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वो शायद भगवान भी नहीं कर सकते, मां वो जो मन पढ़ ले…..By-Santosh Kumar Pant
Santosh Kumar Pant ============= · मां और शहर ———-:————– ईजा (मां).. ईजा (मां)….मि ऐ गईं (मैं आ गया हूं)..यह कहते हुए मैं अभी अभी ‘शहर’ से लौटा था, और मां से पूरे 1 साल के बाद मिला था,मां से लिपटा…लगा जैसे समंदर ने हज़ार नदियों को अपने अंदर समेट लिया हो।हजारों बरस तक अलग न […]
जो पूरे ना हो सके वो ख़ाब….डॉ. विजया सिंह की रचनायें पढ़िये!
Dr.vijayasingh Alwar, India, Rajasthan Dr.vijayrani1@gmail.com ============== जो पूरे ना हो सके वो ख्वाब उनका टूट जाना ही अच्छा जो ना बन सके कभी अपने उनका रूठ जाना ही अच्छा यूँ तो सफर कटता नहीं अकेले मगर बेवफा सनम से तन्हाई का आलम ही अच्छा चिरागों की रोशनी से ख़फ़ा तो नहीं मैं मगर उनकी बेतुकी […]
#बड़ा_हुआ_सो_क्या_हुआ…..By – मनस्वी अपर्णा
· मनस्वी अपर्णा =================== · #बड़ा_हुआ_सो_क्या_हुआ एक बात जो मैं इन दिनों बड़ी शिद्दत से महसूस कर रही हूॅं , भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में कमोबेश बुज़ुर्गियत को आदर देने की एक परंपरा सी है….. हम सब को अपनें से बड़े लोगों का आदर अपेक्षित रहता है…. इसी के साथ यह भी मान […]