इसराइल और फ़िलस्तीन के बीच टकराव जंग का आज तीसरा दिन है, इस वक़्त भी हमले जारी हैं, फिलस्तीनी संगठनों की तरफ से तेलअवीव पर हमले तेज़ कर दिए गए हैं, दो दिन के अंदर फिलस्तीनी संगठनों ने तक़रीबन एक हज़ार रॉकेट और मिसाईल इसराइल पर दागे हैं, इसराइल के कई इलाकों में भारी नुक्सान हुआ है, एक व्यवक्ति की मौत की खबर है जबकि 22 घायल हुए बताये जाते हैं
फ़िलिस्तीनी इलाक़ों पर इस्राईल के हमलों में शहीद होने वालों की तादाद 25 हो गई है जिसमें जेहादे इस्लामी संगठन के 4 कमांडर शामिल हैं। इस्राईली हमलों में महिलाओं और बच्चों की शहादत के हृदय विदारक दृष्य सामने आए।
एक हमले में तो एक ही परिवार के तीन लोगो शहीद हो गए जिसमें दो मासूम बच्चे और उनका बाप शामिल था। मीराल नाम की एक बच्ची की जिंदगी को इस्राईली दरिंदगी ने इस तरह निशाना बनाया कि उसके माता पिता और भाई मौत की नींद सो गए और मीराल नाम की बच्ची की समझ में ही नहीं आया कि अचानक यह सब क्या हो गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने वाली वीडियो में मीराल नाम की बच्ची बिलख बिलख कर कह रही है मेरे पिता को बुलाओ।
मीराल अकेली फ़िलिस्तीनी बच्ची नहीं है जिससे इस्राईल ने उसका परिवार बेरहमी से छीन लिया बल्कि इस तरह के फ़िलिस्तीनी बच्चों की संख्या बहुत है और लगातार बढ़ती जाती है। यह बच्चे अपना जीवन किस तरह गुज़ारेंगे इस बारे में कोई कुछ भी अंदाज़ा नहीं लगा सकता।
यहां यह बिंदु यह भी है कि फ़िलिस्तीन से आने वाली इतनी दर्दनाक तस्वीरों और वीडियोज़ से उन देशों और सरकारों पर कोई असर नहीं होता जो इस्राईल और इस्राईली अपराधों का खुलकर समर्थन करती हैं। इसलिए कि उनकी तरफ़ से कभी कोई ठोस प्रतिक्रिया देखने में नहीं आती जो इस्राईल पर अंकुश लगा सके।
पश्चिमी मीडिया तो इस मामले में बेहद दोग़ला साबित हुआ है। यूक्रेन की जंग से जुड़ी ख़बरों और जंग की तबाही को सारी दुनिया में दिखाने, यहां तक कि बढ़ा चढ़ा कर बयान करने में पश्चिमी मीडिया आगे आगे रहा। उसने इसके लिए अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल किया मगर फ़िलिस्तीनियों का दुख और उनपर होने वाले अत्याचार के बारे में उसका रवैया एसा है कि मानो उसे फ़िलिस्तीन की घटनाओं से कोई फ़र्क़ ही नहीं पड़ता।
यह तो हक़ीक़त है कि इस्राईल बच्चों की हत्या का लंबा रिकार्ड रखता है और संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने सीख लिया है कि इस्राईल का ख़ामोशी से समर्थन किया जाए।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने ज़ायोनी शासन के अपराधों पर पश्चिम की ख़ामोशी का ज़िक्र करते हुए कहा कि फ़िलिस्तीनी जनता के ख़िलाफ़ ज़ायोनी शासन के हालिया अमानवीय हमलों और व्यवहार पर पश्चिमी देशों विशेष रूप से पश्चिमी मीडिया की ख़ामोशी के करण इस्राईल का अपारथाइड प्रशासन और भी गुस्ताख़ होता जा रहा है।
सिर्फ़ दो दिनों में ग़ज़्ज़ा में 200 स्थानों पर हमलेःकनआनी
नासिर कनआनी कहते हैं कि ज़ायोनियों द्वारा फ़िलिस्तीनियों के आवासीय क्षेत्रों को लक्ष्य बनाया जा रहा है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अवैध ज़ायोनी शासन ने मात्र दो दिनों के भीतर ग़ज़्ज़ा की पट्टी के लगभग 200 स्थानों पर हमले किये। उन्होंने कहा कि इससे ज़ायोनी शासन का मुख्य लक्ष्य, फ़िलिस्तीनियों के आवासीय क्षेत्रों को लक्ष्य बनाना था। नासिर कनआनी ने यह बात गुरूवार को ट्वीट करके कही है।
उनका कहना है कि ज़ायोनियों के अत्याचारों के बावजूद फ़िलिस्तीनी डटे हुए हैं। वे शहादतें दे रहे हैं किंतु प्रतिरोध को नहीं छोड़ रहे हैं। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधकर्ता गुट अपने संकल्प में मज़बूत हैं और वे पीछ नहीं हट रहे हैं जबकि विगत की ही भांति इस बात भी दुश्मन को विफलता हाथ लगेगी।
इसी बीच फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधी संगठन का कहना है कि इस्राईल के अत्याचारों के मुक़ाबले में विश्व के देशों की खामोशी ने उसको अधिक दुस्साहसी बना दिया है। याद रहे कि मंगलवार की सुबह से ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने फ़िलिस्तीन में ग़ज़्ज़ा की पट्टी के विभिन्न क्षेत्रों को लक्ष्य