साहित्य

जब इस खूबसूरत दुनिया की रचना हुई…. तब….,,,लक्ष्मी सिन्हा की रचना!

Laxmi Sinha
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जब इस खूबसूरत दुनिया की रचना हुई । तब
इसकी तमाम विशेषताओं में विविधता एक प्रमुख
विशेषता थी। इसीलिए सृष्टि के कण- कण में
विविधता दृष्टिगोचर होती है। इस जड़ चेतनरूप
संसार में एक जैसा कुछ भी नहीं। यही विविधता
सृष्टि के सौंदर्य का कारण है। वास्तव में सौंदर्य का
प्रस्फुटन विविधता से ही होता है। इसके अतिरिक्त
जीवन की गतिशीलता का आधार भी विविधता है।
विविधता ही आनंद की प्रसविनी भी है। इसलिए
जीवन जीने का वास्तविक रस विविधता में ही
मिलता है।चूंकि सृजन के मूल में ही विविधता रही
है। अतः विविधता जीवन का सत्य है। दुनिया में
अकेला जीवन का कोई अर्थ नहीं।जिसने इस
सत्य को आत्मसात कर लिया। वही इस जीवन
का रहस्य समझ सका और इसका आनंद भी ले
सका। एकता विविधवर्णी समाज की मुख्य ताकत
है। उसके लिए सभी के प्रति संवेदना का भाव
होना जरूरी है। उदारता सहिष्णुता, सर्वधर्म
संमभाव विविधतामुलक समाज के आधार स्तंभ
हैं। इन्हीं पर सामाजिक एकता का सुंदर महल
खडां हो सकता है,जहां एकता के सूत्र में बंधकर
सभी देशवासी देश को एक नई ताकत दे सकती
है। फिर देश को अतिरिक और बाह्म जगत से
कोई खतरा नहीं हो सकती,,,,।
समाज में नई दिशा
देने का हमारा संकल्प
नई उषा का आरंभ,,,,,
_________________________Laxmi sinha