ग़ज़ा के लोगों को वहां से बेदख़ल करने की पूरी हो चुकी है तैयारी…
इन दिनों अमरीका और यूरोप के नेताओं का ध्यान दो बातों पर बहुत केन्द्रित है और इस पर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ सेंटर्ज़ में भी बड़ा मंथन हो रहा है। यह दोनों विषय ग़ज़ा से जुड़े हुए हैं।
पहला विषय ग़ज़ा की 23 लाख की आबादी में से 15 लाख लोगों को वहां से हटाकर दुनिया के 65 से अधिक देशों में बसाना है ताकि क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन की सुरक्षा को लेकर चिंता कुछ कम हो और ज़ायोनी शासन का अस्तित्व बचाया जा सके जो ध्वस्त होना शुरू हो गया है।
दूसरा विषय ग़ज़ा पट्टी में हमास की जगह पर दूसरा शासन स्थापित करने का है। इस बारे में तीन विकल्पों पर पश्चिमी देश और इस्राईल विचार कर रहे हैं। एक तो महमूद अब्बास के नेतृत्व वाले फ़िलिस्तीनी शासन को ग़ज़ा पट्टी का संचालन सौंपना है, दूसरे ग़ज़ा पट्टी में अंतर्राष्ट्रीय बल तैनात करना है जैसा 1967 से पहले था और तीसरे मिस्री सेना को ग़ज़ा पट्टी का संचालन सौंपना।
ग़ज़ा पट्टी के लोगों को पड़ोसी देशों मिस्र या फ़ार्स खाड़ी के देशों या फिर कनाडा, अमरीका, न्यूज़ीलैंड और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में बसाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। फ़ार्स खाड़ी के देश ख़ुद तो ग़ज़ा पट्टी के लोगों को अपने यहां बसाने पर तैयार नहीं हैं लेकिन अगर उन्हें मिस्र, जार्डन या इराक़ में बसाया जाए तो इस योजना के लिए फ़ंडिंग करने पर तैयार हैं।
एक अजीब स्थान जहां ग़ज़ा वासियों को बसाने के बारे में सोचा जा रहा है इराक़ी कुर्दिस्तान का इलाक़ा है। इस इलाक़े के शासक नीरवान बारेज़ानी कुछ दिन पहले फ़्रांस के दौरे पर थे तो फ़्रांसीसी अधिकारियों की ज़बान से यह प्रस्ताव सुनकर हतप्रभ रह गए कि ग़ज़ा के 4 हज़ार परिवारों को अगर इराक़ी कुर्दिस्तान में बसा दिया जाए तो इसके बदले कुर्दिस्तान की भारी आर्थिक सहायता की जाएगी। बारेज़ानी ने इस प्रस्ताव को फ़ौरन ठुकरा दिया क्योंकि इसका कुर्दिस्तान के लोगों की तरफ़ से विरोध किया जाएगा, साथ ही तुर्की इराक़ संबंधों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि ब़गदाद सरकार इसके लिए हरगिज़ तैयार नहीं होगी।
मिस्र और जार्डन के सामने इसी तरह के प्रस्ताव रखे गए हैं और चूंकि यह देश गंभीर आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं इसलिए डर है कि इन देशों की सरकारें इस प्रकार के प्रस्ताव स्वीकार कर सकती हैं। मिस्र को इस समय 29 अरब डालर की तत्काल ज़रूरत है। जार्डन का विदेशी क़र्ज़ा 50 अरब डालर तक पहुंच गया है।
यूरोपीय कमीशन की चीफ़ उर्सूला वान दीर लाएन ने मिस्र और जार्डन के दौरे किए। उन्होंने मिस्र के सामने दर अरब डालर और जार्डन के सामने 5 अरब डालर का प्रस्ताव रखा। दोनों देशों ने सरकारी बयान में तो यही कहा कि उन्होंने प्रस्ताव ठुकरा दिया लेकिन बहुत बार यह भी होता है कि सरकारी बयान में सारी बातें बयान नहीं की जातीं।
अब यहां तीन बिंदु बहुत महत्वपूर्ण हैं,
एक तो ग़ज़ा का युद्ध जारी है और रिपोर्टें बता रही हैं कि यह लड़ाई लंबी चलने वाली है, इस्राईल आम नागरिकों के नरसंहार के अलावा अपना कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं कर सका है।
दूसरे यह कि ग़ज़ा पट्टी का प्रशासन यथावत हमास के हाथ में है, इस्राईली ज़मीनी आप्रेशन में विजय हासिल नहीं कर सका है। जबकि इस बीच इस्राईली सेना को भारी जानी माली नुक़सानन उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा लगभग 200 टैंक और सैनिक गाड़ियां ध्वस्त हो चुकी हैं।
तीसरे यह कि कितनी हास्यास्पद बात है कि इस पूरी बहस में ग़ज़ा वासियों की राय को कोई अहमियत ही नहीं जा रही है कि वो कहां बसेंगे और ग़ज़ा पट्टी पर किसका शासन होगा इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है। फिर पश्चिमी देशों का लोकतंत्र क्या अपनी मौत मर चुका है?
