दिल्ली MCD चुनावों में आम आदमी पार्टी को मिली क़ामयाबी का उसने रिटर्न गिफ्ट आज गुजरात के चुनावों में अदा कर दिया है, गुजरात के चुनाव इस बार बीजेपी के लिए बड़ी समस्या थे, जनता मंगाई, GST, मोरबी हादसा, पांच किलो का थैला सब भूल गयी और एक बार फिर से उसने PM मोदी के चेहरे पर वोट दे कर बीजेपी को गुजरात के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दिलवा दी है, गुजरात में बीजेपी की कामयाबी के असली नायक आप वाले हैं, आप ने गुजरात में जो करने करने की ज़िम्मेदारी ली थी उसे पूरा कर दिखाया है
गुजरात के ये चुनाव शायद प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप में लड़ा गया अंतिम चुनाव है, इस चुनाव के नतीजों को ऐसा ही होना था, प्रधानमंत्री मोदी को इससे शानदार तोहफा और कुछ नहीं हो सकता,
गुजरात में कांग्रेस पार्टी को ज़बरदस्त हार का सामना करना पड़ा है,
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजे आना शुरू हो गए हैं. अब तक रूझानों के मुताबिक भाजपा गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत की ओर बढ़ रही है.
तमाम कोशिशों के बावजूद आम आदमी पार्टी गुजरात में कुछ ख़ास नहीं कर पाई है. उधर हिमाचल प्रदेश से आ रहे रुझानों में कांग्रेस बहुमत पाते दिख रही है.
आइए देखते हैं अब तक आए नतीज़ों में कौन-से दिग्गज जीते हैं और किन्हें हार की मूंह देखना पड़ा है.
भूपेंद्र पटेल
गुजरात के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस चुनाव में अहमदाबाद की घटलोदिया सीट से अपनी किस्मत आजमाई. उनका मुक़ाबला कांग्रेस के अमी याज्ञनिक और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार विजय पटेल से था.
चुनाव आयोग से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक़, भूपेंद्र पटेल को अब तक 1.65 लाख वोट मिले हैं. साल 2017 में पटेल ने हार्दिक पटेल की ओर से आती चुनौती के बावजूद 1.17 लाख वोटों के बड़े मार्जिन से इस सीट पर जीत दर्ज की थी.
भूपेंद्र पटेल की विधानसभा सीट के बारे में ख़ास बात ये है कि इस सीट ने गुजरात को एक नहीं दो – दो मुख्यमंत्री दिए हैं.
इससे पहले गुजरात की मुख्यमंत्री रहीं आनंदीबेन पटेल भी इसी विधानसभा सीट से आई थीं.
इसुदान गढ़वी
आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार रहे इसुदान गढ़वी गुजरात की खंबालिया सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे थे. राजनीति में आने से पहले गढ़वी एक टीवी पत्रकार हुआ करते थे.
और अरविंद केजरीवाल ने संभवत: टीवी एंकर के रूप में उनकी लोकप्रियता को ध्यान में रखकर ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था.
हालांकि, चुनाव नतीजे उनके पक्ष में आते नहीं दिख रहे हैं.
द्वारका ज़िले की इस ओबीसी बाहुल्य सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी के मुलु बेरा और और कांग्रेस के विक्रम मदान से था.
चुनाव आयोग से आते ताजा आंकड़ों के मुताबिक़, इस सीट पर बीजेपी के मुलु बेरा आगे चल रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष अपने बयानों के लिए काफ़ी चर्चा में रहे हैं. लेकिन नतीजों के दिन वह आम आदमी पार्टी के लिए कुछ ख़ास नतीजे लाते नहीं दिख रहे हैं.
गुजरात की कटरागाम विधानसभा सीट पर उनका मुक़ाबला बीजेपी के विनोद मोरदिया और कांग्रेस के कल्पेश वरिया से है.
