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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अपील की इतनी भारी आलोचना ”क्यों” हो रही है, जानिये!

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के ब्रांड ‘नंदिनी मिल्क’ और गुजरात के ‘अमूल’ के बीच सहयोग की अपील की काफी आलोचना हो रही है.

कर्नाटक में कुछ लोगों का कहना है कि अमित शाह गुजरात के आनंद मिल्क यूनियन के ब्रांड अमूल के ज़रिये ‘नंदिनी’ ब्रांड को हड़पना चाहते हैं.

शाह की इस अपील के ख़िलाफ़ लोग ‘ब्रांड नंदिनी मिल्क’ हैशटैग के ज़रिये सोशल मीडिया पर अपना विरोध जता रहे हैं.

समाचार एजेंसी आईएएनएस की ख़बर के मुताबिक अमित शाह ने शुक्रवार को कर्नाटक के मांड्या ज़िले में 260 करोड़ रुपये की लागत से बनी एक मेगा डेयरी का उद्घाटन किया था.

इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर अमूल और नंदिनी मिलकर काम करें तो तीन साल में हर गांव में प्राइमरी डेयरियां होंगी.

शाह ने कहा था इस काम के लिए कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को अमूल से पूरा सहयोग मिलेगा. अगर नंदिनी और अमूल मिल कर काम कर सकें तो पूरे देश के किसानों को फायदा होगा.

लेकिन शाह के इस बयान के बाद कर्नाटक में लोगों ने ट्विटर पर इसके ख़िलाफ़ कैंपेन शुरू कर दिया.

कई यूज़र्स कह रहे थे कि ये अमूल की ओर से नंदिनी ब्रांड को हड़पने की कोशिश है.

‘नंदिनी सिर्फ डेयरी नहीं इमोशन है’
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जीसी चंद्रशेखर ने नंदिनी के कथित अधिग्रहण को लेकर जताई जा रही आशंका के बारे में ट्विटर पर लिखा, ”प्रिय बोम्मई जी और सोमशखर जी कुछ महीनों पहले आपने कहा था कि आपको नंदिनी ब्रांड के बारे में कुछ नहीं पता है जबकि उस दौरान भी इसके बारे में ख़बर फैली हुई थी. अब देखिये आपके नेता ने कर्नाटक के मांड्या पहुंच कर उस बयान की पुष्टि भी कर दी.”

एक और यूजर अर्जुन ने लिखा, नंदिनी सिर्फ डेयरी नहीं है और हम कन्नड़ लोगों के लिए एक इमोशन हैं.


Arjun
@arjundsage1

Nandini isn’t just a dairy 🥛……. It’s an emotion for we Kannadigas #SaveNandini

एक और यूज़र गुरुराज अंजान ने लिखा, ”पहले हिंदी थोपी और फिर मैसूरु बैंक का विलय कर लिया और अब वे नंदिनी मिल्क के लिए आए हैं. कर्नाटक के हरेक गांव में डेयरी है. कर्नाटक नंदिनी का प्रतिनिधित्व करता है. यह हर कन्नड़ वासी के गौरव का प्रतीक है. यहां के लोग किसी गुजराती ब्रांड के साथ साझेदारी नहीं चाहते.”


Gururaj Anjan
@Anjan94150697

KARNATAKA:

#KannadaBrandAtStake: First imposed Hindi then merged Mysuru Bank now they came to Nandini Milk!

EVERY single Village in KA has a diary; KA represent NANDINI— PRIDE of every Kannadiga.

Kannadigas don’t wish to share its SPACE with any GUJARATI brand.!

पुरुषोत्तम नाम के यूज़र ने लिखा, “मैसूर सैंडल शॉप, नंदिनी, केएसआरटीसी, एसबीएम दशकों से कन्नड़ वासियों कि जिंदगी का अभिन्न हिस्सा रहे हैं. एसबीएम तो नहीं है. लिहाजा अब नंदिनी को बचाने का बिल्कुल सही समय है.”

ಪುರುಷೋತ್ತಮ ನಾಗರಾಜ
@PurushothamKN

MysoreSandal soap, Nandini, KSRTC, SBM were integral part of Kannadigas from decades, SBM is no more, it’s high time to save Nandini. #SaveNandini
12:20 अपराह्न · 31 दिस॰ 2022

कितना बड़ा है नंदिनी ब्रांड?
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के 24 लाख सदस्य हैं. राज्य के 22 हजार गांवों में इससे 14 हजार दूध उत्पादक और दूध सहकारी संगठन जुड़े हैं. इनसे हर दिन 84 लाख लीटर दूध की खरीद की जाती है.

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन सिर्फ कर्नाटक में ही नहीं दूसरे राज्यों को भी दूध सप्लाई करता है. इसके अलावा ये सेना को भी अपने उत्पाद बेचता है और मध्य पूर्व समेत कई देशों में दूध और इससे बने प्रोडक्ट की सप्लाई करता है.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि अमित शाह ने ये बयान देकर साफ बता दिया है कि कर्नाटक मिल्क डेयरी पर गुजरात के कॉर्पोरेट्स की नज़र है.

उन्होंने कहा, ”कर्नाटक के किसान 20 हजार करोड़ रुपये के दूध का उत्पादन करते हैं. इससे लाखों किसान परिवार को लाभ पहुंचा है. अब इस पर कॉर्पोरेट कंपनियों की नजर पड़ी है और अमित शाह लोगों के सामने झूठ का पुलिंदा तैयार कर सप्लाई कर रहे हैं. ”