भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल शहर के दिन रात चलने वाले वीआईपी रोड स्थित अखाड़ा वाली मस्जिद परिसर में गुरुवार सुबह 11 बजे अज्ञात हमलावर ने मोअज्जिन पर हमला बोल दिया। हमले में घायल 62 वर्षीय बुजुर्ग करीब 30 मीटर तक जान बचाने के लिए दौड़ लगाकर पिछले हिस्से में रह रहे इमाम के दरवाजे तक पहुंचे, लेकिन समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण उनकी मौत हो गई। घटना से अहम सुराग और पूछताछ के बाद पुलिस का संदेह करीबी पर आकर अटक गया है। हालांकि अब भी पुलिस इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस हत्या के पीछे आपसी विवाद मान रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मस्जिद के इमाम अब्दुल सत्तार ने बताया कि दोपहर सवा ग्यारह बजे उन्हें 62 वर्षीय हाफिज मोहम्मद निसार साहब पर हमले की सूचना मिली थी। वे उन्हें अस्पताल ले आए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन पर मस्जिद परिसर में हमला किया गया था। वह दौड़ते हुए हमारे घर तक आए थे। उन पर हमला किसने और क्यों किया, हम नहीं जानते हैं। वे 15 साल से यहां मोअज्जिन थे। वे शुजालपुर के रहने वाले हैं। वे मस्जिद में ही रहते थे। उनके पास करीब एक सप्ताह पहले ही उनका भाई भी रहने आ गया था। वह मानसिक कमजोर है। वारदात के वक्त वह सो रहा था। हम अंदाजा भी नहीं लगा पा रहे हैं कि उन्हें किसने और क्यों मारा?
इनके जवाब : खोल सकते हैं हत्या का राज
- – मस्जिद में इतने लोगों के आते-रहने के बाद भी किसी ने वारदात को नहीं देखा।
- – उनका एक करीबी से विवाद होने की बात भी सामने आना।
- – घटना स्थल से सबूत भी मिटाए जाना।
- – घायल को हमले के एक घंटे बाद अस्पताल लाया गया, तब तक काफी खून निकल चुका था। देर से अस्पताल ले जाने का किसी के पास कोई जवाब नहीं है।
फुटेज की तलाश
सूचना मिलते ही तलैया, मंगलवारा और कोहेफिजा थाने की टीमें मौके पर पहुंच गईं। इसके बाद आईजी स्तर तक के अफसरों ने घटनास्थल का मुआयना किया। घटना के बाद तीन टीमें बनाई गईं। एक टीम सीसीटीवी कैमरा खंगालने में जुट गई। दूसरी वारदात के समय मौजूद लोगों से पूछताछ करने का काम कर रही है। तीसरी टीम संदिग्धों की धरपकड़ के लिए लगाई गई है।
एक ही बार में हो गई मौत
निसार साहब को गले में किसी नुकीली चीज से मारा गया। संभवत: हमला होने के बाद वे काफी दूर तक भागे, उसके बाद गिर गए। एएसपी जोन-3 राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार डॉक्टरों का कहना है कि अधिक खून बहने से मौत हुई। उन्हें अस्पताल लाने में एक घंटे की देरी हुई थी। अगर कुछ समय पहले उनको अस्पताल लाया जाता, तो उनके बचने की संभावना हो सकती थी।
डीआईजी भोपाल धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया, उसमें किसी करीबी का हाथ होने की आशंका है। हमें कुछ अहम सुराग मिल गए हैं, जिसके आधार पर कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। मोहम्मद निसार के गले पर किसी नुकीली चीज से संभवत: पेंचकश से हमला किया गया था। इसका खुलासा शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में हुआ है।