तुर्की और सीरिया में पांच दिन पहले आए भूकंप के बाद बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य जारी है.
दुनिया भर की राहत एजेंसियां दोनों देशों में राहत ऑपरेशन में लगी हैं. अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है. हालांकि मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
भूकंप में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़ कर 22,300 से ज्यादा पहुंच चुकी है. इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा किया है.
अर्दोआन ने माना है कि सोमवार को आए भूकंप के बाद सरकार को जिस तेजी से राहत कार्य चलाना था, उतनी तेजी से काम हो नहीं पाया.
सीरिया में भूकंप प्रभावित लोगों के लिए पहुंचा यूएन का राहत काफिला तुर्की के क्रॉसिंग प्वाइंट पर पहुंच गया. लेकिन राहतकर्मियों में निराशा है क्यों मदद सामग्री देरी से पहुंच रही है.
सीरियाई सिविल डिफ़ेंस संगठन व्हाइट हेलमेट्स ने कहा है कि सीरिया में हालात ‘’बहुत ही विनाशकारी’’ हैं.
दोनों देशों में बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों को खोजने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हालांकि अब इसमें लोगों के ज़िंदा बचे होने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं.
हालांकि कुछ चमत्कार भी हो रहे हैं. जैसे तुर्की के दक्षिणी हाते प्रांत में पांच मंजिली इमारत में दबे छह लोगों को जीवित निकाल लिया गया.
ब्रिटेन में तुर्की और सीरिया में भूकंप राहत कार्य के लिए डिजास्टर इमरजेंसी कमेटी ने पहले दिन 3.29 करोड़ पाउंड जुटाए हैं. ब्रिटेन सरकार ने भी 50 लाख पाउंड का योगदान दिया है.

सीरिया में राहत अभियान में दिक्कतें
इस बीच, सीरिया में भूकंप प्रभावित लोगों के लिए पहुंचा यूएन का राहत काफिला तुर्की से क्रॉसिंग प्वाइंट पर पहुंच गया.
इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के अधिकारियों ने कहा कि राहत दल में 14 गाड़ियां हैं. इनमें टेंट, कंबल, गद्दे, इंसुलेटर, हाइजीन प्रोडक्ट्स और फूड किट हैं.
सीरिया में उन इलाकों में राहत पहुंचाना एक चुनौती बन गई है जहां विद्रोही सरकारी सेना से लड़ रहे हैं. यहां तक पहुंचने का एक ही क्रॉसिंग प्वाइंट बाब-अल हावा में है.
बृहस्पतिवार को राहत दलों का पहला काफ़िला सीरिया के उत्तर पश्चिमी इलाक़े में पहुंच गया. भूकंप की वजह से हुए नुकसान के कारण यहां के रास्ते बंद हो गए थे.
अलेप्पो ‘नरक’ बना
राहतकर्मियों ने सीरियाई शहर की तुलना नरक से की है. एक राहतकर्मी ने कहा कि हालात बिल्कुल नरक की तरह हैं.
सरकार के क़ब्ज़े वाले शहर में बीबीसी वर्ल्ड से बात करते हुए जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस के फ़ादर टोनी ओ’ रियोरडेन ने कहा कि भूकंप की वजह से नई इमारतें भी ध्वस्त हो गई हैं.
दूसरी इमारतें भी रहने के लिहाज से ख़तरनाक हैं. भूकंप ने पूरे शहर में लोगों को विस्थापित कर दिया है.
उन्होंने कहा कि भूकंप से पहले ही उनके एक सहयोगी ने अलेप्पो को ‘नरक’ कहा था. उन्होंने कहा कि ये तो भूकंप के पहले की स्थिति थी लेकिन भूकंप के बाद तो यहां हालात और भी ज़्यादा ख़राब हो गए हैं. ये किसी ‘बड़े नरक’ की तरह हो गया है.
लोग यहां बेहद डरे हुए हुए हैं. शहर में 120 इमरजेंसी शेल्टर बनाए गए हैं. भूकंप के डर से लोग शून्य से भी नीचे के तापमान में कारों और बाहर खुले मैदान में सो रहे हैं.
Steve Hanke
@steve_hanke
Turkey-Syria Earthquake Update: The total death toll across the two countries has surpassed 23,000. Thousands remain unaccounted for in the ravaged areas. Take a look at this aerial view of Antakya, Turkey:

ANI Digital
@ani_digital
India sends 841 cartons of medicines, diagnostic kits to quake-hit Turkey, Syria
Zahack Tanvir – ضحاك تنوير
@zahacktanvir
Foreign Rescue Teams in #Turkey 🇹🇷:
1- #Azerbaijan 🇦🇿 725
2- #Israel 🇮🇱 450
3- #France 🇫🇷 204
4- #India 🇮🇳 201
#earthquakeinturkey 🇹🇷 🇸🇾
Syrians are using their bare hands to dig up those still stuck beneath the rubble.#depremden #depremsondakika #Rescue #Turquia #TurkeyQuake #TurkeySyriaEarthquake #earthquake #depremhatay #depremden pic.twitter.com/fVwcvIahPW— Abdul Ahad (@OneAahad) February 10, 2023