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चिदंबरम ने वित्त मंत्री को घेरते हुए, मोदी सरकार की उपलब्धियों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिखे लेख की आलोचना की!


पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम और बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ गई है.

असल में चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को घेरते हुए एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट में वो मोदी सरकार की उपलब्धियों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिखे लेख की आलोचना कर रहे हैं.

उन्होंने क्रमबद्ध तरीके से इस लेख से जुड़े कुछ प्वाइंट्स ट्वीट किए हैं और उन्हें ग़लत बताया है.

जैसे वो लिखते हैं, ”माननीय वित्त मंत्री ने भारत को दूध, शहद और फल और सब्जियों के उत्पादन में शीर्ष स्थान हासिल करने का श्रेय दिया. ये रैंक वर्षों पहले हासिल की गई थीं और हम उन रैंकों को बरकरार रखते हैं.”

”संसद द्वारा कानून पारित करने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध घोषित कर दिया था. अनुच्छेद 370 मामले पर अभी तक कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई है, जीएसटी कानूनों के तहत कई मामले लंबित हैं.”

”माननीय वित्त मंत्री डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का श्रेय लेती हैं. वो भूल गईं कि ‘आधार’ की परिकल्पना, निर्माण और कार्यान्वयन यूपीए सरकार द्वारा किया गया था और डीबीटी के तहत पहला हस्तांतरण यूपीए सरकार द्वारा किया गया था.”

कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में ऐसे कुल पांच बिंदुओं को रेखांकित किया है.

अमित मालवीय ने दिया जवाब

चिदंबरम के इस ट्वीट को कोट करते हुए अमित मालवीय ने एक जवाबी ट्वीट किया है.

इस ट्वीट में वो लिखते हैं कि आख़िरकार ज़मानत पर चल रहे पूर्व वित्त मंत्री की दुनियाभर की यात्राएं और बिजनेस क्लास फ्लाइट की टिकटों के बढ़ते दामों पर चिंता जताने के बाद नींद खुल गई.

”कांग्रेस ने केवल योजनाओं की शुरुआत और घोषणा करने में विश्वास किया, उन्हें लागू करने की कोई वास्तविक योजना नहीं बनाई. जो कुछ भी लागू हुईं, वह पूरी तरह भ्रष्टाचार से ग्रस्त योजनाएं हैं.”

”इसके ठीक उलट मोदी सरकार पारदर्शी तरीके से योजनाओं को लागू करने और पुरानी योजनाओं में सुधार लाने में विश्वास रखती है.”

”डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर का असल प्रभाव मोदी सरकार के कार्यकाल में नज़र आया है. साल 2013-14 तक केवल 43 ज़िले ही इसमें कवर होते थे और महज़ 28 करोड़ रुपए भुगतान होते थे.”

”साल 2022-23 में अब इसके अंतर्गत 750 ज़िले कवर हो रहे हैं और 29.84 लाख करोड़ का भुगतान हो रहा है.”