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इक तस्वीर की कितनी क़ीमत होती है…आदिल रशीद
Aadil Rasheed ================= इक तस्वीर की कितनी क़ीमत होती है… आदिल रशीद दुनिया के लिए ये महज़ एक मुशायरे की तस्वीर है मेरे लिए एक ऐसा यादगार लम्हा जिसके लिए मैं ने पूरे 25 बरस इंतज़ार किया बात तब की है जब मैं आदिल रशीद नहीं अहमद लईक़ उर्फ चाँद तिलहरी हुआ करता था। 1992 […]
//छुट्टे सांड़//…….तेवरी ——❤️ईश्वर के अतिरिक्त–!❤️
चित्र गुप्त ================= लो चित्र देखकर हमने भी एक लघुकथा गांठ दी, पढ़िये !! //छुट्टे सांड़// ‘पर्चा ठीक-ठाक हो गया बिटिया’ ..? परीक्षा केंद्र के बाहर इंतज़ार में खड़े बूढ़े बाप ने बेटी को देखते ही पूछा.. हाँ बाबा हो गया… गुड्डन ने अपने कमीज के बाजू से माथे का पसीना पोंछते हुए जवाब दिया.. […]
सावन और भादो का महीना….By-राधादेव शर्मा
राधादेव शर्मा ============ पहले सावन शुरू होते ही गांव की गलियों से लेकर शहरों तक झूले पड़ते थे। महिलाएं झूला झूलतीं और गाती थीं। सावन और भादो का महीना हमें प्रकृति के और निकट ले जाता है। झूला झूलने के दौरान गाए जाने वाले गीत मन को सुकून देते हैं। झूले गांव के बगीचों और […]