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हत्याओं और जनसंहार के मौसम में साहित्य के रंगारंग जलसों में गाने-बजाने वालों से…
Kavita Krishnapallavi =========== जिस दिन हम सत्ता के आगे झुकने वालों से, फासिस्ट हत्यारों के हाथ चूमकर उनसे ईनाम और वजीफा लेने वालों से, हत्याओं और जनसंहार के मौसम में साहित्य के रंगारंग जलसों में गाने-बजाने वालों से, पतित छद्मवामियों, लिजलिजे लिबरलों, निठल्ले कायर बकवासियों, अवसरवादियों, कैरियरवादियों, बौद्धिक लफंगों और साहित्यिक दुराचारियों व दल्लों से […]
विकास शांति से होता है, विनाश में भारी शोर मचता है : देवी सिंह तोमर का लेख
देवी सिंह तोमर ============== “विकास में देर लगती है, और विनाश बहुत जल्दी होता है। विकास शांति से होता है, विनाश में भारी शोर मचता है।” माता-पिता बचपन से बच्चे का विकास करते हैं। “लगभग 20 30 वर्ष लग जाते हैं, एक बच्चे का विकास करने में। इतने वर्षों तक माता-पिता को बहुत तपस्या करनी […]
सात वर्ष हो गये इस पत्र को लिखे हुए…..By-Kavita Krishnapallavi
Kavita Krishnapallavi ============ सात वर्ष हो गये इस पत्र को लिखे हुए । 2013 में भी इसे फेसबुक पर पोस्ट किया था । मेरी यह दोस्त बुर्जुआ जीवन और गार्हस्थ्य में व्यवस्थित होने की विफल कोशिश के बाद आज भौतिक समृद्धि और आर्थिक सुरक्षा के बावजूद, अवसाद से जूझते हुए एकाकी जीवन बिता रही है […]