हम ग़ज़ा वासियों की बात करें तो यह लोग अब महमूद अब्बास का शासन को हरगिज़ क़ुबूल करने वाले नहीं है जिनका इस्राईल के साथ सुरक्षा समन्वय है और वो इस्राईली सैनिकों के साथ मिलकर फ़िलिस्तीनियों के प्रतिरोध को कुचलने पर बड़ा गर्व महसूस करते हैं। ग़ज़ा की तो बात ही छोड़िए ख़ुद वेस्ट बैंक के लोग नहीं चाहते कि महमूद अब्बास के हाथ में प्रशासन रहे। ग़ज़ा वासियों के लिए हीरो तो हमास है।
ग़ज़ा वासियों की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी कहीं और नहीं बल्कि मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन के अंदर अपने अपने उन गांवों और शहरों में लौटना का संकल्प रखती है जहां से उन्हें विस्थापित करके ग़ज़ा पट्टी भेजा गया है। इन लोगों को टू स्टेट समाधान भी पसंद नहीं वो चाहते हैं कि फ़िलिस्तीन की पूरी धरती फ़िलिस्तीनियों को वापस मिले।
ग़ज़ा वासियों को हमास के शासन के बदले अगर कुछ चाहिए तो वह इस्राईल के मल्बे पर तैयार होने वाली नई सरकार की सत्ता है।
फ़िलिस्तीनी मूल के वरिष्ठ अरब टीकाकार अब्दुल बारी अतवान
खून छप्पर फाड़कर बोलता है, 364 यहूदियों की हत्या खुद इस्राईली सैनिकों ने की थी : हारेत्ज़
अलअक्सा तूफान के 17 दिन बाद लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नस्रुल्लाह ने अपने भाषण में भी कहा था कि सात अक्तूबर को जिन यहूदियों की हत्या हुई है वह खुद इस्राईली सैनिकों का काम है।
सात अक्तूबर को हमास की सैनिक शाखा इज्ज़ुद्दीन क़स्साम ने अलअक़्सा तूफान ऑप्रेशन आरंभ किया था और उसी दिन फिलिस्तीन के संघर्षकर्ता गुटों ने लगभग दौ सौ यहूदियों को बंधक बना लिया था पर उसी दिन यहूदियों का एक त्योहार भी था और उसमें शामिल लोगों में से 364 यहूदी व जायोनी मारे गये और इस्राईल ने इसका दोष हमास पर मढ़ दिया और इसकी आड़ में इस्राईली सैनिकों ने फिलिस्तीन की मज़लूम जनता के खिलाफ नृशंस अपराध और अत्याचार में किसी प्रकार के प्रयास में संकोच से काम नहीं लिया और पूरी दुनिया में यह दुष्प्रचार किया कि हमास ने निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या।
इस दुष्प्रचार से उन्होंने विश्व जनमत की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की और इसमें वे किसी हद कामयाब भी रहे परंतु उनके झूठ की पोल गयी और अब जायोनी संचार संचार माध्यम भी कहने लगे हैं कि सात अक्तूबर को यहूदियों का होने वाला नरसंहार हमास का काम नहीं बल्कि इस्राईली सैनिकों का काम था। सवाल यह पैदा होता है कि क्या इस्राईली सूत्रों व अधिकारियों को अब पता चल रहा है कि यह काम हमास का नहीं था? जानकार हल्कों का मानना है कि हमले के पहले दिन से ही इस्राईल के जानकार हल्कों को पता हो गया था कि यह यहूदी लोगों, बच्चों और महिलाओं की हत्या हमास ने नहीं की है बल्कि यह इस्राईली सैनिकों के हेलीकाप्टर हमले में मारे गये हैं। इस्राईली समाचार पत्र हारेत्ज़ की खबर और उसकी स्वीकारोक्ति को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।
रोचक बात यह है कि अलअक्सा तूफान के 17 दिन बाद लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नस्रुल्लाह ने अपने भाषण में कहा था कि सात अक्तूबर को जिन यहूदियों की हत्या हुई है वह खुद इस्राईली सैनिकों का काम है और जब इस बात की जांच पड़ताल की जायेगी तो सच्चाई सामने आ जायेगी और इस्राईल को अपमान का सामना होगा और अब इस वास्तविकता को खुद इस्राईली हल्के व सूत्र स्वीकार कर रहे हैं।
