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कौन है पाकिस्तान का मिस्ट्री स्पिनर #अबरार अहमद जिन्होंने अपने पहले ही मैच में इंग्लैंड के सात विकेट झटककर तहलका मचा दिया है?

मुल्तान टेस्ट मैच से अपने करियर का आग़ाज़ करने वाले पाकिस्तान के ‘मिस्ट्री स्पिनर’ अबरार अहमद ने इंग्लैंड के सात विकेट झटककर तहलका मचा दिया है. पहला टेस्ट मैच जीतने वाली इंग्लैंड को अबरार ने अपनी गुगली में फंसाकर मुश्किल में डाल दिया है.

अबरार अहमद अपने पहले ही मैच में सात विकेट लेने वाले तीसरे पाकिस्तानी गेंदबाज़ बन गए हैं.

इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ के लिए पाकिस्तान की टीम का ऐलान होते ही अबरार अहमद ख़ास तौर पर चर्चा का विषय बने हुए थे. इसकी वजह ये है कि वो पारंपरिक स्पिनर नहीं है बल्कि वो लेग ब्रेक गुगली के साथ-साथ कैरम बॉल भी कर लेते हैं.

अबरार अहमद ने मुल्तान टेस्ट की पहली पारी में इंग्लैंड के शीर्ष क्रम के पांच बल्लेबाज़ों को अपनी रहस्यमयी फिरकी, ख़ासकर कैरम बॉल से मात दी और जवाबी आक्रामक बल्लेबाज़ी के बावजूद अपनी लेंथ से गेंदबाज़ी जारी रखी.

इससे पहले रावलपिंडी टेस्ट में इंग्लैंड ने पाकिस्तान को हरा दिया था. इस टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में अबरार अहमद को शामिल नहीं किया गया था जिसे लेकर पाकिस्तान के टीम प्रबंधन की ख़ासी आलोचना भी हुई थी.

पहले मैच में धमाल मचाने वाले पाकिस्तानी गेंदबाज़

मोहम्मद ज़ाहिद, नवंबर 1996, 7 विकेट
मोहम्मद नज़ीर – अक्टूबर 1969, 7 विकेट
अबरार अहमद – दिसंबर 2022, 7 विकेट
बिलाल आसिफ़-अक्टूबर 2018, 6 विकेट
आरिफ़ बट्ट – दिसंबर 1964, 6 विकेट

अबरार अहमद इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपना सिक्का चलाने से पहले ही पाकिस्तान की घरेलू क्रिकेट में अपनी धाक जमा चुके थे. इस साल उन्होंने पाकिस्तान की क़ायद-ए-आज़म ट्राफ़ी में 43 विकेट लिए थे जो इस साल किसी भी गेंदबाज़ के सबसे ज़्यादा विकेट हैं. इस प्रदर्शन के दम पर ही उन्हें पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में शामिल किया गया था.

पाकिस्तान के गेंदबाज़ी कोच सक़लैन मुश्ताक़ से जब अबरार अहमद को बाहर रखने के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने उनकी जगह जाहिद महमूद को टीम में रखने की वजह बताई. मुस्ताक़ ने कहा कि हम इंसाफ़ करना चाहते थे, एक तरफ़ एक लड़का (जाहिद) था जो एक साल से टीम के साथ है और कई बार खेलने के क़रीब आया लेकिन मौका नहीं मिला. हमने पहले उसे मौका दिया.

सक़लैन मुश्ताक़ ने कहा कि अबरार अहमद ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन कोई और गेंदबाज़ एक साल से इंतज़ार कर रहा था. हम लाइन तोड़कर किसी को तरजीह देना नहीं चाहते थे. जाहिद पहले से ही प्रतीक्षा सूची में था इसलिए पहले मैच में हमने उसे चुना.

अबरार अहमद ने मुल्तान की पिच पर इंग्लैंड के उन बल्लेबाज़ों का शिकार किया जिन्होंने रावलपिंडी में धूम मचा दी थी. जिन शीर्ष पांच बल्लेबाज़ों को अबरार ने आउट किया उनमें ज़ैक क्रॉली, जो रूट बेन डकेट, ओली पोप और हैरी ब्रूक शामिल हैं. इनमें से जो रूट को छोड़कर सभी ने रावलपिंडी टेस्ट में शतक बनाया था.

पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ यासिर शाह फार्म से बाहर हैं. ऐसे में पाकिस्तान की टीम ने नोमान अली और अबरार अहमद समेत अन्य स्पिनरों को टीम में शामिल करके नई रणनीति बनाई. अबरार की गेंदबाज़ी ने ऐसे वक़्त में निश्चित रूप से पाकिस्तान की टीम को राहत दी है.

कौन है मिस्ट्री स्पिनर अबरार अहमद जिन्होंने धूम मचा दी है?

24 साल के अबरार अहमद के पिता पाकिस्तान के मानशेरा से आते हैं जबकि उनकी मां लाहौर की रहने वाली हैं.

अबरार के पिता ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं और उनका परिवार लंबे समय से कराची में रह रहा है.

अबरार अहमद का जन्म कराची में ही हुआ है और उन्होंने बचपन में ही अपने गली-मोहल्ले में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. कराची के जहांगीर रोड इलाक़े में वो एक क्रिकेटर के रूप में चर्चित थे.

बीबीसी से बात करते हुए अबरार अहमद कहते हैं, “मैं बचपन में बहुत शरारती था. घर में सबसे छोटा होने का अगर फ़ायदा है तो नुक़सान भी है. एक भाई का कोई काम कर दो तो दूसरे भाई को भी काम करवाना होता था लेकिन मैं अपने बचाव के लिए अम्मी को आगे कर देता था.”

