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”दिल्ली” के ख़ास संजय शेरपुरिया की गिरफ़्तारी, बदले में योगी के क़रीबी पर इनकम टैक्स का छापा : अतीक़ अहमद हत्याकांड से क्या है कनेक्शन : रिपोर्ट

संजय शेरपुरिया दिल्ली दरबार का बहुत बड़ा नाम है ! भाजपा के तमाम बड़े नेताओं से लेकर संघ के शीर्ष नेताओं का उसके घर पर लगातार आना जाना था ! यूपी की एसटीएफ ने उसे गिरफ्तारी कर लिया है ! उसके अगले ही दिन गोरखपुर की गैलेंट कपंनी पर इनकम टैक्स ने छापा मार दिया जो योगी के करीबी माने जाते हैं !

क्या है इस खेल के पीछे

15 अप्रैल की रात को अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की हत्या उस समय कर दी गयी थी जब उन्हें रात के दस बजे अस्पताल में मेडिकल जांच करवाने के लिए लाया गया था

अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के बाद अनेक कहानियां टीवी समाचार चैनलों के ज़रिये सामने आती रही, समाचार चैनलों के रिपोर्टर घटना की रिपोर्ट कम करते रहे बल्कि वो किसी किर्किट मैच की कमेंट्री ज़ियादा करते नज़र आये, किसी एक भी खबरिया चैनल ने अतीक अहमद की हत्या के पीछे के ”राज़ों” को जानने की कोशिश नहीं की, अतीक अहमद कितना बड़ा माफिया था, उसने कितने लोगों की हत्याएं की थी, उसने कितने लोगों की समाप्तियों पर क़ब्ज़े किये थे ऐसी ही ख़बरों को दिखाने में पूरे वक़्त संघी मीडिया लगा रहा

अतीक़ अहमद हत्याकांड के लिए बहुत सारे लोग मुख्यमंत्री योगी को ज़िम्मेदार बता रहे हैं, राजनीती में रहते नेता लोग अपने पक्ष के वोटर्स को अपने भाषणों से खुश करने की हमेशा कोशिश करते हैं, योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की असेम्ब्ली में जो तीखा बयान ”मिट्टी में मिला देंगे” वाला दिया था वो एक पक्ष के लोगों को खुश करने के लिए दिया गया था, इसी बयान का फ़ायदा उन शक्तियों ने उठाया और रच दी गयी अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या की कहानी


अतीक अहमद हत्याकांड के वीडियो को बार-बार देखने के बाद कई सारी चीज़ें सामने आती हैं
– हत्यारों को किसी अच्छे प्रशिक्षक की देख रेख में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गयी
– हत्यारों को नशा का सेवन करवाया गया
– हत्यारों को विदेशी हथियार को चलाने, मैगज़ीन भरने, लोड करने की ट्रेनिंग दी गयी
– हत्यारों को निडर बनाने के लिए उन्हें भावनात्मक सन्देश सुनवाये गए होंगे
– हत्यारों को घटना अंजाम देते समय कोई नुक्सान नहीं होगा, का पुख्ता भरोसा दिलवाया गया होगा

तमाम बातों के बीच सावल वोही है कि हत्याकांड को अंजाम दिलवाया किसने?

मुख्यमंत्री योगी को अगर ये हत्याकांड करवाना होता तो उनके पास और कई सारे तरीके थे जिसमे कोई सवाल भी खड़े न होते, जेल के अंदर किसी अन्य अपराधी से मुन्ना बजरंगी की हत्या की तरह करवाया जा सकता था, कोई बरमदगी करने के लिए किसी जंगल में लेजाकर मुढभेड़ दिखाया जा सकता था,

पहले एक रिपोर्ट देखें

Gaurav Singh Sengar
@sengarlive
उत्तर प्रदेश-

संजय राय शेरपुरिया को STF ने दबोचा-

ख़ुद को PM मोदी से लेकर बड़े नेताओं का करीबी बताने वाला संजय राय अरेस्ट,सूत्र बताते हैं कि संजय ने SBI से करोड़ों रुपये का लोन ले रखा है,काम कराने के नाम पर सैकड़ों लोगों से की है ठगी,बहुत से भाजपा नेताओं के साथ मंच साझा कर…

Vijay Shanker Singh IPS Rtd
@vssnathupur
खबर है UP STF ने संजय शेरपुरिया को फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। शेरपुरिया के संबंध, RSS प्रमुख मोहन भागवत, पीएम सहित बीजेपी के अनेक वरिष्ठ नेताओं से हैं। ! इन्हें महाठग बताया जा रहा है। इसने पीएम नरेंद्र मोदी पर, ‘दिव्यदर्शी मोदी’ नाम से किताब भी लिखी है!

