नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा अन्य देशों पर की गई आर्थिक कार्यवाहियों का बुरा प्रभाव हमेशा से देखने को मिलता रहा है,जिसके कारण कई देश बुरी तरह बर्बाद होचुके हैं,पिछले महीने तुर्की पर की गई एक तरफा कार्यवाही के बाद तुर्की ने अपने कारोबार को गैर डॉलर में करने का ऐलान किया था।
जिसके बाद अन्य देशों में भी इसका असर देखने को मिला है,रूस के सेन्ट्रल बैंक के प्रमुख ने शुक्रवार को घोषणा की है कि इस देश के सेन्ट्रल बैंक ने डालर को खत्म करने की नीति को लागू कर दी है और इस नीति को लागू रखेगा।
रूस ने कहा है कि बहुत से देश डॉलर के स्थान पर वैकल्पि मुद्रा की सोच में हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन के प्रवक्ता दिमित्री पिस्कोफ़ ने कहा कि यूरोप और एशिया में बहुत से देश अमेरिकी डालर के स्थान पर दूसरी मुद्रा को विदेशी मुद्रा भंडार बनाने जाने के विचार में हैं।
समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार दिमित्री पिस्कोफ ने रविवार को कहा कि अमेरिका एसा कदम उठाता है जिससे इस अंतरराष्ट्रीय मुद्रा से विश्वास उठता जा रहा है और इस समय उन देशों की संख्या में वृद्धि हो रही है जो अमेरिका से अपनी निर्भरता को कम करने की सोच में हैं।
रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा कि ये देश इस वास्तविकता को समझ चुके हैं कि अमेरिकी डालर से आशा तोड़ लेना संभव है और जल्द से जल्द इस संबंध में कार्यवाही किये जाने की ज़रूरत है।
रूस के सेन्ट्रल बैंक के प्रमुख ने शुक्रवार को घोषणा की है कि इस देश के सेन्ट्रल बैंक ने डालर को खत्म करने की नीति को लागू कर दी है और इस नीति को लागू रखेगा।
इसी बीच रूस के एक अन्य बड़े बैंक के प्रमुख आंद्रे कोस्टिन ने व्यापार में अमेरिकी डालर में लेन- देन को खत्म करने की नीति की घोषणा की है। इस आधार पर रूसी लेन-देन से अमेरिकी डालर खत्म हो जायेगा।