लकवे का शिकार आदमी जो ना तो बोल सकता है ना टाइप कर सकता है उसने 1100 से ज्यादा शब्दों को हिज्जे के साथ बताया है. यह संभव हुआ है एक न्यूरोप्रोस्थेटिक डिवाइस की मदद से जो उसके दिमाग की तरंगों को वाक्यों में बदल देती हैं.
अमेरिकी रिसर्चरों ने यह जानकारी दी है. सैन फ्रांसिस्को की कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी, यूसीएसफ के रिसर्चर और इस रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक शॉन मेत्सगर ने बताया कि इस आदमी का पसंदीदा फ्रेज था “एनिथिंग इज पॉसिबल (कुछ भी संभव है).”
पिछले साल यूसीएसएफ के रिसर्चरों की एक टीम ने दिखाया था कि ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस नाम का ब्रेन इम्प्लांट किस तरह 50 बहुत आम शब्दों को जब कोई इंसान पूरी तरह से बोलने की कोशिश करे तो उनका पता लगा सकता है.