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जी-20 की शिखर बैठक की अपार सफ़लता के बाद, भारत और कनाडा के आपसी रिश्तों में तनाव!

भारत और कनाडा के आपसी रिश्तों में तनाव की ख़बरें आ रही हैं। हालिया दिनों नई दिल्ली में जी-20 की शिखर बैठक के समय भारतीय मीडिया में कई ख़बरें इस प्रकार की आईं जिनमें कनाडा के प्रधानमंत्री को सबक़ सिखाने और उन्हें शर्मसार करने जैसी बातें थीं।

कनाडा की सरकार के बारे में भारतीय मीडिया में इस तरह की ख़बरें बार बार छपती हैं कि वो ख़ालसितान समर्थकों को बढ़ावा दे रहा है जिसकी वजह से भारत सरकार नाराज़ है।

जी-20 शिखर बैठक के अवसर पर भारत और कनाडा के प्रधानमंत्रियों की द्विपक्षीय बातचीत के बाद यह ख़बरें आई थीं कि दोनों के बीच तल्ख़ी बिल्कुल साफ़ थी।

जी-20 की शिखर बैठक के बाद कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रुडो स्वदेश लौटे तो दोनों देशों के बीच व्यापार के प्रभावित होने की ख़बर आई है।

कनाडाई वाणिज्य मंत्री मैरी एनजी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि कनाडा ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत रोक दी है।

भारतीय प्रधानमंत्री कनाडा में सिख अलगाववादियों के आंदोलन और भारतीय राजनयिकों के ख़िलाफ़ हिंसा की उकसाने वाली घटनाओं को लेकर नाराज़ थे, जबकि जस्टिन ट्रूडो का कहना था कि भारत कनाडा की घरेलू राजनीति में दख़ल दे रहा है।

इस साल जुलाई में कनाडा में ख़ालिस्ता समर्थक संगठनों ने कुछ भारतीय राजनयिकों के पोस्टर लगा कर उन्हें निशाना बनाए जाने की अपील की थी।

इसके बाद भारत ने कनाडा के राजदूत को बुला कर उनके देश में ख़ालिस्ता समर्थक गतिविधियों पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

जून 2023 में ख़ालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में सरेबाज़ार हत्या कर दी गई थी। इसके बाद सिख अलगाववादियों और भारत सरकार के बीच बढ़े तनाव की झलक बार बार नज़र आई।

ख़ालिस्तान समर्थकों ने निज्जर की हत्या के ख़िलाफ़ कनाडा के टोरंटो के अलावा लंदन, मेलबर्न और सैन फ्रांसिस्को समेत कई शहरों में प्रदर्शन किए।

निज्जर से पहले भारत सरकार की ओर से चरमपंथी घोषित किए गए परमजीत सिंह पंजवाड़ की भी मई में लाहौर में हत्या कर दी गई थी।

जून में ब्रिटेन में अवतार सिंह खांडा की रहस्यमयी हालात में मौत हो गई थी। वो ‘ख़ालिस्तान लिबरेशन फोर्स’ के चीफ़ बताए जाते थे।

सिख अलगाववादियों का आरोप था कि उन्हें ज़हर देकर मारा गया।

अलगाववादी सिख संगठनों ने इसे टारगेट किलिंग कहा था, उनका आरोप था कि भारत सरकार सिख अलगाववादी नेताओं को मरवा रही है।

हालांकि भारत सरकार ने आरोपों पर अब तक कुछ नहीं कहा है।

भारत में सिखों की आबादी दो फीसदी है, कुछ सिख अलगाववादी सिखों के लिए अलग देश ‘ख़ालिस्तान’ बनाने की मांग करते रहे हैं।

फिलहाल भारत और कनाडा के रिश्तों में जो तनाव दिख रहा है उसकी एक बड़ी वजह है कनाडा में सिख अलगाववादियों की सक्रियता।