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तालेबान की पाकिस्तान को नसीहत : उकसावे वाली भाषा का प्रयोग नहीं करना : रिपोर्ट

तालेबान के प्रवक्ता ने कहा है कि पाकिस्तान के अधिकारियों को उकसावे वाली भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर होने वाले टकराव तथा काबुल में पाकिस्तान के कूटनयिक केन्द्र पर हमले के बाद हालिया दिनों में इस्लामाबाद के अधिकारी तालेबान पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवादियों को पनाह दी जाती है।

इसी बीच तालेबान के प्रवक्ता ने पाकिस्तान के गृहमंत्री के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा है कि पाकिस्तान के अधिकारियों को हिंसा भड़काने वाली भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए।

ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालेबान क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा के पक्षधर हैं और इसके लिए वे प्रयास करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि तालेबान अपने सारे पड़ोसियों के साथ मैत्रीूपर्ण संबन्धों के इच्छुक हैं। तालेबान के प्रवक्ता के अनुसार इसके बावजूद पाकिस्तान के अधिकारी जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह सही नहीं है।

मुजाहिद ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की सरकार यह प्रयास कर रही है कि इस देश की भूमि का प्रयोग पाकिस्तान सहित किसी भी देश के विरुद्ध न किया जाए। तालेबान के प्रवक्ता के बयान से पहले पाकिस्तान के गृहमंत्री कह चुके हैं कि टीटीपी के लड़ाके, अफ़ग़ानिस्तान की भूमि को पाकिस्तान के विरुद्ध प्रयोग कर रहे हैं। पाकिस्तान के इस बयान पर तालेबान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इन बातों के दृष्टिगत फिलहाल पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच गंभीर तनाव का वातावरण बना हुआ है।

टीटीपी के ठिकानों पर हमें हमले करने का है अधिकारः राना सनाउल्लाह

पाकिस्तान के गृहमंत्री कहते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में टीटीपी के ठिकानों पर हमला करने का हमें अधिकार है।

तहरीके तालेबान संगठन टीटीपी, पाकिस्तान की सरकार के साथ संघर्षरत है। पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि देश के सुरक्षाबलों पर हमलों में देश के उत्तरी तथा पश्चिमोत्तरी क्षेत्रों में सक्रिय आतंकी गुट टीटीपी का हाथ है।

राना सनाउल्लाह ने अपने एक इन्टरव्यू में तालेबान सरकार से मांग की है कि अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद तहरीके तालेबान संगठन टीटीपी के ठिकानों को वे नष्ट करें। उन्होंने कहा कि यदि एसा नहीं होता है तो फिर पाकिस्तान को इन आतंकी ठिकानों को नष्ट करने का पूरा अधिकार हासिल है।

इससे पहले पाकिस्तान के गृहमंत्री बता चुके हैं कि पाकिस्तान में टीटीपी के सदस्यों की संख्या सात से दस हज़ार के बीच है। याद रहे कि हालिया कुछ महीनों के दौरान पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में कई विस्फोट और आतंकी कार्यवाहियां हुई हैं। इनमें से अधिकांश की ज़िम्मेदारी तहरीके तालेबान संगठन टीटीपी ने स्वीकार की है।

इस प्रतिबंधित संगठन ने पाकिस्तान की सरकार के साथ वार्ता में प्रगति न होने के बाद युद्ध विराम की समाप्ति की घोषणा की थी। पाकिस्तान के अधिकारियों ने टीटीपी से मांग की है कि वह ख़ैबर पख़तूनखा प्रांत में क़बाएली क्षेत्रों के विलय के फैसले को रद्द करे।

टीटीपी ने एक बयान जारी करके बताया है कि वह अपनी मांगों से बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेगी। इस मुद्दे को लेकर दोनो पक्षों के बीच गंभीतर तनाव बना हुआ है।