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कोई साक्ष्य नहीं कि कोरोना वायरस चीन की प्रयोगशाला से फैला : अमरीकी इंटेलीजेन्स

अमरीकी इंटेलीजेंस कम्युनिटी ने अपनी रिपोर्ट में यह ख़ुलासा करके उस प्रोपैगंडे पर विराम लगाया है जिसे फैलाने में कभी ख़ुद अमरीकी सरकार का रोल रहा है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर की प्रयोगशाला से फैला है।

इंटेलीजेन्स कम्युनिटी के संयोजक के कार्यालय ने एक रिपोर्ट जारी की जो डीक्लासीफ़ाइड की गई जानकारियों पर आधारित है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

चार पृष्ठों की रिपोर्ट में अमरीकी इंटेलीजेन्स कम्युनिटी ने कहा है कि अमरीकी इंटेलीजेन्स इस बात की पुष्टि नहीं कर सकती कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई और अब तक यह भी नहीं पता चल सका है कि इस वायरस की शुरुआत हुई कहां से थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमरीकी सीआईए और अन्य इंटेलीजेन्स एजेंसियां अब तक इसका पता नहीं लगा सकी हैं कि कोरोना वायरस का प्रसार कहां से शुरू हुआ।

वर्ष 2019 के आख़िरी महीनों में कोरोना वायरस के लक्षण चीन के वुहान में नज़र आए थे उसके बाद से यह विषय सारी दुनिया के लिए मोअम्मा बना हुआ है कि इसकी शुरुआत कहां से हुई थी। शोधकर्ताओं के बीच इस विषय को लेकर अलग अलग राय है।

अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कोविड 19 से जुड़े ख़ुफ़िया दस्तावेज़ों को डीक्सलासीफ़ाई करने संबंधी बिल पर हस्ताक्षर किए जिसके बाद यह रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है।

इस दस्तावेज़ से वाल स्ट्रीट जरनल की फ़रवरी महीने की रिपोर्ट पर गंभीर सवालिया निशान लग गया है जिसमें दावा किया गया था कि अमरीका के ऊर्जा विभाग के पास एक ख़ुफ़िया रिपोर्ट है जिसमें इस बात की प्रबल संभावना की बात कही गई है कि यह वायरस प्रयोगशाला से फैला है।

एफ़बीआई के चीफ़ क्रिस्टोफ़र रे ने भी 28 फ़रवरी को कहा था कि उनकी संस्था इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अधिक संभावना इसी बात की है कि चीन के वुहान शहर की प्रयोगशाला में होने वाली घटना के नतीजे में कोरोना वायरस फैला है।

चीन ने कहा था कि यह दावा सही नहीं है।