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धीरज श्रीवास्तव चित्रांश का एक गीत पढ़ने के साथ सुनिए भी…
धीरज श्रीवास्तव चित्रांश =========== पढ़ने के साथ सुनिए भी… एक सत्य घटना से उपजा परिस्थिति जन्य यह गीत.. एक प्रेमी प्रेमिका गाँव छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर मिलने की योजना बनाते हैं प्रेमिका सारे रिश्ते तोड़ कर आ जाती है किंतु प्रेमी कुटिलता के चलते नहीं आता है उस प्रेमी के पश्चाताप को रेखांकित […]
मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में…. शक़ील सिकंद्राबादी की दो ग़ज़लें
Shakeel Sikandrabadi =============== ग़ज़ल मेरी गुफ्तार सदाक़त का बयाँ ठहरी है मेरी हर बात यूँ ज़ालिम को गिराँ ठहरी है हाए ये कैसा रहे इश्क़ में आया है मक़ाम बात करने लगीं आँखें तो ज़बाँ ठहरी है मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में ऐ ख़ुशी ये तो बता दे तू कहाँ ठहरी है […]
राम शिरोमणि उपाध्याय की एक ग़ज़ल और एक गीत!
Ram Shiroman Upadhyay =========== ग़ज़ल याद अपनी दिला कर चली गई पगली, दिल में अरमां जगा कर चली गई पगली। सर झुकाना हर समय अच्छा नहीं होता, मुझको यह बात बता कर चली गई पगली यहां अपनी मुसीबत आप ही सहनी पड़ती, हुनर जीने का सीखा कर चली गई पगली। मोहताज ज़िंदगी में किसी का […]