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ग़ज़ा जंग के 46वे दिन की ख़बरें : जंग में हुई चीन और रूस की एंट्री : ग़ज़ा मामले पर दक्षिण अफ़्रीका ने बुलायी ब्रिक्स प्लस की अहम बैठक, पीएम मोदी अब क्या कहेंगे? रिपोर्ट

इसराइल-हमास जंग पर ब्रिक्स प्लस की अहम बैठक, क्या करेंगे पीएम मोदी?

इसराइल-हमास जंग के कारण मध्य-पूर्व में पैदा हुए तनावपूर्ण हालात को लेकर मंगलवार को ब्रिक्स प्लस देशों की एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक होने जा रही है.

इस बैठक में ब्रिक्स के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष पश्चिमी एशिया में बने संकट और इसके समाधान पर चर्चा करने वाले हैं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बैठक में शिरकत करेंगे जबकि ख़बर है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल नहीं होंगे.

द हिंदू के अनुसार, अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पीएम मोदी ‘अन्य व्यस्तताओं के चलते’ बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.

अभी ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहे दक्षिण अफ़्रीका के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बयान जारी करके कहा था कि राष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा ने मध्य-पूर्व में बने हालात को लेकर 21 नवंबर को एक ‘महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक’ बुलाई है.

बयान में कहा गया था, “ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन के साथ-साथ, नए सदस्य देशों- सऊदी अरब, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात के नेता भी इस महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे.”

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी इस बैठक भाग लेंगे.

पुतिन और जिनपिंग होंगे शामिल

रूस के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस सर्विस ने पुष्टि की है कि व्लादिमीर पुतिन इस वर्चुअल बैठक में शिरकत करेंगे.

पुतिन ने इससे पहले जोहानिसबर्ग में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में भाग नहीं लिया था.

उसी सम्मेलन में छह नए देशों- सऊदी अरब, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स में शामिल करने का फ़ैसला किया गया था.

ये देश आधिकारिक रूप से एक जनवरी, 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बनेंगे.

इसी तरह चीन के विदेश मंत्रालय ने भी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है.

रूस लगातार ग़ज़ा में संघर्षविराम की वकालत कर रहा है और चीन ने तो इसराइल-हमास जंग रुकवाने में मदद की भी पेशकश की थी.

पीएम मोदी क्या करेंगे?

भारतीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक़ माना जा रहा है कि राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में व्यस्तता के कारण प्रधानमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं होंगे.

25 नवंबर को राजस्थान में मतदान होना है. ऐसे में प्रचार अभियान चरम पर है और ख़बरों के अनुसार, मंगलवार को राजस्थान में उनकी तीन चुनावी रैलियां भी प्रस्तावित हैं.

ऐसे में उनकी जगह विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

हालांकि, ऐसे क़यास भी लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक के बाद जो साझा बयान जारी होगा, अगर उसमें इसराइल की आलोचना की गई तो भारत असहज हो सकता है.

दरअसल, इसराइल-ग़ज़ा संघर्ष में भारत का झुकाव इसराइल के पक्ष में ज़्यादा रहा है.

ब्रिक्स के नए और पुराने सदस्य देशों में सिर्फ़ भारत और इथियोपिया ही थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में आए उस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया था, जिसमें ग़ज़ा में खाना, पानी और ईंधन पहुंचाने के लिए युद्धविराम की अपील की थी. बाक़ी सभी सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया था.

दक्षिण अफ़्रीका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस वर्चुअल सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त बयान भी जारी किया जाएगा.

इस बीच, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी के इस बैठक में शामिल न होने को लेकर निशाना साधा है.

उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा है, “जी20 को लेकर प्रोपगैंडा करके मोदी और भारत को ग्लोबल साउथ और ब्रिक्स का नेता बताने के प्रचार के बावजूद, अमेरिकी उपनिवेशवाद के चापलूस जूनियर पार्टनर का दर्जा हासिल करने के लिए मोदी, फ़लस्तीनियों को लंबे समय से दिए जा रहे समर्थन को बेकार कर रहे हैं.”

उन्होंने लिखा है, “भारत को तुरंत संघर्षविराम के लिए कहना चाहिए.”

इसराइल पर भारत का रुख़

भारत ने इसी महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया था, जिसमें कब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइली बस्तियों की निंदा की गई थी.

‘पूर्वी यरुशलम और सीरियाई गोलान समेत कब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइली बस्तियां’ टाइटल से यूएन महासभा में प्रस्ताव पेश किया गया था.

