नई दिल्ली: राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान ने तुर्की पर मंडरा रहे आर्थिक संकट के बादलों और हमलों के बाद अमेरिका के खिलाफ तुर्क जनता को एकजुट होकर पूरी हिम्मत और हौसले के साथ सामना करने की ज़रूरत है।
इस वर्ष तुर्की की करेंसी लीरा ने अब तक कि सबसे बड़ी गिरावट का सामना किया है,लीरा ने 40 प्रतिशत की गिरावट का सामना किया है,क्योंकि अमेरिका द्वारा मौद्रिक नीति में हुए बदलाव के बाद स्थिति बिगड़ गई थी जिसमें सुधार लाने के लिये तुर्की कोशिस कर रही है।
शनिवार को, एर्डोगन ने कहा कि तुर्कों की एकता उनके राजनीतिक और आर्थिक आजादी को लक्षित करने वाले हमलों के खिलाफ प्रबल होगी।एर्डोगन ने कहा, “जैसा कि हम आज तुर्की अर्थव्यवस्था के खिलाफ हमलों से निपटने के लिये हमारी सबसे बड़ी ताक़त हमारी आजादी है, राष्ट्र और भविष्य को पकड़ने के लिए हमारे लोगों के हर सदस्य की प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प है।”
तुर्की के राष्ट्रपति ने लीरा की तेजी से गिरावट को “आर्थिक युद्ध” के रूप बताया है और अमेरिका पर एक अमेरिकी नागरिक पादरी एंड्रयू ब्रूनसन के भाग्य पर तुर्की को लक्षित करने का आरोप लगाया, जिस पर आतंकवाद के आरोपों पर तुर्की में गिरफ्तार किया गया था।
पिछले हफ्ते तुर्की की एकक कोर्ट ने ब्रूनसन की रिहाई के लिए अपील को खारिज करदी थी, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से कड़ी मेहनत की, जिन्होंने कहा था उनकी गिरफ्तारी पर अमेरिका बैठा देखता नही रहेगा।
एर्दोगान ने इस आर्थिक हमले को तुर्की राष्ट्र की सलामती और सम्मान पर हमला बताया है,एर्दोगान ने पहले इसको अज़ान पर हमला बताया था,एर्दोगान ने इस संकट की घड़ी में डॉलर और सोने को लीरा में बदलने के लिये कहा है ताकि गिरावट में कुछ सुधार होसके।