सवाल यह पैदा होता है कि जब इस्राईली हल्कों को पहले दिन से ज्ञात था कि सात अक्तूबर को होने वाले नरसंहार में हमास का हाथ नहीं है तो उन्होंने इतने दिनों तक इस बात को क्यों छिपाये रखा? इसके जवाब में जानकार हल्कों का मानना है कि इस्राईल को मालूम था कि यह काम हमास का नहीं है फिर भी उसने इसका दोष हमास पर मढ़ दिया ताकि उन्हें विश्व जनमत का समर्थन व सहानुभूति प्राप्त हो जाये और साथ ही इस्राईल इस आरोप की आड़ में अपने नृशंस अपराधों का औचित्य दर्शा सके और इस्राईल विश्व जनमत को यह संदेश देना चाहता है कि हमास एक खतरनाक संगठन है जबकि वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है।
हमास अपनी मातृभूमि की आज़ादी के लिए अतिग्रहणकारी सरकार से लड़ रहा है। यह इस्राईल है जिसकी बुनियाद गैर कानूनी और अवैध ढंग से फिलिस्तीनियों की मातृभूमि पर रखी गयी है।
कुछ हल्कों में यह बात कही जाती है कि सात अक्तूबर का हमला हमास ने आरंभ किया था तो इस्राईल को आत्म रक्षा का अधिकार है? इसके जवाब में जानकार हल्कों का कहना है कि पहली बात तो यह है कि आरंभ हमास ने नहीं बल्कि इस्राईल ने की है। 75 साल पहले हज़ारों फिलिस्तीनियों का खून बहाकर उनकी मातृभूमि में इस्राईल की गैर कानूनी सरकार की बुनियाद रखी गयी। आप इंसाफ से बतायें कि आरंभ किसने किसने किया? 75 साल पहले से अधिक समय से इस्राईल फिलिस्तीनियों पर अत्याचार कर रहा है उसका अत्याचार बंद कब हुआ था जो यह कहा जाये कि हमास ने पहल की थी। हमास ने पहल नहीं की थी बल्कि नये अंदाज़ में अतिग्रहकारियों को जवाब दिया।
हमास ने अपने कानूनी जवाब से अतिग्रहणकारी इस्राईल को करारा आघात लगाया है इस प्रकार से कि गैर कानूनी सरकार ढेर हो गयी और पश्चिमी देश विशेषकर अमेरिका उसे दिलासा दिलाने और ढारस बधाने के लिए उसकी मदद करने लगे और फिलिस्तीन की मज़लूम जनता के खिलाफ इस्राईल जो भी अपराध कर रहा है उसमें अमेरिका और पश्चिमी व यूरोपीय देश बराबर के भागीदार हैं।

ईरान की सक्रिय कूटनीति, ग़ज़्ज़ा में जंग बंद करवाने का दबाव, रूस से चर्चा
ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने ग़ज़्ज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक के घटनाक्रमों के बारे में रूसी विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव के साथ विचार विमर्श किया।
इर्ना के अनुसार इस टेलीफ़ोनी वार्ता में विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने नागरिकों के खिलाफ ज़ायोनी शासन के लगातार हमलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि अमेरिका यह दावा करता है कि वह युद्ध रोकना चाहता है लेकिन व्यवहार में हम अमेरिकी-ज़ायोनी युद्ध की तीव्रता के साक्षी हैं।
विदेशमंत्री ने कहा कि ग़ज़्ज़ा में 15000 से अधिक नागरिकों, महिलाओं और बच्चों की शहादत और दर्जनों क़ैदियों की मौत, ज़ायोनी शासन के लगातार हमलों और अंधाधुंध बमबारी का परिणाम है।
ग़ज़्ज़ा और वेस्ट बैंक के निवासियों के जातीय सफ़ाए और जबरन प्रवास को रोकने को महत्वपूर्ण बताते हुए इस्लामी गणतंत्रर ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए रूस की अधिक सक्रिय भूमिका की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और कहा कि बेशक प्रतिरोध अंतिम फ़ैसला करेगा।
रूसी विदेश मंत्री ने भी हमलों को रोकने के लिए ज़ायोनी शासन के विरोध पर निराशा व्यक्त की। सर्गेई लावरोव ने युद्ध रोकने और कैदियों को रिहा करने के लिए परामर्श जारी रखने पर ज़ोर दिया।
इसी तरह दोनों नेताओं ने कुछ द्विपक्षीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया।
क्षेत्र में नई स्थति बनने की संभावना मौजूद हैः अब्दुल्लाहियान
