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जब नरेंद्र मोदी पर” दोस्त” ने लगाया था ”घर उजाड़ने” का आरोप

जसोदाबेन ने अपने पति मोदी के बारे में क्या-क्या कहा?

अमर उजाला, दिल्ली

Thu, 10 Apr 2014 
narendra modi wife jashodaben interview

भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को लेकर इन दिनों खूब खबरें बन रही हैं। विरोधी दल आक्रामक अंदाज में उन पर हमले कर रहे हैं और वो जवाब देने में भी परहेज नहीं दिखा रहे।

 

लोकसभा की दो सीटों से चुनाव लड़ रहे मोदी ने बुधवार को वडोदरा से पर्चा भरा, तो नया खुलासा किया। उनकी वैवाहिक स्थिति को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी इस स्थिति को साफ कर दिया। पत्नी वाले खाने में उन्होंने जसोदाबेन लिख दिया।

जाहिर है, इस पर बवाल होगा। लेकिन इस बीच हम आप तक पहुंचा रहे हैं, जसोदाबेन का वो इंटरव्यू जिसे काफी हड़कंप मचाया था। यह इंटरव्यू इसी साल फरवरी में दिया गया था। पढ़िए जसोदाबेन ने क्या-क्या खुलासा किया?

’17 बरस की थी, जब मोदी से शादी हुई’

जिस शख्स को वह अपना ‘पति’ कहती हैं, वह भाजपा की ओर से पीएम पद के दावेदार हैं और इस साल ‌राजनीति का प्रमुख चेहरा बनकर उभरे हैं। लेकिन 62 वर्षीय रिटायर्ड स्कूल टीचर जसोदाबेन राजनीति की उठापटक से कोसों दूर सन्नाटे में जिंदगी बसर कर रही हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से जब उनकी शादी हुई, तो वह 17 बरस की थीं और तीन साल के बाद दोनों अलग हो गए। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जसोदाबेन की मासिक पेंशन 14 हजार रुपए हैं और ज्यादातर वक्‍त अपने भाई के साथ रहती हैं।

उनका अधिकतर समय पूजा-पाठ में गुजरता है। अपने रिश्तेदारों से मिलने अहमदाबाद पहुंची जसोदाबेन कई साल बाद मीडिया को दुर्लभ इंटरव्यू देने के लिए राजी हुई, लेकिन तस्वीर खिंचवाने से इनकार कर दिया। मोदी के पीएम उम्मीदवार बनने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में उन्होंने क्या-क्या कहा, जरा गौर कीजिए?

मोदी और मेरी कभी लड़ाई नहीं हुई’

सवालः आपकी शादी को कितने साल गुजर गए और उस रिश्ते की क्‍या स्थिति है?

जवाबः जिस वक्‍त शादी हुई, मेरी उम्र 17 बरस थी…मैं जब उनके घर गई, तो पढ़ाई छोड़ चुकी थी, लेकिन मुझे याद है कि वो कहा करते थे कि मुझे आगे भी पढ़ना चाहिए। वह मुझसे ज्यादातर वक्‍त पढ़ाई पूरी करने पर बात करते ‌थे। शुरुआत में वह मुझसे बात करने में दिलचस्पी दिखाते थे और रसोई के कामकाज में भी दखल देते थे।

सवालः क्या आपको इस रिश्ते का बोझ महसूस होता है, खास तौर से तब जब मी‌डिया आपके रिश्ते के बारे में सवाल करता है? क्या आपको लो-प्रोफाइल रहने के लिए हिदायत दी गई है?

जवाबः हम कभी एक-दूसरे के संपर्क में नहीं रहे और हम जब अलग हुए थे, तब भी सब कुछ ठीक था, क्योंकि हमारे बीच कभी लड़ाई नहीं हुई। मैं वो बातें नहीं बनाऊंगी, जो सच नहीं हैं। तीन साल में हम शायद तीन महीने ही साथ थे। अलग होने से लेकर आज तक, हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

 

‘मैं जानती हूं वो एक दिन पीएम बनेंगे’

सवालः क्या आपको नरेंद्र मोदी के बारे में खबर रहती है?

