नई दिल्ली: भारत के विश्व विख्यात इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक ने भारत लौटने से संबंधित खबरों को खारिज कर दिया है। नाईक ने कहा है, ‘मेरे भारत लौटने की खबर पूरी तरह फर्जी और निराधार है। जब तक अनुचित अभियोजन से मैं सुरक्षित महसूस नहीं करूंगा तब तक मेरी भारत आने की कोई योजना नहीं है। जब मैं यह महसूस करूंगा कि सरकार निष्पक्ष होगी तब मैं जरूर अपने देश लौट आऊंगा।’ इससे पहले खबर आई थी कि नाईक आज रात भारत लौट सकते हैं।
विवादास्पद प्रचारक नाईक पर आरोप है कि उसने भड़काउ भाषण के माध्यम से नफरत फैलाई, आतंकवादियों का वित्त पोषण किया। पड़ोसी देश बांग्लादेश में आतंकवादियों ने दावा किया था कि वे नाईक के भाषणों से प्रेरित होकर जिहाद कर रहे थे जिसके बाद एक जुलाई 2016 को वह भारत से फरार हो गया था। नाईक मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का संस्थापक है।
The news of my coming to India is totally baseless and false. I have no plans to come to India till I don't feel safe from unfair prosecution. Insha Allah when I feel that the government will be just and fair, I will surely return to my homeland: Zakir Naik statement (File pic) pic.twitter.com/mrM8ApGAnv
— ANI (@ANI) July 4, 2018
जाकिर पर दर्ज है केस
धार्मिक उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी (NIA) ने चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। एनआईए ने एक विशेष अदालत में जाकिर के खिलाफ चार्जशीट सौंपी। जाकिर पर युवाओं को अपने भड़काऊ भाषण के जरिए उकसाने और ‘भारत-विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने का आरोप लगा है। जाकिर के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
कब आया चर्चा में
धर्म प्रचारक जाकिर नाईक 2016 में सुर्खियों में आए, जब उन पर आरोप लगाया गया कि ढाका के चर्चित कैफे पर एक जुलाई 2016 को हमला करने वाले आतंकियों में दो उसके भाषणों से प्रेरित हुए थे। मारे गए आतंकियों में शामिल बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेता का पुत्र रोहन इम्तियाज ने फेसबुक पर जारी एक संदेश में पीस टीवी के धर्म प्रचारक नाईक का हवाला दिया था, जिसमें नाईक ने कहा है कि सभी मुसलमानों से आतंकी बन जाने का आग्रह कर रहा हूं।
रद्द हो चुका है पासपोर्ट
पिछले साल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुरोध पर नाईक का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था। नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को सरकार पहले ही गैरकानूनी घोषित कर चुकी है।
जब्त हो चुकी है 18 करोड़ की संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मार्च 2017 में धनशोधन रोकथाम कानून के तहत नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की 18.37 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली थी। जब्त की गई इस संपत्ति में म्यूचुअल फंड, बैंक खातों में जमा रकम और अचल संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने जो 18.37 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी, उसमें 9.41 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड, 68 लाख का गोदाम और इस्लामिक एजुकेशन ट्रस्ट के तहत स्कूल की इमारत शामिल है। इस्लामिक एजुकेशन ट्रस्ट की स्कूल की इमारत की कीमत करीब सात करोड़ पांच लाख रुपये है।