ईरान के विदेशमंत्री कहते हैं कि ज़ायोनियों के अपराधों को रुकवाने की प्रक्रिया यदि विफल रहती है तो क्षेत्र में युद्ध की नई स्थति बन सकती है।
तसनीम समाचार एजेन्सी के अनुसार हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने इस ओर संकेत किया कि ग़ज़्ज़ा में युद्ध युद्ध को रुकवाने के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में ज़ायोनी शासन बाधा बन रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से प्रतिरोध की ओर से एलान किया जा चुका है कि ग़ज़्ज़ा में आम नागरिकों के विरुद्ध यदि लड़ाई नहीं रुकती है तो श्रेत्र में नए मोर्चे खुलने की प्रबल संभावना पाई जाती है। यह ठीक उसी प्रकार से है जैसे लेबनान के अतिरिक्त यमन, सीरिया और इराक़ की ओर से फ़िलिस्तीन की अत्याचार ग्रस्त जनता के हित में मोर्चे खुल चुके हैं।
ईरान के विदेशमंत्री ने बताया कि ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के जनंसहार को रुकवाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर प्रयास जारी हैं। इसी के साथ ग़ज़्ज़ावासियों को ज़बरदस्ती उनके घरों से उनको पलायन करने पर विवश करने को रुकवाने के लिए भी कोशिशों को केन्द्रित किया गया है।
ग़ज़्ज़ा युद्ध रुकवाने के लिए ईरान आगे आया
फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईल की ओर से किये जा रहे अत्याचारों को रुकवाने के लिए ईरान ने नया क़दम उठाया है।
राष्ट्रपति ने विश्व के 50 देशों से ग़ज़्ज़ा में इस्राईल के अपराधों को रुकवाने की मांग की है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने 50 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को पत्र भेजकर उनसे कहा है कि ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनियों के अत्याचारों को रुकवाने के लिए विभिन्न मार्गों का प्रयोग किया जाए जिसमें कूटनीति और आर्थिक मार्ग भी शामिल हों।
अपने पत्र में सैयद इब्राहीम रईसी ने लिखा है कि विश्व के स्वतंत्र देशों विशेषकर इस्लामी देशों से यह अनुरोध है कि वे एकजुट होकर कूटनीतिक और आर्थिक मार्गों से अवैध ज़ायोनी शासन पर दबाव डालें कि वह ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध अपने अत्याचारों को तत्काल रोक दें।
ईरान के राष्ट्रपति ने इस बात की कड़ी आलोचना की है कि ग़ज़्ज़ा युद्ध के संदर्भ में पश्चिमी सरकारों ने दोहरा मानदंड अपनाया है। एसे में विश्व के स्वतंत्र देशों को ग़ज़्ज़ा में युद्ध रोकने के लिए इस्राईल पर हर तरह से दबाव डालना चाहिए।
पिछले 45 दिनों में इस्राईल की ओर से ग़ज़्ज़ा पर की जाने वाली बमबारी और हमलों में 123000 फ़िलिस्तीनी शहीद हुए हैं। इन हमलों में 30000 से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल हो चुके हैं।
@Misra_Amaresh
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19 नवंबर 2023! #Hezbollah द्वारा #Israel पर किये गये ग्यारह (11) हमलों का ब्योरा:
पूर्वी क्षेत्र (Eastern Sector)
1. 11:30 (11.30 AM): Al Marj site को उपयुक्त हथियारों से निशाना बनाया गया, जिससे #Israeli सैनिक हताहत हुए।
2. 12:40 (12. 40 PM): Metulla site के पास #IDF सैनिको और वाहनों की एक सभा को निशाना बनाया, जिससे कई हताहत हुए।
3. 15:45 (3.45 PM): Yiftah और Al Malikiyah site को missiles से निशाना बनाया।
4. 15:50 (3.50 PM): Al Abad site को निर्देशित मिसाइलों से निशाना बनाया।
5. 16:25 (4.25 PM): Al Marj site, Ramim Barracks, Hounin के पास, इजरायली सैनिकों की कई सभाओं को missiles से निशाना बनाया।
