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गुजरात में प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस पर जनता को बाढ़ का मिला तोहफ़ा, पांच ज़िलों में बाढ़!

गुजरात की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उसने नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के पानी को भारी मात्रा में दो दिनों तक रोककर रखा और फिर 17 सितम्बर को एक ही बार में सारा पानी छोड़ दिया, जिससे पांच ज़िलों में बाढ़ आ गई। विशेष रूप से भरूच ज़िला इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

विपक्षी दलों के अनुसार, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ​‘ख़ुश​’ करने के लिए किया गया था जिन्होंने उस दिन अपना 73वां जन्मदिन मनाया था। इसे ​‘मानव निर्मित​’ आपदा बताते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने जान-बूझकर जलाशय को ओवरफ्लो कर दिया और एक ही बार में पानी छोड़ दिया, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।

गुजरात में पिछले कुछ दिनों से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। लगातार बारिश के कारण राज्य में नदियां, जलाशय और अन्य जल स्रोत उफान पर हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल समेत बचावकर्मियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्रवाई में लगाया गया है।

सोमवार 18 सितम्बर को अहमदाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि मध्य प्रदेश में भारी बारिश और नर्मदा बांध में जलस्तर की प्रति घंटे निगरानी के बावजूद अधिकारियों ने 15 और 16 सितम्बर को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़ा और किसी को खुश करने के लिए 17 सितंबर तक बांध के ओवरफ्लो होने का इंतजार करते रहे।

इसे ​‘आपराधिक लापरवाही​’ बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके बाद छोड़े गए पानी की मात्रा इतनी बड़ी थी यानी 18 लाख क्यूसेक कि इससे भरूच, चाणोद और करनाली समेत निचले इलाकों में स्थित कस्बों और शहरों में बाढ़ आ गई। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए उनकी संपत्ति ज़ब्त की जाए।

उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने संबंधित एजेंसियों से उपलब्ध आंकड़ों को नजरअंदाज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।

ज्ञात रहे कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार 17 सितम्बर सुबह नर्मदा पूजन के लिए बांध स्थल केवड़िया पहुंचे थे। इस दिन मोदी का 73वां जन्मदिन भी था।

कांग्रेस नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन मनाने और उन्हें जनता के ‘मसीहा’ के रूप में पेश करने के लिए भाजपा सरकार में कुछ मूर्खों के समूह ने नर्मदा बांध के द्वार खोलने का फैसला किया और एक साथ 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया, जिससे आम लोगों का जीवन संकट में आ गया।