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जूही बब्बर के लेखन, निर्देशन और अभिनय से सजा नाटक ”विद लव आपकी सैयारा” प्रस्तुत किया गया!#juhibabbar

जिंदगी के उतार चढ़ाव, जद्दोजहद, समाज की एकल महिला (सिंगल वुमैन) की चुनौतियां और जिंदगी को आगे बढ़ाने में पैदा होने वाली मुश्किलें… लेखक एवं निर्देशक जूही बब्बर ने इन हालात के हर पहलू को मंच पर जीवंत कर दिया। मौका था अमर उजाला की 75वीं वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर ”विद लव आपकी सैयारा” नाटक के मंचन का। तलाश का दंश झेलने वाली महिला के जीवन के हर पहलू को देखकर दर्शक भाव-विभोर हो गए।

सोमवार को सर्वे चौक स्थित दर्शकों से खचाखच भरे आईआरडीटी ऑडिटोरियम में जूही बब्बर के नाटक मंच को लेकर पहले से ही भारी उत्साह था। जूही बब्बर के लेखन, निर्देशन और अभिनय से सजा नाटक ”विद लव आपकी सैयारा” प्रस्तुत किया गया। यह नाटक समाज में एकल महिला की जिंदगी की जद्दोजहद से रूबरू करवा गया।

मुंबई शहर की एक एकल महिला की जिंदगी में चल रही जद्दोजहद को जूही ने बारीकी से दर्शकों के सामने पेश किया। नाटक के मंचन में उन्होंने दिखाया कि कैसे एक तलाकशुदा सफल लेखिका सैयारा अपनी किताब के लिए परेशान है। इसमें प्रकाशक अपने हिसाब से बदलाव करना चाहते हैं। ऐसे में सैयारा लोगों से रूबरू होते हुए अपने जीवन के पन्नों को खोलना शुरू कर देती है।

सैयारा दो बार शादी करती है और दोनों ही बार पति से प्रताड़ित होने के बाद तलाक ले लेती है। सैयारा बताती है कि उसने पहली शादी अपने से बहुत बड़ी उम्र के व्यक्ति से की, जिसकी खुद के बीवी बच्चे होते हुए उसने उनसे शादी कर ली। कुछ समय बाद जब उसके बच्चों को पता चला तो वो खुद सैयारा के घर उसे मारने पहुंच गए। इस बारे में जब सैयारा अपने पति से बात करती है, तो उसका पति उसे ही दोषी ठहराकर तलाक देने की बात करता है।


उसके मां-बाप सैयारा को तलाक दिलवाकर घर वापस ले आते हैं। इसके बाद एक मुस्लिम लड़का सैयारा से शादी कर लेता है, लेकिन अपने परिवार के कारण सैयारा को भला-बुरा कहना शुरू कर देता है। इसके कारण सैयारा की जिंदगी नीरस हो जाती है और दोबारा तलाक हो जाता है। दो तलाक होने के बाद सैयारा की जिंदगी बदल जाती है।

हर दूसरा आदमी सैयारा को तकलीफ देना शुरू कर देता है। तीन तलाक, धर्मांतरण जैसे गंभीर मुद्दों को भी जूही बब्बर ने अपने अभिनय की कड़ियों में ऐसा पिरोया कि देर तक दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गए। भावपूर्ण दृश्यों में जहां जूही ने सभी को भावुक किया तो बीच-बीच में हंसी की चुटकियां छोड़ते हुए गुदगुदाया भी।