लेकिन ताजा आंकड़ों में वह बीजेपी के विनोद मोरदिया से काफ़ी पीछे रहते दिख रहे हैं. अब तक इटालिया को 45424 वोट मिले हैं. और मोरदिया को 96469 वोट मिले हैं.
गोपाल इटालिया
गुजरात में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले हर्ष सांघवी मौजूदा सरकार में गृह मंत्री हैं. सांघवी गुजरात के दूसरे सबसे बड़े शहर सूरत की मजुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
उनका सामना कांग्रेस के बलवंत शांतिलाल जैन और आम आदमी पार्टी के पीवीएस सरमा से था. सूरत वो शहर है जहां आम आदमी पार्टी धीरे – धीरे अपना प्रभाव बढ़ाती दिख रही है.
लेकिन चुनाव नतीजों के मुताबिक़, सांघवी ने अब तक इस सीट पर 1.32 लाख वोट हासिल कर लिए हैं. दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के पीवीएस सरमा हैं.
हर्ष सांघवी
गुजरात में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले हर्ष सांघवी मौजूदा सरकार में गृह मंत्री हैं. सांघवी गुजरात के दूसरे सबसे बड़े शहर सूरत की मजुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
उनका सामना कांग्रेस के बलवंत शांतिलाल जैन और आम आदमी पार्टी के पीवीएस सरमा से था. सूरत वो शहर है जहां आम आदमी पार्टी धीरे – धीरे अपना प्रभाव बढ़ाती दिख रही है.
लेकिन चुनाव नतीजों के मुताबिक़, सांघवी ने अब तक इस सीट पर 1.32 लाख वोट हासिल कर लिए हैं. दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के पीवीएस सरमा हैं.
जिग्नेश मेवाणी
गुजरात में कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी गुजरात की वडगाम विधानसभा सीट पर बीजेपी के मणिभाई वाघेला और आम आदमी पार्टी के दलपत भाटिया का मुकाबला कर रहे हैं.
दिलचस्प बात ये है कि मेवाणी ने पिछले चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. लेकिन मेवाणी की वो जीत एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में थी. और इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
यहां ये भी याद रखने की ज़रूरत है कि पिछले चुनाव से पहले जिग्नेश मेवामी दलित आंदोलन को लेकर चर्चाओं में थे. मेवाणी उस आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे थे.
लेकिन इस बार वह एक नेता के रूप में इस चुनाव में उतरे हैं. और ताजा आंकड़ों के मुताबिक़, मेवाणी और मणि वाघेला के बीच में कांटे का मुकाबला चल रहा है.
हार्दिक पटेल
गुजरात के पाटीदार आंदोलन से उपजे हार्दिक पटेल ने इस चुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के टिकट पर अहमदाबाद की विरंगम विधानसभा सीट पर अपनी किस्मत आजमाई है.
उनका मुक़ाबला कांग्रेस के लखाभाई भरवाड और आम आदमी पार्टी अमरसिंह ठाकोर से है. इसी सीट पर दलित नेता किरीट राठोड़ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक़, हार्दिक पटेल को 73 हज़ार से ज़्यादा वोट मिले हैं और उनके जीतने की संभावनाएं काफ़ी ज़्यादा हैं.
अल्पेश ठाकोर
हार्दिक पटेल की तरह अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का हाथ थामा है.
गुजरात की गांधीनगर दक्षिण विधानसभा सीट पर ठाकोर का मुकाबला कांग्रेस के हिमांशु पटेल और आम आदमी पार्टी के दौलत पटेल से है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक़, ठाकोर को अब तक 95 हज़ार से ज़्यादा वोट मिल चुके हैं.
अर्जुन मोढवाडिया
गुजरात की पोरबंदर सीट से कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया का सामना बाबू बोखिरिया से है. ये एक ऐसी सीट है जिस पर मेर और कोली वोटर्स का दबदबा रहता है.
मोढवाडिया का मुकाबला बीजेपी के बोखिरिया से है जिन्होंने 1995, 1998, 2012 और 2017 में चुनाव जीता है. साल 2002 और 2007 में मोधवाधिया ने चुनाव जीता है.