पश्चिमी क्षेत्र (Western Sector)
1. 8:30 (8.30 AM): Al Dahira, Al Jarda site को निशाना बना कर, सीधा हमला किया।
2. 8:35 (8.35 AM): Al Alam site में एक नव विकसित कमांड सेंटर पर उचित हथियारों के साथ IDF सैनिकों की एक सभा को निशाना बनाया। कई हताहत हुए हैं।
3. 11:30 (11.30 AM): Ramia site पर missiles दागे।
4. 11:30 (11.30 AM): Khallet Warda Site पर घात लगाकर हमला किया।
5. 12:00 (12 Noon): Hanita Site को उपयुक्त हथियारों से निशाना बनाया।
6. 12:45 (12.45 PM): Jal Al Alam site और उसके आसपास को मिसाइलों और तोपखाने के गोले से निशाना बनाया गया, जिससे इजराइली सैनिक भाग खड़े हुए।
@Misra_Amaresh
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पिछले 48 घंटों के दौरान, #Palestinian resistance के अभिन्न हिस्से, Fatah Party कि Al Aqsa Brigade ने #IDF को नुकसान पहुंचाया।
#Gaza, Al Nasr सड़क पर RPG से #Israeli सैन्य वाहक को नष्ट किया। Sheikh Radwan मे तीन बख्तरबंद वाहनों के साथ-साथ Sheikh Radwan अक्ष (थर्ड स्ट्रीट – सार्वजनिक सुरक्षा) पर एक इमारत पर कब्जा किये #IDF सैनिकों पर, टैंक रोधी गोले, व्यक्तिगत और मध्यम हथियारों से हमला किया। #Palestinian resistance ने दुश्मन रैंकों में प्रत्यक्ष और घातक हताहतों की पुष्टि की। Resistance के लड़ाके दृढ़ता और जीत के विश्वास के साथ Sreet warfare लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि आखिरी “इजरायली” सैनिक को भी फिलीस्तीन कि पवित्र भूमि से बाहर निकाल दिया जायोगा।
@Misra_Amaresh
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BREAKING! #Israel के Mount Herzl Military कब्रिस्तान के निदेशक, David Oren Baruch, ने खुलासा किया कि उन्होंने पिछले 48 घंटों में अकेले #Gaza में मारे गए 50 #IDF सैनिकों को दफनाया है! ‘हर घंटे एक दफ़न’ होता है! आधिकारिक #Israeli आंकड़े पिछले 24 घंटों में केवल 13 मौतों की बात स्वीकार करते हैं! और यह केवल गाजा है! #WestBank के बारे में क्या, जहां हर दिन 3-4 आईडीएफ सैनिक मारे जाते हैं?
@Misra_Amaresh
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#IndonesiaHospital पर #Israel के हमले के बाद घायलों और डॉक्टरों में दहशत, मौत और विनाश का मंजर है। 700 घायल और 2000 से ज्यादा विस्थापित लोग अस्पताल के अंदर हैं। ईंधन की कमी है; केवल एक छोटा जनरेटर बचा है। अस्पताल अपनी क्षमता से कहीं अधिक काम कर रहा है।
Iqbal Ahmad. proud to be Indian.
@IqbalAh35783498
अगर इसराइल के सैनिक इतना ही बहादुर है। तो हाई टेक्नोलॉजी पावर के साथ भी मुजाहिद्दीन से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं।
और औरत ,बच्चों को निशाना बना रहे।
Palestine 🇯🇴🤲
@ShihabChoturfan
याहुद की किताबो मे लिखा है कि यहूद की कोई भी हुकूमत 80 साल से आगे नही बढ सकती। जीसे सालारे लश्करे इस्लाम ने आठवे की लुगत से ताबीर किया था
इंशा हमारा अकीदा है की आठ अशरो की तकमील पर ये सब नापाक हुकूमत अबू उबैदा के लश्कर के सहारे नेस्तो नाबूद होकर रहेगी-
Hend F Q
@LadyVelvet_HFQ
Reports that the Indonesian Hospital has been surrounded by tanks. Let me guess.. Hamas HeadQuarters? Now after bombing around it and shooting and killing doctors and patients from the windows they will force evacuate them again. Sick.
There’s no going back. Free Palestine
📍Casablanca pic.twitter.com/8LKbwp9ej0
— ashok kumar 🇵🇸 (@broseph_stalin) November 19, 2023