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तन्हां चल रही हूं मैं..देखलो, आज हमारे बीच ज़माना भी नहीं है…”यूसरा, तुमहे क़ामयाबी बहुत मुबारक़”

Joher
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तन्हां चल रही हूं मैं, उसका सहारा भी नहीं है,
देखलो, आज हमारे बीच ज़माना भी नहीं है…

ये महज़ अल्फ़ाज़ नहीं, जज़्बात है, एक ऐसी लड़की की, जिसने खेत खलियान, गाँव देहात से उठ कर, बुलंदी की एक ऐसी दस्तान लिख दी कि, India Book of Records ने उसे बेस्ट टीनऐज ऑथर 2023 के तमग़े से नवाज़ा है।

Author Yusra Fatma यही नाम है, उम्र महज़ 15 साल, इतनी छोटी सी उम्र में सिवान की इस होनहार लड़की ने, 4 किताबें लिख कर रिकॉर्ड क़ायम कर दिया है। “जज़्बा” “शाम और तन्हाई” “मेरी हिस्से की कोशिश” और “बेरुखी” जो अमेज़न पर भी अवेलेबल है, इन किताबों को पढ़ कर अंदाज़ा लगाना नामुमकिन जैसा है की इन किताबों को लिखने वाली ऑथर 12th क्लास की स्टूडेंट है।

यूसरा ने आज वाक़ई अपने और क़ामयाबी के बीच ज़माने को किनारे कर दिया है, आज उसके और उसके जुनून के बीच कोई नहीं है। कहते हैं न, खुद को पहचान कर अपने हुनर को निखारने से क़ामयाबी क़रीब आ जाती है, बस अपने आस पास के लोगों का ज़रा सा साथ चाहिये होता है। युसर ने वही किया और हमें गर्व महसूस करवाया है।

हमें इस लिए की, यूसरा मेरी अहलिया की बहन है, आज मैं अपने ससुराल में हूँ और दरवाज़े पर हमेशा की तरह कोई रिपोटर आकर इस इंतज़ार में है कि, यूसरा की थोड़ी सी बाइट मिल जाये।

मैंने पहली बार शादी के बाद, यूसरा को सुना था, वाक़ई कमाल लिखती है और लिखने के साथ साथ, कहने का हुनर भी उसे बख़ूबी आता है। आप उसे https://youtube.com/@Authoryusrafatma पर सुन सकते हैं।

यूसरा को देख कर मैं आप सभी से एक बात कहना चाहता हूँ, हुनर को सिर्फ़ शौक का नाम देते हुए, अपने आस पास के बच्चों को आगे बढ़ने से मत रोकिये, आज अगर यूसरा के पापा और मम्मी उसके हुनर को महज़ बचपन का शौक कहते हुए समेट देते तो, इसकी शायरी किताबों के बजाय डायरी में सिमट कर रह जाती जिसे हम भी नहीं जान पाते।

आज के बच्चों में बहुत कुछ कर जाने का पोटेंशियल है, बस उसके साथ खड़े हो जाइए फिर देखिए वो कैसे अपना रास्ता ख़ुद निकाल लेते हैं, उन्हें कुछ चाहिए तो सिर्फ़ आपका साथ और उन्हें समझने का थोड़ा सा जज़्बा, जहां वो कह सकें, अगर हमारे बड़ो ने हमें नहीं समझा होता तो आज हम इस मक़ाम पर नहीं होते।

ख़ैर, यूसरा, तुमहे ये क़ामयाबी बहुत मुबारक, तुम्हे यही नहीं ठहरना है, ये क़ामयाबी महज़ शुरुआत है, तुमने अपना रास्ता खुद बनाया है, बस चलती जाना, हम सब इस सफर में तुम्हारे साथ है….

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