इस चुनाव में दोनों के बीच कांटे का मुकाबला जारी है. अब तक मोधवाधिया को 81 हज़ार से कुछ ज़्यादा और बोखिरिया को 73 हज़ार से कुछ ज़्यादा वोट हासिल हुए हैं.
जयराम ठाकुर
बीजेपी जहां गुजरात में लगातार सातवीं बार सरकार बनाने जा रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को निराशा हाथ लगी है.
बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार जयराम ठाकुर सेराज विधानसभा सीट पर कांग्रेस के चेतराम ठाकुर और आम आदमी पार्टी की गीता नंद ठाकुर का सामना कर रहे हैं.
इस चुनाव में बीजेपी को भले ही निराशा हाथ लगती दिख रही हो लेकिन जयराम ठाकुर अपनी सीट पर जीत दर्ज करने की ओर बढ़ रहे हैं.
विक्रमादित्य सिंह
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका सामना बीजेपी के रवि कुमार मेहता और आम आदमी पार्टी के प्रेम कुमार से है.
साल 2017 में भी विक्रमादित्य सिंह ने इस सीट पर लगभग चार हज़ार वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. लेकिन ये एक ऐसी सीट है जिससे वीरभद्र सिंह चुनाव लड़ते रहे थे. और उन्होंने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए ही ये सीट छोड़ी थी.
विक्रमादित्य भी अपनी सीट से जीत की ओर बढ़ते दिख रहे हैं
सोशल मीडिया पर चर्चा मोरबी हादसे और एंटी-इन्कम्बेंसी की
गुजरात विधानसभा चुनावों के अब तक आए रुझानों में बीजेपी बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है. वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पिछड़ती दिख रही है.
चुनाव आयोग के अनुसार अब तक आए रुझानों में कुल 182 विधानसभा सीटों में से 150 सीटों पर बीजेपी आगे है. वहीं 21 पर कांग्रेस और 6 पर आम आदमी पार्टी आगे दिख रही हैं.
सोशल मीडिया पर गुजरात चुनाव ट्रेंड कर रहा है और राजनेता से लेकर आम लोग चुनावी रुझानों को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई ने लिखा है कि गांधीनगर में बीजेपी दफ्तार के सामने जश्न का माहौल है.
राज्यसभा में बीजेपी के सांसद विनय तेंदुलकर ने लिखा कि गुजरात में बीजेपी ऐतिहासिक जीत की तरफ़ है.
वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिंघल लिखते हैं कि भारत के चुनावी इतिहास में ये सबसे बड़ी लैंडस्लाइड जीत है. बीजेपी का वोट प्रतिशत 55 फ़ीसदी तक हो गया है.
डॉक्टर शर्मिला ने लिखा, “गुजरात ने आज साबित कर दिया कि बीजेपी का धार्मिक ध्रुवीकरण यहाँ पूरा हो चुका है. उम्मीद करते हैं कि भारत इस नतीजों को 2024 में नहीं दोहराएगा.”
कुरल नाम के एक यूज़र ने लिखा, “27 साल बाद भी गुजरात में एंटी-इन्कम्बेंसी नहीं दिखी?”
अलयराज नायडू ने लिखा, “प्रदेश में और देश में बड़े नेता पैदा करने में कांग्रेस पूरी तरह विफल रही है. अगर राहुल गांधी को लगता है कि वो देश को बचाना चाहते हैं तो उन्हें लीक से हटकर सोचना होगा. नहीं तो…”
हर्ष सिंह नाम के एक यूज़र लिखते हैं, “एक बार फिर गुजरात ने सपष्ट कर दिया है कि उन्हें मुफ्त की रेवड़ी नहीं चाहिए. सोचिए 27 साल तक बीजेपी के लगातार सत्ता में रहने के बाद भी लोगों ने यहाँ इसी पार्टी को वोट दिया है. ये 2024 के लोकसभा चुनावों की एक झलक है.”
