कश्मीरा एण्ड शहरयार
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गंवार..
एक लड़की की शादी उसकी मर्जी के खिलाफ एक सीधे साधे लड़के से हो जाती है जिसके घर में एक मां के आलावा और कोई नहीं है।
दहेज मे लड़के को बहुत सारे उपहार और पैसे मिले होते हैं । लड़की किसी और लड़के से बेहद प्यार करती थी और लड़का भी…
लड़की शादी के बाद अपने ससुराल आ गई..सुहागरात के वक्त लड़का दूध लेके आता है तो दुल्हन अपने पति से सवाल पूछती है …एक पत्नी की मर्जी के बिना पति उसको हाथ लगाये तो उसे बलात्कार कहते है या हक?
पति – आपको इतना गहराई में जाने की कोई जरूरत नहीं है..
बस दूध लाया हूँ पी लिजियेगा.. . हम सिर्फ आपको शुभ रात्रि कहने आये थे और यह कहते हुए कमरे से निकल जाता है। लड़की मन मारकर रह जाती है क्योंकि लड़की चाहती थी की झगड़ा हो ताकि मैं इस गंवार से पीछा छुड़ा सकूँ ।
एक पखवाड़ा बीत गया मगर न उसने घर का कोई भी काम किया और न ही अपने पति और सासू मां से बात की । बस दिनभर ऑनलाइन रहती और न जाने किस किस से बातें करती रहती । लड़के की माँ बिना शिकायत के दिन भर चुल्हा चौका से लेकर घर का सारा काम करती और बेटे के सामने अपने होंठों पर मुस्कुराहट सजा लेती । लड़का एक कम्पनी मे छोटा सा मुलाजिम था और बेहद ही मेहनती और इमानदार। करीब महीना भर बीत गया मगर पति पत्नी अब तक साथ नहीं सोये… वैसे लड़का बहुत शांत स्वाभाव वाला था इसलिए वह ज्यादा बातें नहीं करता था, बस खाने के वक्त अपनी पत्नी से पूछ लेता था कि… . कहां खाओगी..अपने कमरे मे या हमारे साथ। उसे सोने से पहले डायरी लिखने की आदत थी जो वह हर रात को लिखता था।
लड़की के पास एक स्कूटी थी पति के ऑफिस जाने के बाद वह हर रोज बाहर जाती थी और पति के वापस लौटने से पहले ही आ जाती थी। छुट्टी का दिन था लड़का भी घर पे ही था तो उसके सामने ही जब लड़की ने अच्छे भले खाने को भी गंदा कहकर मां को अपशब्द बोले और खाना फेंक दिया तब शांत रहने वाला उसका पति अपनी पत्नी पर हाथ उठा देता है मगर माँ अपने बेटे को बहुत डांटती है। इधर लड़की को बहाना चाहिए था झगड़े का जो उसे मिल गया था, वह पैर पटकती हुई स्कूटी लेके निकल पड़ती है। लड़की जो रोज घर से बाहर अपने प्रेमी से मिलने जाती थी, लड़की भले ही उस प्रेमी को टूटकर चाहती थी मगर उसे पता था की हर लड़की की एक हद होती है जिसे इज्जत कहते है वह उसको बचाये हुए थी। इधर लड़की अपने प्यार के पास पहुँचकर कहती है।
अब तो एक पल भी उस घर मे नहीं रहना है मुझे । आज गंवार ने मुझ पर हाथ उठाके अच्छा नही किया ।
लड़का – अरे तुमसे तो मैं कब से कहता हूँ की भाग चलो मेरे साथ कहीं दूर मगर तुम हो की आज कल आज कल पे टालती रहती हो।
लड़की – शादी के दिन मैं आई तो थी तुम्हारे पास। तुम ही ने तो लौटाया था मुझे ।
लड़का – खाली हाथ कहां तक भागते तुम ही बोलो..मैंने तो कहा था कि कुछ पैसे और गहने साथ लेती आना मगर तुम तो खाली हाथ ही आ गई थी। आखिर दूर एक नयी जगह मे जिंदगी नये सिरे से शुरू करने के लिए पैसे तो चाहिए न?
