युद्ध की वजह से ईंधन की कीमतों में आए उछाल और फिर पिछले साल गर्मियों में आई बाढ़ ने पाकिस्तान की अर्थव्यस्था को बुरी तरह डुबोया है. बाढ़ ने 1,739 लोगों की जान ली, 20 लाख घर तबाह किए और कुल 30 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया.

जनवरी 2023 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार अरब डॉलर से भी कम रह गया. इतने पैसे से सिर्फ चार महीने का आयात बिल ही चुकाया जा सकता था. दिवालिएपन को रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार को कई विदेशी उत्पादों के आयात पर बैन लगाना पड़ा.

आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान को ब्याज सहित विदेशी कर्ज चुकाने के लिए अगले दो साल में कम से कम 20 अरब डॉलर जुटाने होंगे.

ओएसजे/एसबी (एपी)