वहीं सुचित्रा दास लिखती हैं, “बीजेपी गुजरात के बिग बॉस हैं. आम आदमी पर्टी और कांग्रेस के लिए यहाँ स्थिति मुश्किलों से जूझते रहने की कोशिश करने वाली है.”
मोरबी में बड़ा हादसा होने के बाद भी वहीं से बीजेपी नेता कांतिलाल अमृतिया की बढ़त पर कई लोग टिप्पणी कर रहे हैं.
बीजेपी के एक नेता वाई सत्यकुमार ले लिखा है कि हादसे के दौरान कांतिलाल अमृतिया ने कई लोगों की जान बताई थी, वो सही मायनों में एक हीरो हैं.
रित्विक नाम के एक यूज़र ने लिखा कि “मोरबी में जिस पुल के गिरने से 144 लोगों की मौत हो गई थी, इसे महीने भर पहले फ़िटनेस सर्टिफिकेट दिया गया था. लेकिन वहाँ से बीजेपी के नेता का जीतना ये बताता है कि देश के लोगों की प्रथमिकता क्या है.”
वहीं मौलीन शाह सवाल करते हैं कि जहाँ हादसे में सौ से ज़्यादा लोगों की मौत हुई, वहाँ के नतीजे देख कर किसी को आश्चर्य नहीं हो रहा.
‘फ़र्क नहीं पड़ता’
Ritvik
@Ritvik_Cricket
BJP winning Gujarat by a good margin when just a month ago state BJP govt. gave fitness clearance certificate to Morbi bridge which collapsed costing 144 lives, sums up the priorities of this country.
यतीश नायर लिखते हैं, “बिलकिस बाने रेप मामला, मोरबी हादसा, भ्रष्टाचार, मौतें, इलेक्टोरल बॉन्ड्स, सांप्रदायिक भेदभाव और मानव विकास इंडेक्स में भारत का पीछे होना. गुजरात में किसी चीज़ से कोई फर्क नहीं पड़ता.”
मानव विकास इंडेक्स में 189 देशों की सूची में भारत 131 नंबर पर है.
रिया नाम की एक यूज़र ने तंज कसते हुए लिखा, “गुजराती बहुत प्यार करने वाले लोग होते हैं, 100 से ज़्यादा लोग मरे, किसी भी व्यक्ति को हादसे के लिए ज़िम्मेदार मानते हुए गिरफ्तार नहीं किया गया, न किसी के ख़िलाफ़ चर्जशीट दायर हुई. लगता है कि लोगों का दिमाग़ उसकी जगह पर है ही नहीं. दुख की बात है. “
राज नाम के एक यूज़र ने लिखा कि मोरबी हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बाद एक बार फिर वहाँ से बीजेपी को वोट देने के लिए आप लोगों को दोषी नहीं ठहरा सकते.
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “आख़िरी बार ऐसा कब हुआ था कि बड़ी संख्या में मौतों के लिए किसी सरकार को दोषी ठहराया गया हो. मुझे लगता है कि इस तरह की घटनाओं के बारे में सोचविचार करने को लेकर वो लोग भीतर से मर चुके हैं.”
वहीं शैंकी जी ने लिखा, “हाथरस में बीजेपी जीती, लखीमपुर खीरी में बीजेपी जीती, मोरबी में भी बीजेपी जीत रही है. गड़बड़ी ईवीएम में नहीं है बल्कि गड़बड़ी कहीं और है, शायद हम लोगों के भीतर ही गड़बड़ी है.”
नीरव पटेल ने ट्वीट कर लिखा है, “बीजेपी गुजरात में जीत रही है, हिमाचल में कांग्रेस जीत रही है और दिल्ली के म्युनिसिपल चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज कर ली है. भारतीय वोटर सभी को खुश रख रहे हैं.
BJP is winning gujarat..
Cong is winning himachal..
AAP is winning delhi mcd…
Indian voter keeping everyone happy be like… pic.twitter.com/QWNXwZjTUS— nirav_patel🇮🇳 (@Nirav_anaghan) December 8, 2022