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झारखंड : हेमंत सोरेन ने स्थानीयता और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण 14 फ़ीसद से बढ़ाकर 27 फ़ीसद किया

झारखंड विधानसभा ने शुक्रवार को अपने एक दिन के विशेष सत्र के दौरान साल 1932 के खतियान वाले लोगों के लिए स्थानीयता और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित दो अलग-अलग विधेयकों को पारित कर दिया है.

अब इन विधेयकों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

झारखंड की हेमंत सोरेन कैबिनेट ने कुछ महीने पहले इससे संबंधित प्रस्तावों को मंज़ूरी दी थी. तब यह कहा गया था कि इससे संबंधित विधेयक लाकर इसे क़ानूनी जामा पहनाया जाएगा.

Hemant Soren
@HemantSorenJMM

झारखण्ड के वीर शहीदों और आंदोलनकारियों का सपना हुआ साकार।

1932 का खतियान आधारित स्थानीयता तथा एसटी-28%, पिछड़ा-27% और एससी-12% आरक्षण विधेयक माननीय विधानसभा के विशेष सत्र से हुआ पारित।

जो कहते हैं, वो करते हैं।

झारखण्ड के वीर शहीद अमर रहें!
जय झारखण्ड!

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ये विधेयक राज्य के लोगों की बहुत पुरानी माँग के मद्देनज़र लाए गए हैं. इसे क़ानूनी कवच पहनाने के लिए अब इन विधेयकों को नौवीं अनुसूची में शामिल कराना ज़रूरी है.

उन्होंने ट्वीट भी किया, “झारखंड के वीर शहीदों और आंदोलनकारियों का सपना हुआ साकार. 1932 का खतियान आधारित स्थानीयता और एसटी-28%, पिछड़ा-27% और एससी-12% आरक्षण विधेयक माननीय विधानसभा के विशेष सत्र से पारित हुआ. जो कहते हैं, वो करते हैं. झारखंड के वीर शहीद अमर रहें. जय झारखण्ड!”

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रवि प्रकाश

बीबीसी हिंदी के लिए, रांची से