साहित्य

//छुट्टे सांड़//…….तेवरी ——❤️ईश्वर के अतिरिक्त–!❤️

चित्र गुप्त
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लो चित्र देखकर हमने भी एक लघुकथा गांठ दी,
पढ़िये !!
//छुट्टे सांड़//
‘पर्चा ठीक-ठाक हो गया बिटिया’ ..? परीक्षा केंद्र के बाहर इंतज़ार में खड़े बूढ़े बाप ने बेटी को देखते ही पूछा..
हाँ बाबा हो गया… गुड्डन ने अपने कमीज के बाजू से माथे का पसीना पोंछते हुए जवाब दिया..
– अरे बाहीं से न पोछो बहिनी लेव अंगोछा लै लेव…
– उसमें तमाखू की बदबू आ रही होगी,हम न लेंगे उसको, गुड्डन ने मुंह बिचकाया.. ।
चलो बिटिया…फिर.. ‘हम तोहरे महतारी बिटिया घस महकित थोरै न हन’… बूढ़ा अपने पोपले मुंह से मुस्कान बिखेरता हुआ आगे बढ़ गया।
– जौ इस बार फर्स्ट डिवीजन से पास होय गईं तौ नीक लड़िका मिल जाई बहिनी… नहीं तो इतना दान दहेज देने का इतना भसोट भी नहीं है…का करेंगे …? कहीं उत्तिम-मद्धिम तो देखना ही पड़ेगा..
– अरे चलो बाबा आपको तो रात दिन बस बियाहे की ही चिंता सताती रहती है। गुड्डन अपना जमेट्री बॉक्स और पेपर बाबा को पकड़ाकर सरकारी नल पर पानी पीने के लिए चल पड़ी…।
– का करें बिटिया … तुम जल्दी से पानी पियो हम चलाये देत हैं..अपना अंगोछा सम्हालते हुए बूढ़ा भी उसके पीछे-पीछे चल दिया।
– जल्दी चलो बाबा… दूसरी मीटिंग में भैया की भी परीक्षा है। और साइकिल… आप लेकर जाओगे तभी तो वो आयेंगे..।
– हां चलो बहिनी.. साइकिल तो उधर स्कूल के पीछे वाले गलियारे में खड़ी कर दिए रहे… चलो उधर से लेकर फिर उधर ही निकल लेंगे।
– चलो..
– चलो ..
पर गलियारे के मुहाने पर पहुचते ही अचानक बूढ़े ने क्या देखा कि बेटी का हाथ पकड़ कर पीछे की ओर मुड़ गया..
क्या हुआ बाबा इतना जोर से काहे खींच रहे हो…?
कुछ नहीं बिटिया “दो छुट्टे सांड़ है” जो यहीं मर रहे हैं।
तुम चलो बिटिया रोड पर हम साइकिल लेकर अभी आ रहे हैं।
#चित्रगुप्त

Arunpriy Arun Shukla
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तेवरी –
-ये फोटो सुप्रसिद्ध फोटोग्राफर प्रफुल्ल मेहरोत्रा की खींची गई है जिसे मैंने प्रयोग मे लाया।
जम्हूरियत की आयतें हवा -हवाई हैं ,
सिर्फ और सिर्फ बातें सवा -सवाई हैं।
जो इंकलाब की बात करते हैं प्रिय,
एक -एक कर खा लो दवा -दवाई हैं। asidh
आसन नहीं देता इजाजत , न दे,
ठसक कर बैठे सत्ता पर सवा -सवाई हैं
कुचल कर रख देंगे तुम्हारे सभी मंसूबे,
शान से बैठे सरकार के जवां -जवाई हैं।
तुम खूब करो धरना प्रदर्शन कुछ भी ,
रूई है कान में , ना वफ़ा -वफाई हैं।
इंतजाम है पुख्ता , रंग भी है भरपूर ,
उनकी तस्वीरें देखो सफा -सफाई हैं।
अरुणप्रिय

❤️ईश्वर के अतिरिक्त–!❤️
🏵️🌼🌺💐🌺🌼🏵️
चयन करें सदा, उसी राह को।
जो ले जाए, न गुनाह को।
दोस्त बनाए, हरदम उसको,
गिरने पर जो, पकड़े बांह को।
झूठ-मूठ जो, वाह करेगा,
वह ले जाएगा, तबाह को।
अनदेखा न, करें कहीं भी,
किसी तजुर्बे, की सलाह को।
जल जाएगी, स्वर्ण सी लंका,
लिया करें न, दीन आह को।
आजादी का, दुरुपयोग है,
गाली देना, किसी शाह को।
कसें कसौटी, में न रिश्ते,
कोशिश कभी न, करें थाह को।
ईश्वर के अतिरिक्त, किसी से,
कहें न मन की, बड़ी चाह को।
❣️❣️
#सीताराम “पथिक”