लड़की – तुम्हारे और मेरे प्यार के बारे मे जानकर मेरे घरवालो ने बैंक की पास बुक ए टी एम और मेरे गहने तक रख लिये थे। तो मैं क्या लाती अपने साथ । हम दोनों मेहनत करके कमा भी तो सकते थे।
लड़का – चालाक इंसान पहले सोचता है और फिर काम करता है। खाली हाथ भागते तो ये इश्क का भूत दो दिन मे उतर जाता समझी? और जब भी तुम्हें छुना चाहता हूँ बहुत नखरे है तुम्हारे कहती हो वो सब शादी के बाद ।
लड़की – हाँ शादी के बाद ही अच्छा होता है ये सब और सब तुम्हारा ही तो है। मैं आज भी एक कुवारी लड़की हूँ । शादी करके भी आज तक उस गंवार के साथ सो न सकी क्योंकि तुम्हें ही अपना पति मान चुकी हूँ बस तुम्हारे नाम की सिंदूर लगानी बाकी है। बस वह लगा दो फिर जो तुम चाहो कर लेना ।
लड़का – ठीक है मैं तैयार हूँ । मगर इस बार कुछ पैसे जरूर साथ लेके आना, ये मत सोचना मुझे दौलत से प्यार हैं । हम सिर्फ तुमसे प्यार करते है बस कुछ छोटी मोटी बिजनेस के लिए पैसे चाहिए ।
लड़की – उस गंवार के पास कहां होगा पैसा, मेरे बाप से 3 लाख रूपया उपर से मारूती कार ली है। बस कुछ गहने है वह लेके आउंगी आज।लड़का लड़की को होटल का पता देकर चला जाता है । लड़की घर आके फिर से लड़ाई करती है।
मगर वह अकेली चिल्लाती रहती है उससे कोई लड़ने के मूड में नहीं था।
रात 8 बजे लड़के का मैसेज आता है वाटसप पे की कब आ रही हो? लड़की जवाब देती है सब्र करो कोई सोया नहीं है। मैं 12 बजे से पहले पहुँच जाउंगी क्योंकि यंहा तुम्हारे बिना मेरी सांसे घुटती है।
लड़का -ओके जल्दी आना। मैं होटल के बाहर खड़ा रहूंगा।
…
लड़की अपने पति को बोल देती है की मुझे खाना नहीं चाहिए मैंने बाहर खा लिया है इसलिए मुझे कोई परेशान न करे इतना कहके दरवाजा बंद करके अंदर जाने लगती है की…पति बोलता है …वह आलमारी से मेरी डायरी दे दो फिर बंद करना दरवाजा। हम परेशान नहीं करेंगे ।
लड़की दरवाजा खोले बिना कहती है की चाबियां दो अलमारी की,
लड़का – तुम्हारे बिस्तर के पैरों तले है चाबी । मगर लड़की दरवाजा नहीं खोलती वल्की जोर जोर से गाना सुनने लगती है। बाहर पति कुछ देर दरवाजा पिटता है फिर हारकर लौट जाता है। लड़की ने बड़े जोर से गाना बजा रखा था। फिर वह आलमारी खोलके देखती है जिसे उसने पहली बार खोला था, क्योंकि वह अपना सामान अलग आलमारी मे रखती थी।
आलमारी खोलते ही हैरान रह जाती है। आलमारी मे उसकी पास बुक और एटी एम कार्ड थे जो उसके घरवालो ने छीन के रखे थे।
खोलके चेक किया तो उसमें वह पैसे भी एड थे जो दहेज मे लड़के को मिले थे। और बहुत सारे गहने भी जो एक पेपर के साथ थे और उसकी मिल्कीयेत जो लड़की के नाम थी, लड़की बेहद हैरान और परेशान थी। फिर उसकी नजर डायरी मे पड़ती है और वह जल्दी से डायरी निकाल कर पढ़ने लगती है।
लिखा था, तुम्हारे पापा ने एक दिन मेरी मां की जान बचाई थी अपना खून देकर । मैं अपनी माँ से बेहद प्यार करता हूँ इसलिए मैंने झूककर आपके पापा को प्रणाम करके कहा की…आपका ये अनमोल एहसान कभी नही भूलूंगा, कुछ दिन बाद आपके पापा हमारे घर आये हमारे तुम्हारे रिश्ते की बात लेकर मगर उन्होंने आपकी हर बात बताई हमें की आप एक लड़के से प्यार करती हो मगर मै तुम्हारे बाप की उससे ज्यादा इज्जत करता हूं !