जवाबः जी हां, मुझे जब भी कुछ मिलता है, मैं जरूर पढ़ती हूं। मैं अखबारों में छपने वाले सभी लेख पढ़ती हूं और टेलीविजन पर खबरें भी देखती हूं। मुझे उनके बारे में पढ़ना अच्छा लगता है।

सवालः अगर वह देश का अगला प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली जाते हैं और आपको बुलाते हैं, तो क्या आप उनके पास जाएंगी? क्या आप उनसे मुलाकात की कोशिश करेंगी?

जवाबः मैं उनसे कभी मिलने नहीं गई और हम कभी संपर्क में नहीं रहे। मेरा ऐसा मानना है कि वह मुझे कभी नहीं बुलाएंगे। मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि मैं उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती। मैं सिर्फ प्रार्थना करती हूं कि वह आगे बढ़ें। मैं जानती हूं कि वह एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे!
‘आरएसएस शाखाओं में गुजारते थे वक्त’

सवालः क्या उन्होंने कभी आपसे कहा कि वह आपको छोड़ रहे हैं या शादी का रिश्ता खत्‍म कर रहे हैं?

जवाबः उन्होंने एक बार कहा था, “मुझे देश भर में घूमना है और जहां मेरा मन करेगा, मैं वहां चला जाऊंगा, तुम मेरे पीछे आकर क्या करोगी?” जब मैं उनके परिवार के साथ रहने के लिए वाडनगर आई, तो उन्होंने मुझसे कहा, “अभी तुम्हारी उम्र ज्यादा नहीं है, फिर तुम अपने ससुराल में रहने के लिए क्यों आ गईं? तुम्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।” अलग होने का फैसला मेरा था और हमारे बीच कभी कोई टकराव नहीं हुआ।

वो मुझसे आरएसएस या किसी और राजनीतिक विचारधारा की बात कभी नहीं करते थे। जब उन्होंने मुझे बताया कि वह मनमुताबिक देश भर में घूमना चाहते हैं, तो मैंने कहा कि मैं भी उनके साथ आना चाहूंगी। हालांकि, कई मौकों पर जब मैं अपने ससुराल गई, तो वह वहां नहीं होते थे और उन्होंने वहां आना भी छोड़ दिया। वह काफी वक्‍त आरएसएस शाखाओं में गुजारा करते थे। इसलिए मैंने एक वक्‍त के बाद वहां जाना छोड़ दिया और अपने पिता के घर लौट गई।

‘मैं अब भी मोदी की पत्नी हूं’

सवालः क्या आप अब भी कानूनी रूप से मोदी की पत्नी हैं?

जवाबः जब कभी लोग उनका नाम लेते हैं, मेरा जिक्र कहीं न कहीं जरूर आता है, भले बैकग्राउंड में आए। क्या आप मुझसे इतनी दूर मुझे तलाश करते हुए, इंटरव्यू लेने यहां तक नहीं आए हैं? अगर मैं उनकी पत्‍नी न होती, तो क्या आप मुझसे बात करने यहां आते?

सवालः क्या आपको इस बात का बुरा नहीं लगता ‌कि मोदी ने इतने साल में आपको पत्‍नी का दर्जा नहीं दिया?

जवाबः नहीं, मुझे जरा बुरा नहीं लगता क्योंक‌ि मैं जानती हूं कि वह ऐसा किस्मत और बुरे वक्‍त की वजह से कर रहे हैं। इन हालात में उन्हें इस तरह की बातें कहनी पड़ती हैं और झूठ भी बोलना पड़ता है। मैं अपने हालात को भी बुरा नहीं मानती, क्योंकि एक तरह से मेरी किस्मत में भी सुधार आया है।

‘दोबारा शादी करने का ख्याल नहीं आया’

सवालः आपने दोबारा शादी क्यों नहीं की?