अबरार अहमद बताते हैं, “मेरे बड़े भाइयों को क्रिकेट खेलने का शौक था. वो नश्तर पार्क और दूसरे मैदानों में जाकर खेला करते थे मैं वहां जाकर बैठ जाता था और उन्हें खेलते हुए देखता था.”

“फिर वो वक़्त भी आ गया जब मैं खेलता था और मेरे भाई देखते थे.”

कराची के दूसरे कई क्रिकेटरों की तरह अबरार अहमद के शुरुआती करियर में कोच मोहम्मद मसरूर का असर दिखाई देता है. मसरूर ने अबरार के छुपे हुए टेलैंट को देखा और उन्हें खेलने का मौक़ा दिया.

मोहम्मद मसरूर के कहने पर ही राशिद लतीफ़ ने अबरार अहमद को अपनी क्रिकेट अकादमी में शामिल किया था.

अबरार अहमद कहते हैं, “मैंने सुना था कि जब आप किसी अकादमी में जाकर खेलते हैं तो आप को फ़ीस वगैरह के पैसे देने होते हैं लेकिन ज़िलास्तर पर मेरी गेंदबाज़ी इतनी अच्छी थी कि उस ज़माने में मुझ समेत तीन-चार क्रिकेटर ऐसे थे जिन्हें राशिद लतीफ़ अकादमी की तरफ़ से हर महीने क्रिकेट खेलने के सात हज़ार रुपए मिलते थे.”

चचेरे भाइयों ने पिता को मनाया
अबरार अहमद बताते हैं, ‘वैसे तो मेरे बड़े भाई भी क्रिकेट खेलते थे और मुझे भी इसका बहुत शौक था, लेकिन मेरे पापा चाहते थे कि मैं पढ़ाई पर ध्यान दूं लेकिन मैं क्रिकेट में ही कुछ करना चाहता था.”

“जब मेरा नाम ज़िला टीम में आया, तो मैंने अपने चचेरे भाई शफीक से कहा कि मुझे खेलने की मंज़ूरी देने के लिए मेरे पिता से बात करें. मेरे करियर का सबसे महत्वपूर्ण पल वही था जब मेरे चचेरे भाई ने मेरे पिता को मना लिया.”

“उन्होंने मेरे पिता से कहा कि अबरार को एक साल का समय दें और इस दौरान अगर वह कुछ करता है, तो ठीक है, नहीं तो वह आप जैसा कहेंगे वह वैसा ही करेगा.”

अबरार अहमद के बारे में आम राय यही थी कि वह सीमित ओवर की क्रिकेट में ही कामयाब हो सकता है लेकिन ये कोच मसरूर ही थे जिन्हें इस बात का यक़ीन था कि अबरार अहमद लाल गेंद की क्रिकेट में भी कामयाब साबित हो सकते हैं.

कराची के एक सलेक्टर अबरार अहमद को मौक़ा देने के बारे में आशंका का शिकार थे और उन्होंने राशिद लतीफ़ से संपर्क किया तो उनका जवाब था कि मोहम्मद महसरूर जो कह रहे हैं वो सही है. आख़िरकार वो लाल गेंद की क्रिकेट में भी जगह बनाने में कामयाब हो गए.

“जो करना है वो उंगलियों ने करना है”
घरेलू क्रिकेट में अबरार अहमद के शानदार प्रदर्शन से कोच मिकी आर्थर भी काफ़ी प्रभावित थे.

अबरार अहमद कहते हैं कि, “मैं साल 2017 की पाकिस्तान सुपर लीग में कराची किंग्ज़ की तरफ़ से दो मैच खेला था, हालांकि मैं कोई विकेट लेने में कामयाब नहीं हो सका था लेकिन पेशावर ज़ुल्मी के ख़िलाफ़ मैच में इयान मोर्गन के ख़िलाफ़ मेरे स्पैल से मिकी आर्थर, कुमार संगाकारााा और महेला जयवर्धने बहुत प्रभावित हुए थे.”

बदक़िस्मती से मेरी कमर में हेयरलाइन फ्रैक्चर हो गया और मैं क़रीब दो साल क्रिकेट से दूर रहा लेकिन इस दौरान मिकी आर्थर ने मुझ पर बहुत ध्यान दिया और मुझे चालीस दिनों तक नेशनल क्रिकेट अकादमी में रख कर मेरी फ़िटनेस को ठीक करने पर काम किया.

अबरार अहमद कहते हैं कि, “वो दो साल बहुत मुश्किल थे लेकिन मैंने ख़ुद से यही कह रखा था कि मुझे सिर्फ़ फिट होना है क्योंकि जो करना है उंगलियों ने करना है.”

अबरार अहमद कहते हैं, “मैंने प्रोफ़ेशनल क्रिकेट में आने के बाद वेस्टइंडीज़ के सुनील नारायण और श्रीलंका के अजंथा मेंडिस के वीडयो बारीक़ी से देखे है और इस बात पर ध्यान दिया है कि ये दोनों गेंदबाज़ किस तरह से बल्लेबाज़ों को जाल में फंसा लेते हैं.”

कोच मोहम्मद मसरूर कहते हैं, “अबरार अहमद की उंगलियों में बड़ी जान है और वो अजंता मेंडिस और अफ़ग़ानिस्तान के मुजीबुर्रहमान की तरह ही गेंद को अंदर और बाहर ले आते हैं. वो एक कंपलीट पैकेज हैं और विकेट लेने की कला को बख़ूबी जानते हैं. “

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अब्दुल रशीद शकूर
बीबीसी उर्दू, कराची