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तो नाटो इस देश में सैनिक हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है….अमेरिका तीसरा विश्व युद्ध शुरू किये बिना मानेगा नहीं : वीडियो

नाटो ने एक विज्ञप्ति जारी करके घोषणा है कि अगर कोसोवो में शांति व सुरक्षा खतरे में पड़ती है तो वह इस देश में सैनिक हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है।

फॉक्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार नाटो ने एक विज्ञप्ति जारी करके एलान किया है कि कोसोवो के उत्तरी क्षेत्रों में अशांति में वृद्धि हो रही है और इन अशांतियों के पीछे प्रिसटीना गुट का हाथ है। इसी प्रकार नाटो ने एलान किया है कि वर्ष 1999 में पारित होने वाले राष्ट्रसंघ के प्रस्ताव नंबर 1244 के अनुसार अगर शांति खतरे में पड़ती है तो नाटो सैनिक हस्तक्षेप कर सकता है।

कोसोवो के जिन क्षेत्रों में सर्ब मूल के लोग रहते हैं वहां अशांति व्याप्त हो गयी है और उन क्षेत्रों से फायरिंग और सायरन बजने की आवाज आ रही है जिस पर रूसी विदेशमंत्रालय ने प्रतिक्रिया जताई है। रूसी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने प्रिसटीना, अमेरिका और यूरोपीय संघ का आह्वान किया है कि सर्बिया के लोगों के विरुद्ध किसी प्रकार की उत्तेजक व भड़काऊ कार्यवाही न करें और उनके अधिकारों को मान्यता प्रदान करें।

इसी प्रकार समाचारिक सूत्रों ने एलान किया है कि कोसोवो में रहने वाले एक गुट को सर्बों का समर्थन प्राप्त है और उसने कोसोवो के उत्तर में जंग की घोषणा कर दी है। कहा जा रहा है कि सर्बिया के राष्ट्रपति इस गुट के सदस्यों का समर्थन कर रहे हैं। सर्बिया के राष्ट्रपति ने रविवार को कहा था कि सर्बिया को कोसोवो के साथ जिन जटिल व विषम परिस्थियों का सामना इस समय है इससे पहले कभी नहीं था और कोसोवो के सैनिक आधी रात को सर्बिया पर हमला करना चाहते हैं।

साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र में शांति बनाये रखने की अपील की है। सर्बिया ,कोसोवा को एक राज्य समझता है जो बालकान संकट के बाद यूगोस्लाविया से अलग हो गया था और सर्बिया उसे एक स्वतंत्र राज्य समझता है जबकि कोसोवो खुद को एक स्वतंत्र देश समझता है।

कोसोवा में हालिया संकट उस समय आरंभ हुआ जब कोसोवो के अधिकारियों ने सर्बिया के वाहन चालकों को यह आदेश दिया है कि जब वे कोसोवो में प्रवेश करें तो अपने वाहनों के नंबर प्लेट को अस्थाई रूप से परिवर्तित करें। कोसोवो के अधिकारियों के इस निर्देश के बाद कोसोवो में रहने वाले सर्ब मूल के सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया और सर्बिया और कोसोवो के बीच ज़मीनी सीमा मार्गों को बंद कर दिया।

सवाल यह पैदा होता है कि 24 फरवरी से रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है और आज तक नाटो ने एक बार भी एलान नहीं किया कि वह सैनिक हस्तक्षेप के लिए तैयार है जबकि इस युद्ध में दोनों पक्षों का अरबों डालर का नुकसान हो चुका है और दोनों तरफ के हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं और अभी इस बात का कोई संकेत नहीं है कि यह युद्ध कब बंद होगा? परंतु कोसोवो में सही तरह से लड़ाई आरंभ भी नहीं हुई है कि नाटो ने सैनिक हस्तक्षेप की घोषणा कर दी? ऐसा क्यों है?

जानकार हल्कों का मानना है कि नाटो के मुकाबले में कोसोवो बहुत कमज़ोर है इसलिए कोसोवो में सर्बों के दमन हेतु नाटो ने जंग आरंभ होने से पहले ही अपनी तत्परता की घोषणा कर दी है। इसी प्रकार जानकार हल्कों का मानना है कि नाटो की ओर से हालिया घोषणा का संबंध इस बात से भी है कि सर्ब और सर्बिया के लोग रूस के समर्थक हैं और नाटो कोसोवो में सर्बों के विरुद्ध कार्यवाही करके एक प्रकार से रूस से प्रतिशोध लेना चाहता है। रूसी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने नाटो को जो चेतावनी दी है उसे इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है