जवाबः इस अनुभव के बाद मुझे नहीं लगता कि मैं दोबारा शादी करना चाहती थी। मेरा दिल ही नहीं था।

सवालः जब आप अपने माता-पिता के घर लौट आईं, तो खुद को कैसे संभाला?

जवाबः मेरे सास-ससुर अच्छा व्यवहार करते थे, लेकिन शादी के बारे में कभी बात नहीं करते थे। मेरे पिता ने मेरी पढ़ाई के लिए फीस चुकाई और उसे जारी रखने के लिए मेरे भाइयों की तरफ से भी आर्थिक मदद मिली। जब मैं दो साल की थी, तो अपनी मां को खो दिया था। और जब मैंने दोबारा पढ़ाई शुरू की, तो दो साल बाद पिता चल बसे। उस वक्‍त मैं दसवीं क्लास में थी। हालांकि, जब मैंने पढ़ाई शुरू की, तो मुझे उसमें लुत्फ आने लगा और साल 1974 में मैंने एसएससी की। इसके बाद 1976 में टीचर ट्रेनिंग पूरी हुई और 1978 में मैं टीचर बन गई।

‘पूजा-पाठ में गुजारती हूं अपना सारा वक्‍त’

सवालः रिटायरमेंट के बाद दिन कैसे गुजारती हैं?

जवाबः मुझे पढ़ाना अच्छा लगता है और मैंने पहली से पांचवी क्लास में अध्यापन किया है। मैं सभी विषय पढ़ाया करती थी। इन दिनों मेरे दिन की शुरुआत सवेरे 4 बजे होती है और अम्बे मां की पूजा से शुरुआत करती हूं। मैं अपना सारा वक्‍त भक्ति में गुजारती हूं।

मैं ज्यादातर वक्‍त अपने बड़े भाई अशोक मोदी के साथ गुजारती हूं, जो उंझा में रहते हैं, लेकिन साथ ही जब मन करता है तो अपने दूसरे भाई के यहां भी चली जाती हूं जो उंझा के करीब ब्राह्वण वाडा में रहते हैं। मुझे लगता है कि जिंदगी में मुझे भाई बहुत ‌अच्छे मिले, जिन्होंने मेरा पूरा ख्याल रखा।

मोदी के लिए फिर होगा बवाल?

नरेंद्र मोदी की पत्नी को लेकर पहले भी कई बार ‌बवाल मच चुका है। उन्होंने एक बार शशि ‌थरूर को निशाना बनाकर सुनंदा पुष्कर पर तंज कसा था, तो कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया था कि मोदी अपनी पत्नी को लेकर चुप्पी क्यों साधे हैं?

इससे पहले भी मीडिया में जसोदाबेन की कहानी और उनसे बातचीत छप चुकी है, लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने इस बारे में अब तक कभी कुछ नहीं कहा। यह गहरा राज है क‌ि जसोदाबेन के बयान के बावजूद वह इस मामले में अपना रुख साफ क्यों नहीं करते।

भाजपा के लिए भी यह संवेदनशील मुद्दा है और लोकसभा चुनावों से ऐन पहले मोदी का जसोदाबेन का नाम पत्नी के रूप में लिखना राजनी‌तिक विरोधियों को हमला बोलने का नया हथियार दे सकता है।

