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घबराया इस्राईल : ज़ायोनियों के अत्याचारों के शिकार फ़िलिस्तीनी बंदी की भूख हड़ताल 82वें दिन भी जारी : रिपोर्ट

सारे ही इराक़ी, फ़िलिस्तीन के समर्थकःअश्शेमरी

इराक़ की जनता अवैध ज़ायोनी शासन के साथ संबन्ध विस्तार की इच्छुक नहीं है।

इराक़ के गृहमंत्री का कहना है कि हम सब इराक़ी, फ़िलिस्तीन के समर्थक हैं।

अब्दुल अमीर अश्शेमरी ने फिलिस्तीन की स्वशासित सरकार के गृहमंत्री के साथ भेंट में यह बात कही। उनक कहना था इराक़ के लोग और यहां के सारे दल और संगठन सब के सब फ़िलिस्तीन का समर्थन करते हैं।

इराक़ के गृहमंत्री का कहना था कि फ़िलिस्तीन के साथ हमारे बहुत ही प्राचीन एव गहरे संबन्ध रहे हैं। उनसे पहले इराक़ के प्रधानमंत्री फोआद हुसैन कह चुके हैं कि देश के हातात और यहां की वर्तमान परिस्थतियां, अवैध ज़ायोनी शासन के साथ संबन्ध सामान्य करने की अनुमति नहीं देंगी।

उन्होंने कहा कि अगर इस्राईल के साथ संबन्ध सामान्य करने की कोई बार देश में सामने आती है तो वह मीडिया की बातें हो सकती हैं इराक़ी जनता और सरकार की नहीं।

कुछ अरब देश हाल ही में अवैध ज़ायोनी शासन के साथ अपने कूटनीतिक संबन्ध सामान्य कर चुके हैं जिनमें संयुक्त अरब इमारात, बहरैन, सूडान और मोरक्को शामिल हैं। सन 2020 में जब इन देशों ने इस्राईल के साथ अपने कूटनीतिक संबन्ध सामान्य किये थे तो इसपर इस्लामी जगत और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आई थीं।

नसरुल्लाह की धमकी से घबराया इस्राईलः हमास

हिज़बुल्ला और हमास का सहयोग, ज़ायोनी शासन के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।

हमास का कहना है कि नसरुल्ला की धमकी ने ही ज़ायोनियों के हमले को रोक दिया।

अलमयादीन टीवी चैनेल के अनुसार ओसामा हमदान ने कहा कि हिज़बुल्लाह के महासचिव की उस धमकी ने ज़ायोनी शासन के हमले को रोक दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि लेबनान में किसी भी व्यक्ति पर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

हिज़बुल्लाह के महासचिव ने कमांडर हुसैन अश्शामी के बारे में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि लेबनान में प्रतिरोध उन्हीं पर निर्भर है। सैयद हसन नसरूल्लाह ने चेतावनी दी थी कि लेबनान के किसी भी व्यक्ति पर हमले की प्रतिक्रिया बहुत ही सख़्त होगी।

फ़िलिस्तीन के प्रतिरोध आन्दोलन हमास के नेता ओसामा हमदान ने कहा कि प्रतिरोध के ज्वाइंट आपरेशन रूम ने तैयारी कर रखी है कि प्रतिरोध के किसी भी कमांडर पर इस्रामल के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

हमास के नेता का कहना था कि अगर इस्लामी जगत एकजुट हो जाए तो फ़िर अवैध ज़ायोनी शासन अपनी किसी भी कार्यवाही में सफल नहीं हो पाएगा। उनका कहना था कि ज़ायोनी शासन पतन की ओर जा रहा है जबकि प्रतिरोध अपने चरम की ओर जा रहा है।

फ़िलिस्तीनी बंदी की भूख हड़ताल 82वें दिन भी जारी

ज़ायोनियों के अत्याचारों के शिकार फ़िलिस्तीनी की भूख हड़ताल दसियों दिनों से जारी है।

एक फ़िलिस्तीनी ने ज़ायोनी सैनिकों के हाथों अपनी अकारण गिरफ़्तारी और उनके अत्याचारों के विरोध में भूख हड़ताल कर रखी हैं।

अलमयादीन टीवी चैनेल के अनुसार ख़ज़र अदनान नामक इस फ़िलिस्तीनी की भूख हड़ताल को अब 82 दिन गुज़र रहे हैं। यह फ़िलिस्तीनी पिछले 82 दिनों से भूख हड़ताल पर है।

ख़ज़र अदनान को 5 फरवरी 2023 को ज़ायोनी सैनिकों ने अकारण गिरफ़्तार कर लिया था। इसी गिरफ़्तारी के विरोध में उसने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी जो आजतक जारी है।

इसी बीच ख़ज़र अदनान की पत्नी ने बताया है कि उनकी शारीरिक स्थति बहुत ख़राब हो गई है। फ़िलिस्तीनी नागरिक ख़ज़र अदनान की गिरफ़्तारी से पहले इस बारे में कई रिपोर्टें आती रही हैं कि ज़ायोनी सैनिक जब चाहते हैं फ़िलिस्तीनियों पर हमले कर देते हैं और जिसको चाहते हैं उसको गिरफ़्तार करके अपने साथ ले जाते हैं। यह वह क्रम है जो फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध लंबे समय से चलता आ रहा है।

वर्तमान समय में ज़ायोनी जेलों में लगभग 5000 फ़िलिस्तीनी बंदी हैं जो बहुत ही दयनीय स्थति में जीवन गुज़ार रहे हैं। इससे पहले भी कई फ़िलिस्तीनी लंबे समय के लिए भूख हड़ताल कर चुके हैं।