अहमदाबाद:कश्मीर के कठुआ गैंगरेप पर पूरी दुनिया मे आवाज़ उठाई जारही है,जिसके चलते भारतीय प्रधानमंत्री को लन्दन में विरोध झेलना पड़ा है,तथा इंटरनेशनल मीडिया के सामने भारत की छवि धूमिल हुई है और बदनामी हुई है।
कश्मीर के कठुआ कांड के चलते देश भर में विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं। देश भर में कठुआ कांड को लेकर विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं। ऐेसे में रविवार को अहमदाबाद दरियापुर समेत अनेक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। इसमें विभिन्न शालाओं के 700 से अधिक बच्चों ने और अनेक लोगोंं ने शिरकत की। इन सबके हाथ में प्ले कार्ड था। सभी की मांग थी कि इस कांड से जुड़े दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
कठुआ में आठ साल की एक बच्ची से मंदिर में गैंगरेप किया गया था। गैंगरेप के बाद बच्ची की निर्मम हत्या कर दी गई थी। पीड़ित बच्ची बकरवाल (मुस्लिम) समुदाय से थी। हिंदूओं में आम धारणा बन गई थी कि इस समुदाय के लोग गायों का मांस खाते हैं।
इस घटना के जरिए रसाना गांव से इस समुदाय के लोगों को विस्थापित करने की बड़ी साजिश रची गई थी। इसी साजिश के तहत मासूम बच्ची का पहले अपहरण किया गया फिर उसे एक मंदिर में बंधक बना कर रखा गया और फिर इसी मंदिर में उससे करीब एक हफ्ते तक हैवानियत की गई।
गंभीर बात यह भी है कि राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी सांझी राम को सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। बता दें कि आठ साल की बच्ची के साथ गैंगरेप करने से पहले उसे नशीली दवा खिला दी गई थी। इसके कारण वह अपना बचाव भी नहीं कर सकी थी। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले की जांच के बाद यह भी सामने आया है कि मास्टरमाइंड ने बकरवाल समुदाय के मुसलमानों को बाहर खदेड़ भगाने के लिए अपने ही भतीजे और अन्य 6 लोगों को उकसाया था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बकरवाल समुदाय मुख्य रूप से चरवाहे का काम करता है।