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ग़ज़ा में ज़मीनी ऑपरेशन के दौरान इस्राईल के 100 से ज़्यादा आतंकी सैनिक मारे गए, ज़ायोनी सेना में डर का माहौल : रिपोर्ट

ग़ज़्ज़ा पर 26 दिनों से लगातार भीषण बमबारी कर रहे अवैध आतंकी ज़ायोनी शासन ने आख़िरकार अपने सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार कर ली है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, अवैध ज़ायोनी शासन के इतिहास में अब तक उसको इतनी शर्मनाक हार का सामना नहीं करना पड़ा था। वहीं प्रतिरोध के जियालों के हाथों लगातार मारे जा रहे उसके आतंकी सैनिकों की सही संख्या भी यह शासन बताने से बच रहा है। जहां विदेशी मीडिया यह अनुमान लगा रहा है कि केवल ग़ज़्ज़ा के सीमावर्ती इलाक़े में ही क़स्साम ब्रिगेड द्वारा की गई जवाबी कार्यवाही में मारे गए इस्राईल के आतंकी सैनिकों की संख्या 100 से ऊपर है वहीं तेलअवीव का कहना है कि उसके नौ सैनिक मारे गए हैं। जबिक कई सैनिक घायल हैं। लेकिन उसने घायलों की संख्या स्पष्ट रूप से नहीं बताई गई है।


इस बीच अवैध ज़ायोनी शासन के इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के ख़िलाफ़ अधिकृत फ़िलिस्तीनी इलाक़ों समेत दुनिया के अधिकतर देशों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिका समेत दुनिया के अलग-अलग देशों में रहने वाले यहूदियों ने नेतन्याहू को हत्यारा बताते हुए कहा है कि वह किसी भी स्थिति में यहूदी समुदाय का नेतृत्व नहीं करते हैं। प्रदर्शनकारियों यहूदियों ने संयुक्त राष्ट्र संघ से मांग की है कि वह नेतन्याहू को अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय के सामने पेश करे और उनके द्वारा अंजाम दिये जा रहे युद्ध अपराधों की जांच करके उन्हें सज़ा दी जाए। इस बीच तेलअवीव में भी हज़ारों की संख्या में लोगों ने नेतन्याहू के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन करके युद्ध समाप्त किए जाने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक यह युद्ध समाप्त नहीं होगा तबतक हमास हमारे परिजनों को नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू के ग़लत नीतियों के ही कारण आज हमारे परिजनों की जान ख़तरे में है।