इस प्रस्ताव के समर्थन में 145 वोट पड़े थे, ख़िलाफ़ में सात और 18 देश वोटिंग से बाहर रहे थे.

जिन्होंने इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट किया था, वे देश थे- कनाडा, हंगरी, इसराइल, मार्शल आईलैंड्स, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेसिया, नाऊरु और अमेरिका.

सबसे दिलचस्प है कि भारत ने इसराइल के ख़िलाफ़ वोट किया. इसराइल के ख़िलाफ़ वोट करने वाले देशों में बांग्लादेश, भूटान, चीन, फ़्रांस, जापान, मलेशिया, मालदीव, रूस, साउथ अफ़्रीका, श्रीलंका और ब्रिटेन थे.

इससे पहले जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में ग़ज़ा में इसराइल के हमले को लेकर युद्धविराम का प्रस्ताव लाया गया था तो भारत वोटिंग से बाहर रहा था. तब भारत के रुख़ को इसराइल के प्रति मोदी सरकार की नरमी के तौर पर देखा गया था.

यूएन में 26 अक्टूबर की वोटिंग के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरब और खाड़ी के देशों के कई नेताओं से बात की है.

इस बातचीत में पीएम मोदी से अरब के नेताओं ने फ़लस्तीनियों के पक्ष में खड़े होने की अपील की थी. इनमें ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, यूएई के राष्ट्रपपति शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाह्यान और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल-सीसी शामिल थे.

ग़ज़ा में बिगड़ते हालात

मध्य-पूर्व में सात अक्टूबर से ही हालात नाज़ुक बने हुए हैं. उस रोज़ हमास के लड़ाकों ने अचानक इसराइल पर हमला कर दिया था.

इस हमले में कम से कम 1200 इसराइलियों की मौत हुई थी और 240 को बंधक बना लिया गया था.

इसके बाद से ही इसराइल की सेना ने ग़ज़ा में हमास के ख़िलाफ़ एक व्यापक अभियान छेड़ा हुआ है.

ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अब तक इसराइली कार्रवाई में 13 हज़ार लोगों की जान जा चुकी है.

लगातार हो रही हिंसा के बीच संयुक्त राष्ट्र और कई देश संघर्षविराम की अपील कर रहे हैं, मगर इसराइल का कहना है कि जब तक वह हमास को ख़त्म नहीं कर देता और बंधक बनाए गए उसके नागरिकों की रिहाई नहीं होती, तब तक वह अभियान जारी रखेगा.

इस बीच ग़ज़ा में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी नेकहा है कि फ़लस्तीनियों के मरने और उन्हें नुक़सान पहुंचने में तेज़ी आई है.

इसराइल और हमास के बीच संभावित डील पर क्या है ताज़ा अपडेट

निक बीक

यरूशलम से

इसराइल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौते को लेकर क़तर से सकारात्मक बातें सुनाई दे रही हैं. अमेरिका भी इसे लेकर ऐसे ही संकेत दे चुका है.

क़तर में रहने वाले हमास के नेता का बयान भी आ चुका है.

बयान देने के पहले उन्होंने क़तर की राजधानी दोहा में इंटरनेशनल कमेटी ऑफ़ द रेड क्रॉस (आईसीआरसी) के प्रेसिडेंट से मुलाक़ात की.

बीते महीने जो चार बंधक रिहा किए गए थे, उन्हें पहुंचाने में आईसीआरसी ने भूमिका निभाई थी.

हमास के अधिकारियों ने अल ज़रीरा को न्यूज़ नेटवर्क को बताया है कि अब समझौते पर चर्चा हो रही है.

बातचीत में शामिल मुद्दों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि इसमें इसराइल की महिलाओं और बच्चों को छोड़ने और इसराइल की हिरासत में मौजूद फ़लस्तीनी महिलाओं और बच्चों को छोड़ने पर बात होगी.

समझौता हुआ तो ग़ज़ा तक मदद का और ज़्यादा सामान पहुंच सकेगा.

ये माना जा रहा है कि समझौता हुआ तो लड़ाई रुकेगी और ताकि बंधक बाहर जा सकें और मदद का सामान ग़ज़ा आ सके.

