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जीएम सरसों ख़तरनाक़ है, इसके बीज कभी भी बोने की अनुमति न दे केंद्र : स्वदेशी जागरण मंच

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने शुक्रवार को एक नियामक निकाय की उस सिफारिश का विरोध किया जिसमें आनुवंशिक रूप से संवर्धित (जीएम) सरसों को पर्यावरणीय परीक्षण के लिए जारी करने के लिए कहा गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े इस संगठन ने इस कदम को ‘खतरनाक’ करार देते हुए केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि इस फसल के बीज को कभी भी बोने की अनुमति नहीं दी जाए। .

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में एसजेएम ने आरोप लगाया कि जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल समिति (जीईएसी) ‘गैर-जिम्मेददाराना’ तरीके से काम कर रही है। एसजेएम ने कहा कि जीएम सरसों के समर्थन में किये गये दावे ‘पूरी तरह असत्य, अप्रमाणित और गल तरीके से पेश’ किये गये हैं।.

Rakesh Tikait
@RakeshTikaitBKU
20साल बाद जीएम सरसों के परीक्षण की मंजूरी बिना वैज्ञानिक अध्ययन किसान व मानव जाति की लिए बड़ा खतरा है। बीटी कॉटन के उत्पादन की अनुमति भी बासुदेव संसदीय कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर दी गई। जीईएसी का फैसला अस्वीकार्य है। बीकेयू इसका पुरजोर विरोध करेगी


डीडी न्यूज़
@DDNewsHindi
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5h
जीएम सरसों की हाइब्रिड किस्म धारा मस्टर्ड हाइब्रिड-11 (DMH-11) को जीईएसी की मंज़ूरी मिलने से कृषि में संभावित बदलावों पर चर्चा

असलीभारत.कॉम
@aslibharat_
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15h
बीटी कॉटन के 20 साल बाद देश में जीएम सरसों की खेती को मंजूरी देने की सिफारिश की गई है। बॉयोटेक नियामक (जीईएसी) ने सरसों की डीएमएच-11 हाइब्रिड किस्म के इनवायरमेंटल रिलीज की सिफारिश की है। अब इसे सरकार की मंजूरी का इंतजार है साथ ही जीएम सरसों का विरोध भी शुरू हो गया है।

Sushil Tiwari
@SushilT84053747
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5h
बिना वैज्ञानिक अध्ययन के जीएम सरसों यानि कि आनुवांशिक रूप से संशोधित सरसों की खेती के परीक्षण को मंजूरी देना ठीक नही,उत्पादन वृद्धि की होड़ में लोगो के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के समुचित आंकलन के बिना जीईसी द्वारा हड़बड़ी में लिया गया फैसला स्वीकार नही!!