UPSTF ने गोरखपुर निवासी संजय शेरपुरिया को गिरफ्तार कर लिया है, संजय शेरपुरिया कोई आम आदमी नहीं है, इस के सम्बन्ध देश के एक नंबर, दो नंबर, तीन नंबर के नेताओं से हैं, इनके सम्बन्ध आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ के अन्य बड़े लोगों से हैं, संजय शेरपुरिया ने मोदी के ऊपर एक किताब भी लिखी थी जिसका विमोचन भागवत ने किया था, संजय शेरपुरिया के तस्वीरें अमितशाह, जेपी नड्डा, अनुराग ठाकुर, अंजना ॐ कश्यप, यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित तमाम भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ वॉयरल हो रही हैं

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड से यूपी एसटीएफ ने एक बड़े नटवरलाल संजय शेरपुरिया को अरेस्ट कर लिया है। मामूली ड्राइवर से शातिर नटरवालाल बने महाठग ने बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं के साथ फ्रॉड कर उन्हें चूना लगा चुका है। इतना ही नहीं देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लुटियंस जोन में संजय शेरपुरिया का 500 करोड़ का बांग्ला है।

संजय शेरपुरिया के घर में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह समेत बीजेपी के अन्य बड़े नेता शामिल होते थे, संजय शेरपुरिया को मेनस्ट्रीम का मीडिया ठग की उपाधि दे रहा है जबकि ये नेताओं के बीच बिचोलिये की भूमिका निभाता था, जानकारी के मुताबिक संजय शेरपुरिया का इस्तेमाल दिल्ली की सरकार उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार के खिलाफ अपने कार्यक्रम चलाने के लिए किया करती थी, वो उत्तर प्रदेश में मोदी का ब्रांड एम्बेसडर था


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संजय ने पीएम आवास के नाम पर भी लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी। एसटीएफ आज यानी की बुधवार को इसका खुलासा कर सकती है।

खुद को नेताओं और अधिकारियों का बताता है रिश्तेदार
संजय फॉर यूथ नाम की एक संस्था चलाकर इस नटवरलाल ने करोड़ों रूपये की ठगी की है, इतना ही नहीं कंपनी का एक स्लोगन ”स्वरोजगार से आत्मनिर्भर गाजीपुर बनाने का लक्ष्य” रखा गया है। वह खुद को भाजपा के बड़े नेता व नामचीन अधिकारियों और नेताओं का रिश्तेदार या करीबी होने का दावा करता है। शातिर अंदाज में वह लोगों को तरह-तरह का लालच देकर मोटी रकम वसूलता है। इसके अलावा भी उसने कई तरह के बड़े-बड़े फ्रॉड भी किए हैं।

कई कारनामे सुर्खियों में छाए
शातिर नटरवलाल ने दिल्ली और यूपी के साथ-साथ गुजरात में भी हवाला देकर धोखाधड़ी गैंग चला रखा था। इसके साथ ही दिल्ली व गाजीपुर और लखनऊ में भी इसके ठिकाने बताए गए हैं। संजय राय उर्फ संजय शेरपुरिया के कई बड़े कारनामे सुर्खियों में छाए रहे। सीबीआई जांच से एक शख्स को बचाने के नाम पर इसने एक बंगले पर अपना कब्जा जमा लिया। इतना ही नहीं इसने फर्जी कंपनियां बनाकर अकूत धन के माध्यम से करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया है।

लंबे समय से तलाश रही थी एसटीएफ
एसटीएफ लंबे समय से पड़ताल कर रही थी। पुख्ता साक्ष्य जुटाने के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई है। एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश ने संजय शेरपुरिया की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। एसटीएफ की पूछताछ में शेरपुरिया ने कई खुलासे किए हैं। जिसमें शेरपुरिया ने कैसे ठगी को अंजाम दिया उसकी पूरी जानकारी भी दी है। महाठग अपने गैंग के माध्यम से कई अधिकारियों और कारोबारियों को अपना शिकार बना चुका है।

संजय शेरपुरिया को UPSTF ने पकड़ लिया है और उसे जेल भेज दिया है, संजय शेरपुरिया की गिरफ्तारी से गुस्से में आयी दिल्ली की हुकूमत ने गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के बेहद क़रीबी उद्योगपति के घर पर इनकम टैक्स का छापा मरवा दिया, गोरखपुर में गैलेंट कपंनी पर इनकम टैक्स का छापा संजय शेरपुरिया की गिरफ्तारी के जबाव में की गयी है,

दिल्ली और लखनऊ के बीच झगड़ा पुराना है, दिल्ली का दरबार योगी को किसी भी सूरत में दिल्ली पहुँचने नहीं देना चाहता है, उत्तर प्रदेश से लोकसभा की 80 सीट आती हैं, यहाँ मोदी से ज़यादा योगी असरदार हैं, योगी के राजनैतिक कद को कम करने के लिए दिल्ली से जो काम हो रहे हैं, वो अभी जारी रहेंगे


अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या किसने करवाई, हत्यारों के मददगार कौन लोग हैं, इन मुद्दों पर चर्चाएं होती रहेंगी, जांच भी होंगी ही मगर ”असल” चेहरे कभी सामने नहीं आएंगे, ये सत्ता की लड़ाई है, ये राजनीती के झगडे हैं, ये दिल्ली और लखनऊ के टकराव के नतीजे हैं,,,,सियासत में कोई किसी का नहीं होता, किसी के मरने/जीने से किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता,,,,सच कहना/लिखना मुश्किल नहीं मगर इतना आसान भी नहीं,,,बहुत बार आप और हम सच्चाई जानते हैं लेकिन जानने के बावजूद कितनी ही वजह होती हैं जिनकी वजह से खामोश रह जाते हैं,,,,