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💃💃💃स्त्री की परिभाषा💃💃💃-सीताराम “पथिक” की रचना पढ़िये!
Sitaram Pathik =============== 💃स्त्री की परिभाषा💃 🌻🌹💚🪔💚🌹🌻 किसी ने उजली आशा लिख दी, किसी ने घोर निराशा लिख दी। जिसने जैसा चाहा जग में, स्त्री की परिभाषा लिख दी। लिखने वालों ने स्त्री मन, एक बार भी झांक न देखा, पुरुषों ने तो अपने मन की, सारी बस अभिलाषा लिख दी। इस समाज ने एक […]
माँ एक बार फिर से गले लगाने के लिए आ….
Dr.vijayasingh ================ मुझे अच्छा लगता है माँ तुझे देखते रहना…तुम्हारी बिखरी चीज़ों का पड़ा रहना…तुम्हारी दवाइयों का बिखरा रहना…कार में खुद बैठने से पहले आपको को बैठाना आपकी छड़ी को पकड़ना जिस वक्त तुम्हारा हाथ पकड़कर सड़क पर चलती हूँ उस वक्त बहुत गर्व महसूस होता है कि मैं अपनी माँ का हाथ पकड़ रही […]
दोस्तो ये कविता नहीं एक सच्चाई है नसीहत है…पूरे समाज के लिए…डॉ.विजया सिंह की रचना पढ़िये!
Dr.vijayasingh ========== दोस्तो ये कविता नहीं एक सच्चाई है नसीहत है… पूरे समाज के लिए… जब हम किसी के काम नहीं आते हैं …तो हमारे काम कौन आयेगा ….और मैंने अपने जीवन में हमेशा निस्वार्थ दूसरों की मदद की है…हर किसी से सच्चे दिल से मोहब्बत की है …हर रिश्ते का मान रखा है….लोगों को […]