नई दिल्ली: मुगल बादशाह की मोहब्बत की निशानी ताज महल में मस्जिद भी बनी हुई हैं जिनमें ईद,बक़रा ईद और जुमें कि नमाज़ पढ़ी जाती रही है,लेकिन अब ताज में नमाज़ पढ़ने को लेकर नया आदेश सुप्रीम कोर्ट से आया है जिसमें स्पष्टरूप से नमाज़ पर रोक लगाने की बात कही गई है।
प्राप्त समाचार अनुसार ताजमहल में अब बाहरी नमाजी नमाज़ नहीं पढ़ पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि ये सात अजूबों में शामिल है, यहां नमाज नहीं पढ़ सकते हैं. नमाज किसी और जगह भी पढ़ सकते हैं. हालांकि, स्थानीय नमाजी अभी भी नमाज पढ़ सकते हैं।
आपको बता दें कि स्थानीय नमाजियों ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि उनके साथ-साथ बाहरी लोगों को भी नमाज़ पढ़ने की इजाजत दी जाए।
गौरतलब है कि ताज महल में मौजूद मस्जिद में हर शुक्रवार को जुमे की नमाज़ पढ़ी जाती है, जिसको लेकर कई बार कुछ तबकों ने विरोध किया है।
पिछले साल कई बार इस तरह की मांग की गई थी या तो नमाज बंद कर दी जाए अन्यथा शिव चालीसा पढ़नी दी जाए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास विंग अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति (ABISS) ने मांग की थी कि ताजमहल में शुक्रवार को होने वाली नमाज़ पर रोक लगा दी जाए।
कई बार बीजेपी नेता इस प्रकार का बयान दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने ताज महल को शिव मंदिर बताया है. कुछ लोगों ने इसे तेजोमहालय भी बताया गया था।