इसराइल ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

Hend F Q
@LadyVelvet_HFQ
#BREAKING

🚨🚨🚨🚨🚨
Prisoner exchange deal announced, according to Al-Quds newspaper

1) 5-day Truce

2) Cessation of #IDF shelling for 6 hours a day in northern Gaza and complete cessation in southern #Gaza

3) #Israel will release 300 women and children from the 7000 prisoners and #Hamas will release 50 Israeli soldiers

4) 300 trucks of aid will be delivered all over Gaza

Hend F Q
@LadyVelvet_HFQ

The international community was moaning about why Hamas was taking Hospitals for military operation camps which was not true. Now why is the world silent that Israel is using the hospitals as military bases.

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh

BREAKING! #Israel ने #Gaza की लड़ाई के दौरान एक अधिकारी सहित अपने दो और सैनिकों की हत्या, और पांच अन्य के गंभीर रूप से घायल, होने की बात स्वीकार की!

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh

BREAKING! #Israel ने #Gaza की लड़ाई के दौरान एक अधिकारी सहित अपने दो और सैनिकों की हत्या, और पांच अन्य के गंभीर रूप से घायल, होने की बात स्वीकार की!

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
#Hamas के Abu Obeida की स्पीच!
हमारे लड़ाकों ने पिछले तीन दिनों में 60 ज़ायोनी सैन्य वाहनों को निशाना बनाया, जिनमें 10 बख्तरबंद वाहक भी शामिल थे।
हमारे लड़ाकों ने शनिवार को एंटी-कार्मिक उपकरणों के साथ एक #Israeli पैदल सेना बल को निशाना बनाया, जिससे महत्वपूर्ण चोटें आईं और मदद के लिए दुश्मन की चीखें सुनाई दीं।
#Gaza पट्टी में कई मोर्चों पर दुश्मन के साथ भीषण झड़पें जारी हैं। हमारे लड़ाकों ने दुश्मन के खिलाफ कई गुणात्मक ऑपरेशन किए, जिसके परिणामस्वरूप उनके कई सैनिक मारे गए और घायल हुए।
जब दुश्मन अपने क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाने में असमर्थ होता है, तो वह अपनी विफलता के निशान मिटाने के लिए उन पर हवा से बमबारी करता है।
25 लड़ाकों से युक्त विशिष्ट सेनानियों की एक सेना ने रान्तिसी अस्पताल में दुश्मन सेना पर एक समग्र हमला किया। इसमे कई #Israeli सैनिक मारे गये।
अबू ओबैदा ने कई ऑपरेशनों का भी वर्णन किया जिसमें कहीं सात, कहीं चार Israeli सैनिक सीधे सैन्य संघर्ष में शून्य दूरी पर मारे गए।

جاوید شیخ
@JavaidShaikh14

Israel’s 🇮🇱 General Tamir Yadai 🔻, commander of the 298th Brigade.

Diplomatic Tides
@DiplomaticTides
🕊️🌍 Lavrov calls for action: Time to reboot the peace process for Palestine-Israel, anchored in UN decisions & the 2002 Arab Peace Initiative. A sovereign Palestinian state with East Jerusalem as its capital is vital, says Russia’s FM.

Saudi Gazette

@Saudi_Gazette

#BREAKING: #Saudi Foreign Minister: Our message is clear… The war must stop immediately, and the blockade on the #Gaza Strip must be lifted.

Saudi Gazette

@Saudi_Gazette

#BREAKING: #Saudi Foreign Minister: What is happening in #Gaza cannot be justified as self-defense.

YOUSIF ALGHAMDI
@ghamdiyd

Saudi Crown Prince: We call on all countries to stop exporting weapons to #Israel

Hala Jaber
@HalaJaber

#BREAKING
#Israel kills two #Lebanese journalists working for #Al_Mayadeen .
Reporter #Farah_Omar & photographer

Osaid – #NotATarget 🗝 🇵🇸
@OsaidesserMD

Nearly 230 HCW were killed in #Gaza by #IOF since October 7.

Quds News Network
@QudsNen
Spokesman for the Ministry of Health in Gaza:

⭕ About 120 patients have been evacuated from the Indonesian Hospital in northern Gaza to Nasser Hospital in Khan Yunis

⭕ The Israeli occupation is bombing Al-Shifa Hospital and destroying parts of it

⭕ The occupancy rate in Gaza hospitals is 190%

⭕ Hospitals in northern Gaza are completely out of service

⭕ The Israeli occupation is besieging the only dialysis hospital in Gaza for the second day

⭕ We demand that a safe passage be provided for the evacuation of hundreds of wounded and the entry of medical delegations and medical supplies

⭕ The occupation is escalating it aggression against the Indonesian Hospital and falsifying evidence to prove its claims