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छत्तीसगढ़ : बीजेपी के दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया, कौन है नंदकुमार साय जानिये!

छत्तीसगढ़ बीजेपी से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। छत्तीसगढ़ बीजेपी के दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को खत लिखा है। इसमें साय ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने की बात कही है।

उन्होंने पोस्ट कर लिखा कि ‘ आज भारतीय जनता पार्टी जिसके गठन से लेकर आज पर्यन्त तक पूरे मेहनत एवं ईमानदारी से सींच कर फर्श से अर्श तक पहुंचाया था, उसे छोड़ते समय अत्यंत पीड़ा एवं दुख तो हो रहा है, लेकिन वर्तमान में पार्टी में मेरी छवि एवं गरिमा को जैसे आहत किया जा रहा था, उसके अनुरूप अपने आत्मसम्मान को देखते हुए मेरे पास अन्य कोई विकल्प नही बचा है। भारतीय जनता पार्टी में मेरे साथ कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं एवं साथियों का बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद।

साय ने पत्र में लिखा है कि ‘भारतीय जनता पार्टी के गठन एवं अस्तित्व में आने के प्रारंभ से लेकर आज पर्यंत तक पार्टी द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण पदों एवं उत्तरदायित्व की जितनी भी जिम्मेदारी मुझे दी गई उसे पूरे समर्पण एवं कर्तव्य परायणता के साथ मैंने अपने उत्तरदायित्व एवं पदों का निर्वहन किया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं।

उन्होंने आगे पत्र में लिखा कि ‘पिछले कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से मेरे विरुद्ध अपने ही पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा षडयंत्र पूर्वक मिथ्या आरोप अन्य गतिविधियों द्वारा लगातार मेरी गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है, जिससे मैं अत्यंत आहत महसूस कर रहा हूं। बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैं भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’

पिछले कुछ सालों से पार्टी में उनकी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से उनके खिलाफ पार्टी के लोगो ने ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की तरह षड्यंत्र, मिथ्या आरोप और अन्य गतिविधियों से लगातार उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई है। इससे वे अत्यंत आहत महसूस कर रहे हैं।

कौन है नंदकुमार साय
नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ भाजपा के एक बड़े आदिवासी चेहरा और आदिवासी मुख्यमंत्री के सबसे बड़े पैरोकार माने जाते रहे हैं । साय तीन बार विधायक रह चुके हैं। वहीं तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। अविभावित मध्य प्रदेश में वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। साथ ही वे छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल में उन्हें अनुसूचित जाति आयोग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। वर्ष 2003 में नंदकुमार साय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गए थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने सरगुजा संसदीय सीट से चुनाव जीता था और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल भी पूरा किया था।