दुनिया

टकराते-टकराते बचे अमरीका और रूस!

एक किताब में ख़ुलासा किया गया है कि रूस और अमरीका एक दूसरे से टकराते टकराते बचे थे और दोनों के बीच बड़ी लड़ाई शुरू होते होते रह गई।

टेलीग्राफ़ की रिपोर्ट के अनुसार एक किताब में यह ब्योरा दिया गया है कि रूसी फ़ोर्सेज़ ने अमरीकी छावनी को ध्वस्त कर देने की धमकी दे दी थी और साफ़ कह दिया था कि अगर अमरीकी स्पेशल फ़ोर्सेज़ ने अपनी छावनी ख़ाली न कर दी तो उस पर हमला कर दिया जाएगा।

अख़बार टेलीग्राफ़ के पत्रकार ने अपनी किताब में लिखा है कि यह गतिरोध वर्ष 2017 के मई महीने में उत्पन्न हो गया था जब सीरिया में गृह युद्ध अपने चरम पर था।

किताब के अनुसार रूस ने अमरीका की स्पेशल फ़ोर्सेज़ से कहा था कि वे तनफ़ मरुस्थल में अपनी छावनी ख़ाली कर दें वरना उसे ध्वस्त कर दिया जाएगा।

इस धमकी के बाद सावाधनीवश अमरीकी फ़ोर्सेज़ तनफ़ मरुस्थल में अपनी छावनी छोड़कर अलग अलग स्थानों पर जाकर तैनात हो गई थीं और अमरीकी गठबंधन के कमांडर ने अपने रूसी समकक्ष को संदेश भेजा था कि हम बात करेंगे या लड़ाई शुरू कर दें?

पत्रकार कान कालिन ने अपनी किताब में लिखा कि इसके जवाब में रूसी कमांडर ने कहा कि हम बात करना चाहते हैं। इस तरह दोनों सेनाएं टकराते टकराते रह गईं।

सीरिया के गृह युद्ध के समय रूस की सेनाएं सीरियाई सरकार के अनुरोध पर आतंकवाद से लड़ाई में उसकी मदद के लिए गई थीं जबकि अमरीकी सेनाएं ग़ैर क़ानूनी रूप से सीरिया में घुसी थीं। अमरीकी और रूसी सेनाओं में टकराव न हो जाए इसके लिए दोनों पक्षों के बीच कड़े प्रोटोकोल पर सहमति बनी थी मगर कई बार यह स्थिति उत्पन्न हो गई कि दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने आ गईं।