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ख़ालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पंजाब के मोगा से गिरफ़्तार, डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया : रिपोर्ट

**EDS: VIDEO GRAB** Chandigarh: ‘Waris Punjab De’ chief Amritpal Singh speaks in a video message, before his arrest by Punjab Police from Moga on Sunday, April 23, 2023. (PTI Photo)(PTI04_23_2023_000048B)

चंडीगढ़, 23 अप्रैल (भाषा) कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले से रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। वह एक महीने से अधिक समय से फरार था।.

पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पुलिसकर्मियों ने रोडे गांव में उसे घेर लिया था जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद 29 वर्षीय अमृतपाल को सुबह छह बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया गया।.

आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले रोडे गांव से था और अमृतपाल सिंह को पिछले साल इस गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था।.

गिल ने कहा, ‘‘अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है।’’.

उन्होंने कहा, ‘‘अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत वारंट जारी किए गए थे और आज सुबह इन्हें तामील किया गया। कानून अपना काम करेगा।’’.

पुलिस अधिकारी ने एक वीडियो में अमृतपाल द्वारा किए गए दावे को खारिज किया। सोशल मीडिया पर आए इस वीडियो में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने आत्मसमर्पण करने का दावा किया था।.

गिल ने बताया कि पंजाब पुलिस को उसके रोडे गांव में होने का पता चला था और पुलिसकर्मियों ने उसे चारों तरफ से घेर लिया था, जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं बची थी।.

उन्होंने कहा, ‘‘अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई ने एक संयुक्त अभियान चलाया। पंजाब पुलिस को उसके रोडे गांव में होने का पता चला था। उसे चारों तरफ से घेर लिया गया था, पंजाब पुलिस ने गांव को घेर लिया था।’’.

पुलिस ने बताया कि उसने गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखने के लिए इसमें प्रवेश नहीं किया जहां अमृतपाल मौजूद था।.

अमृतपाल के आत्मसमर्पण करने की खबरों पर सवाल पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि यह बिलकुल साफ है कि उसे चारों तरफ से घेरने के बाद गिरफ्तार किया गया।.

गिल ने बताया कि अमृतपाल को यह संदेश दिया गया था कि उसके भागने की कोई गुंजाइश नहीं है।.

उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरीके से पूरे अभियान की योजना बनाई गई, जिस तरह की ठोस सूचनाएं थीं, जिस तरीके से गांव को घेरा गया…गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण था और वर्दी के साथ पुलिस अंदर नहीं जा सकती थी। जब उसे चारों तरफ से घेर लिया गया तो उसे यह पता चला जिसके बाद गिरफ्तारी संभव हुई।’’.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘गुरुद्वारे के भीतर क्या हुआ और अंदर क्या कहा गया, इस पर कोई टिप्पणी करना अभी उचित नहीं है।’’.

गिल ने बताया कि यह अभियान पिछले 35 दिन से चल रहा था।.

सोशल मीडिया पर अमृतपाल को हिरासत में लिए जाने की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं और इनमें वह पारंपरिक सफेद वस्त्र पहने हुए दिखाई देता है। वीडियो में अमृतपाल यह कहता दिखता है कि वह ‘‘आत्मसमर्पण’’ कर रहा है।.

वीडियो में वह यह भी कहता सुनाई देता है, ‘‘यह संत जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है। यह वही स्थान है जहां मेरा ‘दस्तार बंदी’ (पगड़ी बांधना) समारोह हुआ था। हम जीवन के अहम मोड़ पर खड़े हैं। पिछले एक महीने में जो भी हुआ है, वह सब आपने देखा है।’’.

वीडियो में वह यह कहता दिखता है, ‘‘एक महीने पहले सिखों के खिलाफ सरकार ने ‘ज्यादती’ की। अगर केवल मेरी गिरफ्तारी का सवाल होता तो शायद गिरफ्तारी के और भी कई तरीके होते जिन पर मैं सहयोग करता।’’.

उसने कहा, ‘‘ईश्वर की अदालत में, मैं दोषी नहीं हूं लेकिन दुनिया की अदालत में दोषी हो सकता हूं। एक महीने बाद, मैंने तय किया है कि हम इस जमीन पर लड़ेंगे और कभी यह जमीन नहीं छोड़ेंगे।’’.

