देश

तो रूस भारत में जी-20 शिखर बैठक में जारी होने वाले बयान को रोक देगा!

रूस का संकेत, भारत में जी-20 की शिखर बैठक में घोषणापत्र की मंज़ूरी को रोकेगा, शी जिनपिंग और बिन सलमान ख़ुद नहीं होंगे शामिल

भारत में जी-20 की शिखर बैठक के संदर्भ में रूस के विदेश मंत्री ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। सर्गेई लावरोफ़ ने शुक्रवार को कहा कि यदि यूक्रेन युद्ध और अन्य संकटों के बारे में रूस के दृष्टिकोण को मद्देनज़र न रखा गया तो वो सम्मेलन के समापन पर जारी होने वाले बयान को रोक देंगे।

यदि यह होता है कि सम्मेलन में भाग लेने वालों के पास यही विकल्प रहेगा कि ग़ैर बाध्यकारी या आंशिक बयान जारी करें।

रूसी विदेश मंत्री जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति व्लादमीर पुतीन के स्थान पर शिरकत करेंगे। यह सम्मेलन 9 और 10 सितम्बर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है।

मास्को में छात्रों के एक कार्यक्रम में बोलते हुए लावरोफ़ ने कहा कि यदि हमारा स्टैंड मद्देनज़र न रखा गया तो सारे सदस्यों की ओर से कोई बयान जारी नहीं होगा।

रूसी विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि पश्चिम देश अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में अपना एजेंडा लागू करने की कोशिश कराष्ि यदि हमारा स्टैंड मद्देनज़र न रखा गया तो सारे सदस्यों की ओर से कोई बयान ते हैं और यदि जी-20 के शिखर सम्मेलन में घोषणापत्र पर सहमति न बनी तो संगठन के अध्यक्ष की ओर से ग़ैर बाध्यकारी बयान जारी किया जाएगा।

दूसरी ओर यह भी सूचना है कि इस शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भाग नहीं लेंगे बल्कि चीन के राष्ट्रपति सम्मेलन में उनका प्रतिनिधित्व करेंगे और दूसरी ओर यह भी अटकलें हैं कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री बिन सलमन भी इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे बल्कि उकना कोई प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेगा।

जी-20 महत्वपूर्ण संगठन है इसके सदस्यों के पास दुनिया की कुल जीडीपी का 85 प्रतिशत भाग है और वैश्विक व्यापार का तीन चौथाई भाग इन्हीं देशों के ज़रिए अंजाम पाता है।

इस संगठन में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है।

भारत ने इस सम्मलेन की बड़े पैमाने पर तैयारी की है। सुरक्षा के लिए दसियों हज़ार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सम्मेलन के समय शहर को आंशिक रूप से बंद कर दिया जाएगा। दिल्ली में 1 लाख 30 हज़ार सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएंगे।