नई दिल्ली:पिछेल कई दिनों तक टीवी में सुर्खियां बटोरने वाले थप्पड़ काँड में बंद मौलाना ऐजाज़ अरशद को अदालत में जमानत नही मिली है,ऐजाज़ अरशद की ज़ी हिंदुस्तान के शो ‘बताना तो पड़ेगा’ में लाइव बहस के दौरान महिला वकील फरहा फैज से मारपीट के मामले में आरोपी है।
सेशन कोर्ट ने बुधवार को मौलाना की जमानत याचिका पर सुनवाई 30 जुलाई के लिए टाल दी. दरअसल, इस केस में नोएडा पुलिस ने मौलाना के खिलाफ धारा-354 भी लगाई है, ऐसे में शिकायतकर्ता फरहा फ़ैज का 164 का बयान दर्ज होने के बाद ही कोर्ट जमानत पर सुनवाई कर सकता है. इससे पहले शिकायतकर्ता फरहा फ़ैज ने डिस्ट्रिक्ट जज के यहां केस को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की अर्जी दी थी, जिसपर बुधवार को डिस्ट्रिक्ट जज ने अर्जी को मंजूर करते हुए दूसरे जज के पास केस को ट्रांसफर कर दिया।
इससे पहले CJM कोर्ट ने मौलाना की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसके बाद मौलाना ने सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. जांच अधिकारी अरूण वर्मा ने CJM कोर्ट में मारपीट का विडियो सीडी कोर्ट में सौंपा था. पुलिस ने मौलाना के खिलाफ एक और धारा- 354 (महिला को लज्जित करना) जोड़ दिया था. जांच अधिकारी ने ज़ी मीडिया को बताया था कि वीडियो में मौलाना की ओर से गंदी गालियां दी गई हैं, इसलिए धारा-354 को जोड़ा गया है. CJM कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद मौलाना ने सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की महिला वकील और तीन तलाक की मुख्य याचिकाकर्ता फराह फैज से मारपीट किए जाने के बाद मौलाना को नोएडा पुलिस ने 17 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद नोएडा सेक्टर-20 थाने में फराह फैज ने मौलाना कासमी पर एफआईआर दर्ज करवाई थी. ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कोर्ट में मौलाना को पेश किया गया था. जहां कोर्ट ने कासमी को कोई राहत नहीं दी और नोएडा जेल भेजने का आदेश दे दिया था।
कासमी पर नोएडा पुलिस ने चार धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी. जिनमें तीन धाराएं जमानती है जबकि एक धारा 295A गैरजमानती है. ये चार धाराएं 323, 504, 506, 295A है. काजमी के वकील ने बुधवार को कोर्ट से धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाना) को हटा कर जमानत देने की मांग की लेकिन कोर्ट ने इस मांग को ठुकरा दिया था. बाद में पुलिस ने पांचवीं धारा 354 को जोड़ दिया था