अमृतपाल ने कहा कि वह अदालतों में ‘‘झूठे मुकदमों’’ का सामना करेगा, जो पुलिस ने उसके खिलाफ दर्ज किए हैं। उसने कहा, ‘‘इसी जगह पर (रोडे में उसकी नियुक्ति हुई थी), मैंने आत्मसमर्पण का फैसला किया और यह गिरफ्तारी कोई अंत नहीं है, यह एक शुरुआत है।’’.

वीडियो में अमृतपाल को यह कहते हुए सुना गया कि ईश्वर उसके खिलाफ बुना ‘‘झूठ का पुलिंदा’’ नष्ट कर देगा।.

अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने दावा किया कि अमृतपाल ने आत्मसमर्पण किया है और उस वक्त वह भी मौजूद थे।.

उन्होंने मोगा में पत्रकारों से कहा कि अमृतपाल ने एक सभा को संबोधित किया और बाद में आत्मसमर्पण करने के लिए गुरुद्वारे से बाहर आया।.

वहीं, एक अन्य वीडियो में अमृतपाल, भिंडरावाले की तस्वीर के सामने बैठा हुआ दिखता है।.

पुलिस ने अजनाला थाने पर हमला करने के बाद 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था। पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ सख्त रासुका लगाया था।.

अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोकसेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।.

फरवरी में अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों में से कुछ लोग तलवार तथा बंदूक लहराते हुए अवरोधक तोड़कर अजनाला थाने में घुस गए थे तथा उनकी अपने एक साथी की रिहाई के लिए पुलिस से झड़प भी हुई थी।.

अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर को आव्रजन अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को श्री गुरु राम दास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोक दिया। वह लंदन जाने वाली उड़ान में चढ़ने की कोशिश कर रही थी। अमृतपाल सिंह ने इस साल फरवरी में ब्रिटेन की रहने वाली कौर से शादी की थी।.

अमृतपाल सिंह पहले भी दो बार पुलिस को झांसा देकर फरार हो गया था। सबसे पहले वह 18 मार्च को जालंधर जिले में वाहन बदलकर भाग गया था। फिर होशियारपुर में 28 मार्च को वह फरार हो गया था। 28 मार्च को वह अपने प्रमुख सहयोगी पपलप्रीत सिंह के साथ पंजाब लौटा था।.

अमृतपाल के सलाहकार माने जाने वाले और कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में रहे पपलप्रीत को गिरफ्तार कर लिया गया है।.

फरार रहने के दौरान अमृतपाल के दो वीडियो और एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आई। 30 मार्च को सामने आए अपने दो वीडियो में से एक में अमृतपाल ने कहा कि वह भगोड़ा नहीं है और जल्द ही पेश होगा।.

खालिस्तान समर्थक उपदेशक अमृतपाल ने दावा किया था कि वह उन लोगों की तरह नहीं है जो देश छोड़कर भाग जाएंगे।.

अकाल तख्त के जत्थेदार ने अमृतपाल को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने तथा जांच में सहयोग करने के लिए कहा था।.

हाल में पंजाब पुलिस ने बटाला और अमृतपाल में रेलवे स्टेशनों पर अमृतपाल सिंह के पोस्टर चिपकाए थे और यह घोषणा की थी कि उसके बारे में विश्वसनीय सूचना मुहैया कराने वाले व्यक्ति को उचित इनाम दिया जाएगा।.

पुलिस ने 15 अप्रैल को अमृतपाल के करीबी सहयोगी जोगा सिंह को फतेहगढ़ साहिब में सरहिंद से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के अनुसार, जोगा सिंह सीधे अमृतपाल के संपर्क में था और उसने अमृतपाल के लिए उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में रहने के ठिकाने और वाहनों का बंदोबस्त किया था।.

जोगा सिंह ही अमृतपाल और पपलप्रीत को 28 मार्च को पंजाब वापस लेकर आया था।.

अमृतपाल के नौ साथी – दलजीत सिंह कलसी, पपलप्रीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिंदर सिंह जोहाल, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, बसंत सिंह और गुरिंदरपाल सिंह औजला असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं तथा उन पर रासुका लगाया गया है।.

अमृतपाल को अभिनेता एवं कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का पिछले साल प्रमुख नियुक्त किया गया था।.