आप के पापा आप की खुशी चाहते थे इसलिए वह लड़के को जानना चाहते थे
आखिर आप अपने पापा की राजकुमारी जो है । और हर बाप अपनी राजकुमारी के लिए ईमानदार राजकुमार चाहता है
आपके पापा ने खोज कर पाता लगाया कि वह लड़का बहुत सी लड़कियों को धोखा दे चुका है और उसकी शादी भी हो चुकी है पर आप के पापा आप को बता ना सके क्योंकि इश्क़ के नशे में इंसान अपनों को गैर और गैरों को अपना समझने लगता है
एक बाप के मुंह से बेटी की कहानी सुन कर मै अचंभित हो गया हर बाप यहां तक शायद ही सोचे मुझे यकीन हो गया था मुझे एक अच्छे पति का सम्मान मिले ना मिले मगर एक दामाद होने की इज्जत मैं हमेशा पा सकता हूँ।
मुझे दहेज मे मिले सारे पैसे मैंने तुम्हारे ए काउण्ट मे कर दिए और तुम्हारे घर से मिली गाड़ी आज भी तुम्हारे घर पर है जो मैंने इसलिए भेजी ताकी जब तुम्हें मुझसे प्यार हो जाये तो साथ चलेंगे कही दूर घूमने। दहेज…इस नाम से नफरत है मुझे क्योंकि मैंने इस दहेज मे अपनी बहन और बाप को खोया है। मेरे बाप के अंतिम शब्द भी यही थे कि..किसी बेटी के बाप से कभी एक रूपया न लेना। मर्द हो तो कमाके खिलाना, तुम आजाद हो कहीं भी जा सकती हो। डायरी के बीच पन्नों पर तलाक के पेपर है । जंहा मैंने पहले ही साईन कर दिया है । जब तुम्हें लगे की अब इस गंवार के साथ नही रहना है तो साईन करके कहीं भी अपनी सारी चीजे लेके जा सकती हो।
लड़की …हैरान थी परेशान थी…न चाहते हुए भी गंवार के शब्दों ने दिल को छुआ था । न चाहते हुए भी गंवार के अनदेखे प्यार को महसूस करके पलके नम हुई थी।आगे लिखा था, मैंने तुम्हें इसलिए मारा क्योंकि आपने मां को गाली दी, और जो बेटा खुद के आगे मा की बेइज्जतीहोते सहन कर जाये…फिर वह बेटा कैसा ।
कल आपके भी बच्चे होंगे । चाहे किसी के साथ भी हो, तब
महसूस होगी माँ की महानता और प्यार।आपको दुल्हन बनाके हमसफर बनाने लाया हूँ जबरदस्ती करने नहीं। जब प्यार हो जाये तो भरपूर वसूल कर लूँगा
आपकी हर गुस्ताखी का बदला हम शिद्दत से लेंगे… गर आप मेरी हुई तो बेपनाह मोहब्बत करके और किसी और की हुई तो आपके हक मे दुवाएं माँग के
लड़की का फोन बज रहा था जो वाइब्रेशन मोड पे था,लड़की अब दुल्हन बन चुकी थी। पलकों से आंसू गिर रहे थे ।सिसकते हुए मोबाइल से पहले सिम निकाल के तोड़ा फिर सारा सामान जैसा था वैसे रख के न जाने कब सो गई पता नहीं चला। सुबह देर से जागी तब तक गंवार अफीस जा चुका था, पहले नहा धोकर साड़ी पहनी । लम्बी सी सिंदूर डाली अपनी माँग मे फिर मंगलसूत्र ।जबकि पहले एक टीकी जैसी साईड पे सिंदूर लगाती थी , ताकी कोई लड़का ध्यान न दे मगर आज 10 किलोमीटर से भी दिखाई दे ऐसी लम्बी और गाढी सिंदूर लगाई थी । फिर किचन मे जाके सासु मां को जबर्दस्ती कमरे मे लेके आई और तैयार होने को कहने लगती है । अपने गंवार पति के लिए थोड़ी नमकीन थोड़ा हलुआ और चाय बनाके अपनी स्कूटी मे सासुमा को जबर्दस्ती बिठाकर ले चलती है ।
फिर रास्ते मे सासुमा को पति के ऑफिस का पता पूछकर
पहुँच जाती है। पति हैरान रह जाता है पत्नी को इस हालत मे देखकर।
पति – सब ठीक तो है न मां?
मगर माँ बोलती इससे पहले पत्नी उसे गले लगाकर कहती है
की..अब सब ठीक है…I love you forever…
ऑफिस के लोग सब खड़े हो जाते है तो दुल्हन कहती है
की..मै इनकी धर्मपत्नी हूँ । बनवास गई थी सुबह लौटी
हूँ
अब एक महीने तक मेरे पतिदेव अफीस मे दिखाई नहीं देंगे
अफीस के लोग? ?????
दुल्हन – क्योंकि हम लम्बी छुट्टी पे जा रहे हैं साथ साथ।
पति- पागल…
दुल्हन – आपकी सादगी और भोलेपन ने बनाया है।
सभी लोग तालीया बजाते हैं और दुल्हन फिर से लिपट
जाती है अपने गंवार से …
जंहा से वह दोबारा कभी भी छूटना नहीं चाहती।
बड़े कड़े फैसले होते है कभी कभी हमारे अपनों के मगर
हम समझ नहीं पाते की…हमारे अपने हमारी फिकर खुद से
ज्यादा क्यों करते हैं
मां बाप के फैसलों का सम्मान करे ,क्योंकि ये दो ऐसे शख्स है जो आपको हमेशा बाकी दुनिया से ज्यादा प्यार करते हैं ।