देवबंद: विश्व विख्यात शैक्षिक संस्थान दारुल उलूम देवबंद में छह दिवसीय तलीम ओ तरबियत तहफ़्फ़ुज़ खत्म ऐ नुबूवत का कार्यक्रम मंगलवार से शुरू हुआ है,इसमें देशभर के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु शिरकत करेंगे, तथा इसके अलावा भारी संख्या में भीड़ भी जुटेगी।
दारुल उलूम में वर्ष 2017-18 का शैक्षिक सत्र समाप्त होने के बाद छह दिवसीय तालीमी व तरबियती तहाफ्फुज खत्म-ए-नबुअत कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। कार्यक्रम में देश के प्रमुख उलमा के अलावा संस्था से शिक्षा पूर्ण कर चुके छात्र शामिल होंगे।
मंगलवार को प्रथम चरण के इजलास में संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने कहा कि मुसलमानों के इमान और अकीदे की हिफाजत करना अंबिया (पैगम्बरों) के वारिसों की जिम्मेदारी है। साथ ही दारुल उलूम से संबंधित सभी लोगों का दायित्व बनता है कि वो समाज में फैली बुराईयों को खत्म करने के लिए मैदान में आएं और अवाम को सही रास्ता दिखाएं। ताकि वो सुन्नत-ए-नबवी पर ठीक प्रकार से अमल करके अपनी जिंदगी उसके मुताबिक गुजारे।
मौलाना मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी ने कहा कि समाज में फैली बुराइयों को जड़ से समाप्त करने के लिए जरूरी है कि मुल्क के मुसलमानों को नबी की सुन्नत और उसके बताए रास्तों के बारे में जानकारी दी जाए। ताकि यह सिलसिला एक दूसरे के माध्यम से लगातार आगे बढ़ता चला जाए।
मौलाना शाहआलम गोरखपुरी ने बताया कि छह दिवसीय तालीमी व तरबियती तहाफ्फुज खत्म-ए-नबुअत कार्यक्रम में देश के कोने कोने से उलमा और फारिग छात्रों समेत करीब 300 लोग शिरकत करेंगे। जिसमें खत्म-ए-नबुअत पर चर्चा करने के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इस मौके पर उस्ताद और छात्र मौजूद रहे।