सेहत

गठियाबाँय-निकरिस – Gout- गाउट- छोटे जोडो का दर्द, जानिये आसान इलाज!

गठियाबाँय की परिभाषा(Definition):-जब हड्डियों के जोडो़ में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो वह गठिया का रूप ले लेता है। यूरिक एसिड कई तरह के आहारों को खाने से बनता है। रोगीके एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है,

इसलिए इस रोग को गठिया कहते हैं। यह कई तरह का होती है, जैसे-एक्यूट, आस्टियो, रूमेटाइट, गाउट आदि।
क्या है गठिया?जब हड्डियों के जोडो़ में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो वह गठिया का रूप ले लेता है। यूरिक एसिड कई तरह के आहारों को खाने से बनताहै। रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है।

गठियाबाँय के लक्षण(Symptoms)

गठिया के किसी भी रूप में जोड़ों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के चलते जोड़ों में दर्द, जकड़न और फुलाव होने लगता है। रोग के बढ़ जाने पर तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है। इसका प्रभाव प्राय घुटनों, नितंबों, उंगलियों तथा मेरू की हड्डियों में होता है उसके बाद यह कलाइयों, कोहनियों, कंधों तथा टखनों के जोड़ भी दिखाई पड़ता है।

गठियाबाँय के कारण ( Cause)

महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को होता है। यह पुरुषों को 75 की उम्र के बाद होता है। महिलाओं में यह महावारी के बन्द (मेनोपॉज) के बाद होता है। या समय से पहले महावारी का बन्द होने से।

अगर आपके माता-पिता को यह बीमारी है तो आपको भी 20% चांस होगा कि यह बीमारी हो जाए।

बारिश में ज्यादा भींगने सें। सर्दी लगने सें।

खट्टी और बादी चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करने सें।

आर्थराइटिस के जोखिम कारक से

महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी के कारण,

शरीर में आयरन व कैल्सियम की अधिकता, पोषण की कमी,

मोटापा, ज्यादा शराब पीना, हाई ब्लड प्रेशर , अधिक सैक्स करने से,

और किडनियों को ठीक प्रकार से काम ना करने की वजह से गठिया होता है।

किस तरह से दिखता है गठिया!

पैरों के अंगूठों में सूजन पैरों में गठिया का असर सबसे पहले देखने को मिलता है। अंगूठे बुरी तरह से सूज जाते हैं और तब तक ठीक नहीं होते जब तक की उनका इलाज ना करवाया जाए।

उंगलियों का होता है यह हाल उंगलियों के जोड़ में यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा हो जाते हैं। इससे उंगलियों के जोडो़ में बहुत दर्द होता है जिसके लिये डॉक्टर का उपचार लेना पड़ता है।

दर्द से भरी कुहनियां गठिया रोग कुहनियां तथा घुटनों में हो सकता है।इसमें कुहनियां बहुत ही तकलीफ देह हो जाती हैं और सूजन से भर उठती हैं।

परहेज :- (Avoid)

गरम व मिठे पदार्थ से परहेज करें। लाल मिर्च -गोश्त-चाय-लहसुन-प्याज-अंड़ा-मछली-आम-बैंगन- आलू-अरबी-चावल-चना-मसूर की दाल-बर्फ-अफीम-मटर-भांग-शराब-उड़द की दाल-फूलगोभी- बेसन-गुड-तम्बाकू-मैदे की रोटी-केला-पापड.-चाकलेट-सिरका-ब्रेड-डिब्बा बंद पदार्थ-तैल की पकी हुई चीजें नहीं खावें।अम्ल व नमकीन – कचौड़ी – और तेज मसालेदार पदार्थ से परहेज करें।बादी पदार्थ से परहेज करे।अति अध्ययन-धुपमें चलनें-फिरनें और अधिक चिन्ता – अधिक मैथुन से बचें।

उपयोग:- (Use)

हरी तरकारियों में सें पालक- चोकर युक्त आटे की रोटी – मक्का – बाजरा- जौ- ग्वार की फली – छिलके वाली मूंग की दाल – लौकी- पत्ता गोभी – चुकन्दर- चौलाई की फली – कुलफा-तोरई-शलगम-कददू-टिंडे-मूँग की दाल-दूध-दही-ककड़ी-गाजर-करेला-मक्खन-मलाई-अरहर की दाल-खिचड़ी-धनिया -पोदीना-मूली-राई-बथुआ-भिंडी-साबूदाना वगैरा ।

गठियाबाँय का यूनानी ईलाज (Treatment):

मुफरदात नुस्खा(Single Medicine)

(1) 25 ग्राम सोंठ, 50 ग्राम हरड़, 15 ग्राम अजमोद तथा 10 ग्राम सेंधा नमक-सबको पीसकर चूर्ण बना लें| इसमें से 3 ग्राम चूर्ण सुबह और 3 ग्राम शाम को सेवनकरें!

(2) सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, सफेद जीरा, लहसुन, हींग तथा नमक-सबको पीसकर चूर्ण बना लें! इस चूर्ण में से 4-4 ग्राम की मात्रा दिन में चार बार शहद के साथ चाटें!

(3) अड़ूसा के पत्ते गरम करके प्रभावित अंगों को सेंकनाचाहिए!इससे सूजन कम हो जाती है!

(4) कपूर 2 ग्राम और अफीम 1 ग्राम दोनों को सरसों के तेल में पकाकर गठिया के अंगों पर सुबह-शाम मालिश करें।

(5) सरसों के तेल में दो चम्मच अजवायन, चार कलियां लहसुन तथा जरा सी अफीम डालकर पका लें! इस तेल को छानकर शीशीमें रख लें! रोज धूप में बैठकर इस तेल की मालिश करें!

(6) सोंठ 30gm – जीरा स्याह 30gm- कालीमिर्च 15gm – पोदीना 30gm- असगन्द 30gm- सुरंजान 30gm – इसपन्द खूलन्जान 30gm- अजवाइन खुरासानी 25gm इन सब दवाईयाँ का बारीक पाउण्ड़र बनाकर एक एक चम्मच सुबह शाम ले।

(7) रात को हल्का भोजन करके जल्दी सो जाएं !तेज धूप तथा पुरवाई में न बैठें! गरमी के मौसम में सुबह तथा जाड़ों में शाम को टहलना अच्छा रहता है!

(8) भाप से सेंक लें !गठिया के दर्द में सिकाई करना मना होना हैलेकिन अगर आप भाप यानि स्टीम लेते हैं तो आपको आराम मिलेगा। इसके लिए गुनगुने पानीमें तौलिया भिगोकर दर्द वाली जगह पर सिकाई करें।

(9) स्टीम बॉथगठिया का दर्द होने पर स्टीम बॉथ लें और उसके तुरंत बाद जैतून के तेल की मालिश कर लें। इससे बेहद आराम मिलेगा।

(10) नमक और पानी– शाम के समय थोडा गरम (सहने लायक) पानी में 10 चमच्च नमक ले कर उसे अपने पैरों को सेका करे, ऐसा करने से जोड़ो के दर्द से राहत मिलेगी ।

यूनानी मुरक्कब नस्खाँ (Compound Medicine)

नूस्खाँ नम्बर एक :- (1)माजून चोबचीनी 7gm सुबह के समय पानी से लें।
(2) इतरीफल शाहतरा 7gm रात को सोते समय पानी के साथ लें।
(3) शर्बत उन्नाब 20-20ml सुबह शाम पानी के साथ लें।
(4) कैप्सुल औजाई 2-2 सुबह शाम पानी के साथ ले।
(5) कुर्स गौदन्ती 1-1 टेबलेट सुबह शाम पानी के साथ ले।
(6) रोगन (तेल) सुर्ख + सुरंजान + लौंग को आपस में मिलाकर थोड़ा गर्म करके मालिश करें।

ये नुस्खां एक महिने तक इस्तेमाल करें

नस्खाँ नम्बर दो:- (1) माजून जोगराज गूगल 7gm सुबह के समय पानी से लें।
(2) माजून उशबा 7gm दोपहर के समय पानी सें लें।
(3) माजून औजा 7gm रात के समय पानी से लें।
(4) हब्बे अजाराकी 1-1 टेबलेट सुबह शाम पानी के साथ लें।
(5) सिरप खूनसफा 10-10 ml सुबह शाम पानी के साथ लें।
(6) रोगन सुर्ख + बाबूना + कुचला+ मालकांगनी को आपस में मिलाकर थोड़ा गर्म करके की मालिश करें।

ये नुस्खां एक महिने तक इस्तेमाल करें

नस्खाँ नम्बर तीन :- (1) माजून अजाराकी 7gm सुबह के समय पानी के साथ लें।
(2) हलवा धीकवार 10gm रात को सोते समय पानी से ले।
(3) सिरप मुसफ्फी अजीब10-10 ml सुबह शाम पानी के साथ लें।
(4) हब्बे सुरंजान 2-2 गोलियाँ सुबह शाम पानी के साथ लें।
(5) रोगन फास्फोरस तेल की मालिश करें।
ये नुस्खां एक महिने तक इस्तेमाल करें

नस्खाँ नम्बर चार :- (1) माजून सुरंजान 7 GM सुबह के समय पानी के साथ लें।
(2) हब्बे असगंद 2-2 गोली सुबह शाम पानी के साथ लें।
(3) अर्क मुरक्कब मुसफ्फी खून 30-30 ml सुबह शाम पानी के साथ लें।
(4) कुर्स गौदन्ती 2-2 टेबलेट सुबह शाम पानी के साथ लें।
(5) रोगन सुर्ख + मालंकागनी को मिलाकर थोड़ा गर्म करके मालिश करें।
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