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तालेबान ने शुरू की दाइश के ख़िलाफ़ बड़ी कार्यवाही : अफ़ग़ानिस्तान से अमरीका की अपमानजनक वापसी के लिए बाइडन ने ट्रंप को ज़िम्मेदार बताया : रिपोर्ट

तालेबान के लड़ाकों ने अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवादी गुट दाइश के विरुद्ध अभियान आरंभ कर दिया है।

अफ़ग़ानिस्तान के परवाने प्रांत में की गई दाइश विरोधी कार्यवाही में एक दाइशी के मारे जाने की सूचना है।

परवाने प्रांत के राज्यपाल के प्रवक्ता मुहम्मद कामरान ने शनिवार को बताया है कि इस प्रांत के चारीकार नगर में शुक्रवार को दाइश के एक गोपनीय ठिकाने पर हमला किया गया। इस हमले में कम से कम दाइश का एक आतंकी मारा गया। कामरान ने बताया कि इस कार्यवाही के दौरान तीन महिलाओं और सात बच्चों को गिरफ़्तार किया गया जिनका संबन्ध दाइश से था।

पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान अफ़ग़ानिस्तान के कुछ प्रांतों में तालेबान ने दाइश विरोधी अभियान चलाया था। हरात, नीमरूज़ और बलख़ प्रांतों में यह अभियान चलाए गए। इस अभियान के दौरान बलख़ में 6 और इरात में 13 दाइशी मारे गए। इस अभियान से पहले तालेबान कई बार अफ़ग़ानिस्तान के भीतर आतंकीवादी गुट दाइश के दमन और उसके विरुद्ध कार्यवाहियां करने की बात कहते आए हैं।


अफ़ग़ानिस्तान से अमरीका की अपमानजनक वापसी के लिए बाइडन ने ट्रंप को ज़िम्मेदार बताया तो ट्रंप ने किया पलटवार

व्हाइट हाउस ने अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सेना की अचानक और विवादित वापसी के कारणों पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2021 में अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को ज़िम्मेदार ठहराया है।

12 पेज के इस दस्तावेज़ में बाइडन प्रशासन ने दावा किया है कि अफ़गानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी ट्रम्प प्रशासन द्वारा उत्पन्न की गई परिस्थितियों से गंभीर रूप से बाधित थी। रिपोर्ट में जानबूझकर ट्रम्प द्वारा अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों की संख्या में भारी कटौती का उल्लेख किया गया है।

व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन कर्बी का कहना है कि बाइडन को अफगानिस्तान में ट्रंप से एक कमज़ोर ऑपरेशन विरासत में मिला था, जिसने अमरीका की प्रतिक्रिया को पंगु बना दिया था। ट्रम्प ने बड़े पैमाने पर सैनिकों की संख्या में कटौती कर दी थी, जेलों से हज़ारों तालिबान को आज़ाद कर दिया था, स्थानीय सरकार के गठन के बिना, दोहा में युद्ध की समाप्ति के लिए तालिबान से वार्ता शुरू कर दी थी और अफ़ग़ानिस्तान में दस्तावेज़ जारी करने की प्रतिक्रिया बंद कर दी थी।

कर्बी ने कहा बाइडन प्रशासन के पास एक सख्त विकल्प था: अमरीकी सैनिकों को वापस बुला लें या फिर तालिबान के ख़िलाफ़ हारी हुई लड़ाई फिर से शुरू करें। हालांकि उन्होंने इस सवाल को टाल दिया कि बिना किसी कार्यक्रम के वापसी के कारण जो अफ़रा-तफ़री मची क्या बाइडन को उसके लिए कोई पछतावा है।

कर्बी के बयान से पता चलता है कि पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति ने अफ़गान सरकार पर तालिबान कमांडरों समेत 5 हज़ार लड़ाकों को जेल से रिहा करने के लिए दबाव डाला था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के नेतृत्व में तैयार की गई रिपोर्ट का कहना है कि अफ़गानिस्तान के अनुभव के अनुसार, सुरक्षा की स्थिति बिगड़ने पर निष्कासन को गति देने के लिए अमरीकी नीति को समायोजित किया गया है।

ट्रंप ने बाइडन प्रशासन की इस रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति बाइडन ने जो ग़लतियां की हैं, उनकी सिर्फ़ कल्पना ही की जा सकती है और यह इतिहास में अमरीका की सबसे बड़ी हार थी।

अमरीका ने नाइन इलेवन की घटना के बाद, आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई के बहाने अफ़ग़ानिस्तान पर हमला कर दिया था और तालिबान शासन को उखाड़ फेंकने के बाद, इस देश पर क़ब्ज़ा कर लिया था। लेकिन दो दशकों तक इस देश पर अमरीका और नाटो के क़ब्ज़े के बाद, आतंकवाद के दुनिया में अधिक फैलने और अमरीका और पश्चिम की हार के अलावा कोई नतीजा नहीं निकला।