स्‍टेशन पर चाय बेचते थे नरेंद्र मोदी, दोस्त लगा चुका है घर उजाड़ने का आरोप

10 वर्ष पहले

नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ज़िंदगी में अब कोई दोस्त नहीं है। बकौल मोदी अब उनका काम ही उनका दोस्त बन गया है और वह उसका पूरा आनंद ले रहे हैं। अपने ‘प्राइवेट’ स्पेस में मोदी को किसी की दखल पसंद नहीं है। मोदी का कोई दोस्त नहीं हैं क्योंकि उन्हें कभी दोस्तों की जरूरत नहीं पड़ी। उनके साथ कुछ लोग हैं जिनका उनके जीवन में अलग-अलग रोल है। मोदी अपने अस्तित्व के केंद्र में खुद हैं। कोई भी यह नहीं कह सकता है कि वह मोदी के जीवन का हर पहलू जानता है। ये दावे लेखक और पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने अपनी किताब ‘नरेंद्र मोदी : द मैन द टाइम्स’ में किए हैं।

नीलांजन ने अपनी किताब में मोदी से हुई बातचीत का हवाला देते हुए कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। किताब के मुताबिक, जीवन में किसी दोस्त के न रह जाने का मोदी को कोई पछतावा भी नहीं है। लेकिन हमेशा ऐसे ही हालात नहीं थे। मोदी पहले दोस्ती किया करते थे, लेकिन कई बार इन कोशिशों ने विवाद खड़ा किया है। मोदी की कैबिनेट में उनकी सहयोगी आनंदीबेन पटेल (तस्वीर में) के पति मफतभाई पटेल से मोदी की 90 के दशक में खूब बनती थी। लेकिन मफतभाई पटेल को बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से यह शिकायत करनी पड़ी थी कि मोदी की उनकी पत्नी के साथ करीबी ने उनके परिवार को उजाड़ कर रख दिया है। यह मुद्दा 2002 और 2007 के विधानसभा चुनावों में फिर से उठा था। इन चुनावों में आनंदीबेन पटेल के पति मफतभाई पटेल बीजेपी के बागी धड़े के साथ कई मंचों पर मोदी के खिलाफ चुनाव प्रचार करते नजर आए थे और उन्होंने मोदी पर कई आरोप लगाए थे। हालांकि, आनंदीबेन पटेल से जब इस बारे में पूछा जाता है तो वे यही कहती हैं कि वे ‘प्राइवेट’ मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती हैं।

आनंदीबेन पटले नरेंद्र मोदी के कितने करीब हैं इस बात का पता उन खबरों से भी चलता है, जिनमें कहा जाता है कि राष्ट्रीय राजनीति में पूरी तरह से कूदने की स्थिति में मोदी जिन लोगों को गुजरात की कमान सौंप सकते हैं, उनमें आनंदीबेन पटेल और सौरभ पटेल के नाम सबसे ऊपर हैं। हालांकि, मोदी के दिल्ली जाने की स्थिति में उनके बाद गुजरात का सीएम कौन बनेगा, इस मुद्दे पर खुद मोदी ने कभी कुछ नहीं कहा है।

सोर्स : भास्कर
10 साल पहले की ख़बर

पीएम नरेंद्र मोदी ने शादी नहीं की है: आनंदीबेन पटेल

19 जून 2018

मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को मध्य प्रदेश के ही एक गांव के सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी को अविवाहित बताया था.

हरदा ज़िले के तिमारी गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर उनके कार्यक्रम का एक वीडियो सोमवार को वायरल हो गया है. इस कार्यक्रम में आनंदीबेन ने महिलाओं से कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शादी नहीं की है.

आनंदीबेन ने आंगनबाड़ी केंद्र में महिलाओं से कहा, ”उन्होंने विवाह नहीं किया है, ये तो पता है न आपको. नरेंद्र भाई ने शादी नहीं की है. मोदी इस बात को अविवाहित रहते हुए भी समझते हैं कि महिलाओं और बच्चों को दिक़्क़त होती है.”

आनंदीबेन का यह बयान बीजेपी को असहज करने वाला है क्योंकि मोदी ने बनारस में नामांकन के शपथ पत्र में इस बात को स्वीकार किया था कि जसोदाबेन से उनकी शादी हुई थी.